पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री श्री एन. रंगासामी आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में उनके आवास पर मिले। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी।
प्रधानमंत्री: अच्छा तो तुम आर्टिस्ट भी हो?
विद्यार्थी: सर आपकी ही कविता है।
प्रधानमंत्री: मेरी ही कविता गाओगी।
विद्यार्थी: अपने मन में एक लक्ष्य लिए, मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए
हम तोड़ रहे हैं जंजीरें, हम बदल रहे हैं तकदीरें
ये नवयुग है, ये नव भारत, हम खुद लिखेंगे अपनी तकदीर
हम बदल रहे हैं तस्वीर, खुद लिखेंगे अपनी तकदीर
हम निकल पड़े हैं प्रण करके, तन-मन अपना अर्पण करके
जिद है, जिद है एक सूर्य उगाना है, अम्बर से ऊँचा जाना है
एक भारत नया बनाना है, अम्बर से ऊँचा जाना है, एक भारत नया बनाना है।
प्रधानमंत्री: वाह।
प्रधानमंत्री: क्या नाम है?
विद्यार्थी: स्पष्ट नहीं।
प्रधानमंत्री: वाह आपको मकान मिल गया है? चलिए, प्रगति हो रही है नये मकान में, चलिए बढ़िया।
विद्यार्थी: स्पष्ट नहीं।
प्रधानमंत्री: वाह, बढ़िया।
प्रधानमंत्री: यूपीआई..
विद्यार्थी: हाँ सर, आज हर घर में आप की वजह से यूपीआई है..
प्रधानमंत्री: ये आप खुद बनाती हो?
विद्यार्थी: हां।
प्रधानमंत्री: क्या नाम है?
विद्यार्थी: आरणा चौहान।
प्रधानमंत्री: हाँ
विद्यार्थी: मुझे भी आपको एक पोयम सुनानी है।
प्रधानमंत्री: पोयम सुनानी है, सुना दो।
विद्यार्थी: नरेन्द्र मोदी एक नाम है, जो मीत का नई उड़ान है,
आप लगे हो देश को उड़ाने के लिए, हम भी आपके साथ हैं देश को बढ़ाने के लिए।
प्रधानमंत्री: शाबाश।
प्रधानमंत्री: आप लोगों की ट्रेनिंग हो गई?
मेट्रो लोको पायलट: यस सर।
प्रधानमंत्री: संभाल रहे हैं?
मेट्रो लोको पायलट: यस सर।
प्रधानमंत्री: आपको संतोष होता है इस काम से?
मेट्रो लोको पायलट: यस सर। सर, हम इंडिया की पहली (अस्पष्ट)...सर काफी गर्व होता है इसका..., अच्छा लग रहा है सर।
प्रधानमंत्री: काफी ध्यान केंद्रित करना पड़ता होगा, गप्पे नहीं मार पाते होंगे?
मेट्रो लोको पायलट: नहीं सर, हमारे पास समय नहीं होता ऐसा कुछ करने का…(अस्पष्ट) ऐसा कुछ नहीं होता।
प्रधानमंत्री: कुछ नहीं होता।
मेट्रो लोको पायलट: yes सर..
प्रधानमंत्री: चलिए बहुत शुभकामनाएं आप सबको।
मेट्रो लोको पायलट: Thank You Sir.
मेट्रो लोको पायलट: आपसे मिलकर हम सबको बहुत अच्छा लगा सर..