ऑल इंडिया पेपर ट्रेडर्स कॉंफ्रेंस का श्री मोदी ने किया शुभारम्भ
गुजरात भारतीय नोटों के प्रिंटिंग पेपर के लिए उद्योग स्थापित करने को तैयार प्रोत्साहक राहत देना भी मंजूर: श्री मोदी
भारतीय नोटों के कागज का स्वदेश में उत्पादन होना चाहिए, इंडियन करंसी के प्रिंटिग पेपर विदेश से आयात क्यों ?
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऑल इंडिया पेपर उद्योग की कांफ्रेंस का आज अहमदाबाद में शुभारम्भ करते हुए कहा कि भारतीय नोटों के लिए प्रिंटिंग पेपर का उत्पादन भारत में ही किया जाना चाहिए। जिन नोटों पर गांधीजी की तस्वीर छपती है उस इंडियन करेंसी के लिए कागज विदेश से क्यों आयात करने पड़ते हैं ? सवाल उठाते हुए श्री मोदी ने कहा कि नोटों के कागज के लिए स्वदेशी कागज का उत्पादन करने का उद्योग लगाने को गुजरात तैयार है और प्रोत्साहक राहत देने को भी। अहमदाबाद पेपर मर्चेंट एसोसिएशन के तत्वावधान में यह 51 वीं राष्ट्रीय पेपर कांफ्रेंस आज से तीन दिन के लिए शुरु हुई। पेपर ट्रेडर्स और उद्योग की यह पहली कांफ्रेंस है जिसमें किसी राज्य के मुख्यमंत्री को निमंत्रण दिया गया है। गुजरात में देश के पेपर उद्योग उत्पादन का 35 प्रतिशत हिस्सा है और काफी विकास की सम्भावनाएं भी है।कागज के उत्पादकों, विक्रेताओं और उपभोक्ता की जरूरत पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा कि कागज उत्पादन, प्रक्रिया, गुणवत्ता आदि के लिए भारत में पेपर उद्योग को रिसर्च एन्ड डवलपमेंट पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। देश में कागज का प्रतिव्यक्ति उपयोग कम है मगर 120 करोड़ के विशाल देश में कागज का कुल उपयोग ज्यादा है। कागज बनाने के लिए रॉ मटीरियल वेस्ट, कचरे में से उपलब्ध करवाने का नेटवर्क खड़ा करके कागज का आयात रोका जा सकता है।
श्री मोदी ने कहा कि नवसारी कृषि युनिवर्सिटी ने केले के तने के वेस्टेज में से कागज और कपड़ा बनाने के संशोधन किए हैं। केले के वेस्ट फाइबर में से बने कागज के दस्तावेज लम्बे समय तक चलते हैं। कागज उत्पादन के खर्च में भारी हिस्सा जल उपयोग का है। कम पानी खर्च कर कागज का उत्पादन करने की नई तकनीक विकसित कर पानी की बचत और पर्यावरण की रक्षा भी की जा सकती है।उन्होंने पेपर उद्योग में फॉरेन इंवेस्टमेंट के लिए भारत सरकार की नीति की आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार पॉलिसी की अनिर्ण्यात्मकता से घिरी हुई है।