राजकोट : शहरी गरीबों के लिए आवास के दो प्रोजेक्ट का मुख्यमंत्री ने किया भूमिपूजन
महानगरपालिका द्वारा 2624 आवास 82.75 करोड़ के खर्च से बनेंगे
गुजरात को झोंपड़पट्टी मुक्त राज्य बनाया जाएगा : मुख्यमंत्री
गुजरात हाउसिंग बोर्ड के 416 बहुमंजिला आवास गरीबों को मिलेंगे
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजकोट के शहरी गरीबों के लिए दो आवास योजनाओं का शिलान्यास करते हुए गुजरात को स्लम-फ्री स्टेट (झोंपड़पट्टी मुक्त गुजरात) बनाने का संकल्प जताया। उन्होंने शहरी गरीबों के लिए घर नुं घर के लुभावने वादे करके जनता को मूर्ख बनाने के विपक्ष के षडय़ंत्र को धोखाधड़ी करार दिया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मजयंती के मौके पर आज राजकोट में शहरी दरिद्रनारायणों के जीवन में लगभग 3100 मकान 125 करोड़ रुपये के खर्च से बनाकर सामाजिक आर्थिक परिवर्तन का उदय करने की बात मुख्यमंत्री ने कही।
राजकोट के इन दो शहरी आवास प्रोजेक्ट के तहत महानगर सेवासदन द्वारा 82650 वर्गमीटर जमीन पर 94 वर्ग मीटर प्रति आवास के 2624 आवास रुखडिय़ा परा, रइया और कुबलिया परा में निर्मित किए जाएंगे। इसके लिए 82.75 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। शहरी गरीबों के आवास के लिए बनाए जाने वाले प्रति यूनिट में एक लिविंग, एक बेड रूम, रसोई और सेनीटेशन के साथ आधुनिक ढांचागत सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। दो वर्ष में आवास प्रोजेक्ट संपन्न होंगे और प्रत्येक आवास की अंदाजित कीमत 3.37 लाख रुपये होगी जो आसान किस्तों में पारदर्शी स्तर पर शहरी गरीब लाभार्थी को मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने गुजरात हाउसिंग बोर्ड के चार महानगरों में शहरी गरीबों और जरूरतमंद, आर्थिक कमजोर और मध्यम वर्ग के समूहों के लिए तैयार होने वाले आवासीय प्रोजेक्ट के तहत राजकोट में 416 आवासों की 13 फ्लोर के बहुमंजिला आवास संकुल का मुंजका में शिलान्यास किया। करीब 57.50 करोड़ रुपये के खर्च से 47 वर्ग मीटर के प्रत्येक आवास यूनिट में ड्राइंग रूम, बेड रूम, रसोई, सेनीटेशन, दो बालकनी और स्टोर रूम की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
श्री मोदी ने कहा कि भूतकाल की सरकारों में हाउसिंग बोर्ड के प्रशासन की आबरू ही नहीं रही थी और न ही लोगों को उसमें कोई भरोसा था। इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए वर्तमान गुजरात सरकार हाउसिंग बोर्ड के ढांचे को पुनर्गठित कर चार महानगरों में 7000 हाउसिंग बोर्ड के आवास गरीबों के लिए बनाएगी। भूतकाल में तो गरीब लोगों के आवास इतने जर्जरित थे कि जानवरों के सिंग से भी दीवार गिर जाती थी। इन सभी आवासों को फिर से बनाने का बीड़ा इस सरकार ने उठाया है।
इस सरकार ने पिछले 11 वर्ष को मिलाकर 22 लाख आवास बीपीएल परिवारों के लिए आवंटित कर दिए हैं जबकि भूतकाल के 50 वर्ष में बमुश्किल 10 लाख मकान बने थे, जो रहने लायक नहीं थे। इस सरकार ने दस वर्ष में 16 लाख मकान बनाए और इस वर्ष गरीब कल्याण मेले में बीपीएल को अन्य छह लाख आवासीय प्लाट और निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि की प्रथम किस्त के चेक प्रदान कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी गांवों में कच्चे मकानों में रहने वाले गरीबों को 25 लाख जितने पक्के आवास देने की योजना का सर्वे पूरा कर लिया गया है। गुजरात में हाउसिंग बोर्ड योजना के बहुमंजिला आवास संकुल पीपीपी मॉडल पर बनाए जाएंगे।
इस मौके पर वित्त मंत्री वजूभाई वाळा ने भी अपने प्रासंगिक विचार रखे। गुजरात हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष जयंतीभाई बारोट के साथ ही शहरी विकास मंत्री नीतिनभाई पटेल, कृषि मंत्री दिलीपभाई संघाणी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आर.सी. फल्दु, पूर्व सांसद विजयभाई रुपाणी आदि मौजूद थे। विधायक गोविंदभाई पटेल, भानुबेन बाबरिया, डिप्टी मेयर दीपाबेन चिकाणी, धनसुखभाई भंडेरी के साथ ही अन्य कई जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में मौजूद थे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री मोदी और उपस्थित महानुभावों का कमिशनर अजय भादू ने गुलदस्ते और पुस्तक के साथ स्वागत किया। स्वागत भाषण मेयर जनकभाई कोटक और आभार विधि डॉ. जैमन उपाध्याय ने की। इस मौके पर गुजरात हाउसिंग बोर्ड के कमिशनर ए.के. राकेश, जिला कलक्टर राजेन्द्र कुमार और जनता भारी संख्या में मौजूद थी।