अहमदाबाद में 20वें नेशनल गारमेंट फेयर का श्री मोदी ने किया उद्घाटन
नई इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पॉलिसी लाने जा रही है गुजरात सरकार : मुख्यमंत्री
फैशन की बदलती दुनिया में स्पर्धा में टिके रहने की व्यूह रचना अपनानी होगी
गारमेंट उद्योग के वैश्विक विकास के लिए फाइव-एफ क्लस्टर नीति
अहमदाबाद, शुक्रवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में 20वें नेशनल गारमेंट फेयर का उद्घाटन करते हुए विश्व के बाजारों में निरंतर बदलते वस्त्र परिधान की फैशन स्पर्धा में टिके रहने के लिए व्यूहरचना बनाने का गारमेंट उद्योग को आह्वान किया।
गुजरात गारमेंट मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (जीजीएमए) की ओर से आयोजित इस तीन दिवसीय नेशनल गारमेंट फेयर में रेडीमेड गारमेंट के करीबन 500 उत्पादक अपने ब्राण्ड नेम के साथ शिरकत कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार नई इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पॉलिसी लाने जा रही है। भारतीय वस्त्र उद्योग को बदनाम करने के लिए पश्चिमी देशों की ओर से किये जा रहे च्च्चाइल्ड लेबरज्ज् के भ्रामक प्रचार से सावधान रहने की चेतावनी भी उन्होंने दी।
गारमेंट उद्योग की नींव में बतौर कच्चा माल कपास की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तैयार वस्त्रों के रंगरूप के विकास का सीधा संबंध कपास उत्पादक किसानों के परिश्रम की सफलता का आभारी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के इस युग में सभी उद्योग-व्यापार पर अर्थनीति का प्रभाव पडऩे के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि गारमेंट उद्योग को भी विश्व के बाजारों के साथ स्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सस्ती कीमत और निरंतर बदलते फैशन के इस प्रतियोगी जमाने में बाजार को प्रभावित करने के लिए गारमेंट वस्त्र उद्योगों को चाहिए कि वे फैशन डिजाइन के बदलाव को केन्द्रस्थान में रखें। फैशन डिजाइन में लगातार संशोधन और हेल्थ केयर कॉन्शियस के जरिए गारमेंट वस्त्रों की गुणवत्ता में बदलाव लाने का श्री मोदी ने अनुरोध किया।गुजरात सरकार ऐसी नीतियों को प्राथमिकता देती है जिसमें उद्योगों का विकास बहुत तेजी से हो। इसकी भूमिका प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला उद्योग कपड़ा-गारमेंट है, और इसके मानवीय संवेदना वाले पहलू को ध्यान में लेने की जरूरत है।
इस सन्दर्भ में, गुजरात में गारमेंट उद्योग को विश्व के बाजार में टिके रहने की नई ताकत खड़ी करने के लिए तैयार कपड़ों के लिए कपास उत्पादन से लेकर बाजार व्यवस्था तक के फाइव-एफ क्लस्टर का विकास करने का श्री मोदी ने आह्वान किया। फार्म-टू-फैब्रिक-टू-फाइबर-टू-फैशन-टू-फॉरेन के इस क्लस्टर के लिए गारमेंट इंडस्ट्रीज को नई पहल करते हुए भारतीय वस्त्र परिधान की विशेषताओं का प्रभाव फैलाने का अनुरोध उन्होंने किया।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के 120 करोड़ के विराट जनसमाज की वस्त्र परिधान की बढ़ रही आवश्यकताओं का आंतरिक बाजार और खादी जैसे परंपरागत वस्त्रों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण को बदल कर खादी मात्र गांधीवादी ही नहीं है, बल्कि खादी फॉर फैशन से दुनिया को प्रभावित किया जा सके, ऐसे हॉलिस्टिक हैल्थ केयर और एन्वायर्नमेंट फ्रेंडली खादी वस्त्रों को विश्व में प्रचलित करने के प्रयासों पर मुख्यमंत्री ने बल दिया।
उन्होंने टेक्सटाइल गारमेंट इंडस्ट्रीज के विकास में अवरोधक केन्द्र सरकार की नकारात्मक नीति की आलोचना करते हुए कहा कि, क्या वजह है कि बांग्लादेश का रेडीमेड गारमेंट भारत में आ रहा है और भारत के गरीबों की रोजीरोटी छिन रही है। किसलिए बांग्लादेश के गारमेंट वस्त्रों पर लगने वाली एक्साइज कस्टम ड्युटी माफ की गई है? ऐसी विशेष राहत बांग्लादेश के गारमेंट उद्योगों के लिए किसलिए दी जा रही है?
गुजरात में गारमेंट वस्त्र उद्योग के विकास के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं, ऐसे में मेड इन इंडिया की विश्वसनीयता का ब्राण्ड खड़ा करने के लिए गारमेंट उद्योग को जीरो प्रोडक्ट डिफेक्ट के मंत्र के साथ क्वालिटी प्रोडक्ट गारमेंट के लिए कोई समझौता नहीं करने और भारत के गारमेंट ब्राण्ड की विश्वसनीयता स्थापित करने का प्रेरक मार्गदर्शन मुख्यमंत्री ने दिया।
उद्योग राज्य मंत्री सौरभभाई पटेल ने कहा कि गुजरात के विकास में केन्द्र की गलत नीतियों के बावजूद गुजरात ने अपने बल पर वाइब्रेंट इन्वेस्टर्स समिट जैसी वैश्विक उद्योग समिट द्वारा विश्व स्तर पर उद्योग-व्यापार क्षेत्र में अपना स्थान बनाया है।
प्रारंभ में एसोसिएशन के प्रमुख विजय पुरोहित ने सभी का स्वागत किया। मुख्यमंत्री द्वारा गारमेंट उद्योग के विकासलक्षी पहलुओं से संबंधित स्मरणिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में कानून राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, 20 सूत्रीय कार्यक्रम अमलीकरण समिति के अध्यक्ष कौशिकभाई पटेल, मेयर असित वोरा, एसोसिएशन के पदाधिकारीगण, गारमेंट उद्योग के साथ जुड़े उद्योगपति और व्यापारी भारी संख्या में मौजूद थे।