"Gujarat Chief Minister meets Indian Forest Service Probationers from 20 states"
"“Good governance is solving people’s problems”"
"“Environment and development are complementary to one another” – Narendra Modi"

भारतीय वन सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

सुशासन ही आम आदमी की समस्या का समाधानः मुख्यमंत्री

पर्यावरण और विकास एक-दूसरे के पूरक

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के २० राज्यों के भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के प्रोबेशनरी अधिकारियों के समूह को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन ही आम आदमी की समस्याओं का समाधान है। देश में आम तौर पर प्रशासन तंत्र की व्यवस्था एक सरीखी है लेकिन जरूरत है प्रशासन तंत्र में, उसकी कार्यसंस्कृति में सेवा भाव के लिए बदलाव लाने की मानसिकता उजागर करने की।

नेशनल फॉरेस्ट अकादमी में से भारतीय वन सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारी गुजरात के अभ्यास दौरे पर हैं। आज इस समूह ने मुख्यमंत्री से औपचारिक मुलाकात की और यह जानकारी हासिल की कि सुशासन की स्थापना के लिए जरूरी चुनौतियों का गुजरात ने किस तरह सामना किया।

‘टीम गुजरात’ के मिजाज में सुशासन का विजन विकसित करने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परिणाम लाने के लिए टीम-भावना अनिवार्य है। इसके साथ ही प्रशासनिक प्रबंधन ऐसा होना चाहिए कि नीति-कार्यक्रमों के अमलीकरण के लिए असंदिग्ध निर्देश ऊपर से नीचे तक पहुंचे और नीचे से ऊपर तक उसके क्रियान्वयन की जानकारी पहुंचे। उन्होंने कहा कि विकास के लिए प्रशासनिक तंत्र में विधेयात्मक अभिगम होना जरूरी है।

श्री मोदी ने कहा कि गुजरात का सुशासन मॉडल सफल रहा है और उसमें जनता की उत्तम भागीदारी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों का समन्वय गतिशीलता को बल देगा। सरदार सरोवर नर्मदा बांध के लिए विश्व बैंक ने जब पर्यावरण सुरक्षा को लेकर सहायता देने पर आपत्ति जतायी तब गुजरात ने अपने पुरुषार्थ से नर्मदा योजना का काम आगे बढ़ाया। गुजरात आज पानी की वजह से सामाजिक वनीकरण के मामले में शिखर पर है। पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी विकास का विजन जरूरी है।

गुजरात में सूखी धरा के बावजूद वन वृद्धि और वन्य जीव सृष्टि के जतन और संवर्द्धन की जानकारी इन अधिकारियों ने हासिल की। गुजरात के वन्य सृष्टि वैभव को पर्यटन के लिए आकर्षण का केन्द्र बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि प्रकृति के साथ संघर्ष और पर्यावरण को नष्ट कर पश्चिम के समृद्ध देशों ने बड़ा संकट खड़ा किया है। गुजरात ने क्लाइमेट चेन्ज की चुनौतियों के सामने प्रकृति के शोषण के बजाय दोहन की नीति अपनायी है। कार्बन क्रेडिट से आगे बढ़कर ग्रीन क्रेडिट की राह बतलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले वृक्षारोपण करें फिर विकास के प्रोजेक्ट आगे बढ़ाएं। गुजरात सरकार द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा हेतु लोकशिक्षा के लिए जिलेवार ग्रीन स्कूल शुरू करने की अभिलाषा भी उन्होंने व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गिर के जंगल में वन सुरक्षा के लिए गुजरात की युवतियां भी अपना योगदान दे रहीं हैं।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव एच.के. दास तथा वन सेवा के प्रोबेशनरी समूह के कन्वीनर एस.के. अवस्थी मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.