"Gujarat’s battle against malnutrition CM launches ‘Doodh Sanjivani’ project in Surat"
"A novel initiative by Surat district panchayat for rooting out malnutrition"
"CM hands over order letters for allotting spare land under Land Ceiling Act to the landless tribals"
"“While the Prime Minister does nothing except describing malnutrition as a matter of national shame and keep shedding tears on it, Gujarat has already started taking concrete steps in this regard since 2004” ~ Narendra Modi"

सूरत जिला पंचायत की अनोखी पहल : दूध संजीवनी प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री कुपोषण की च्राष्ट्रीय शर्मज् का रोना रो रहे हैं जबकि गुजरात ने कुपोषण मुक्त गुजरात का जनअभियान शुरू किया : मुख्यमंत्री

आंगनबाड़ी सहित आदिवासी प्राथमिक स्कूल के

बच्चों को मिलेगी दूध की संजीवनी

 मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात को कुपोषण मुक्त बनाने का दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कुपोषण को राष्ट्रीय शर्म बताने का रोना रोते हैं जबकि गुजरात ने तो जनभागीदारी से कुपोषण के खिलाफ जंग 2004 से ही शुरू कर दी है और लाखों शिशुओं, बच्चों सहित गरीब माताओं को कुपोषण से बचा लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावी वर्ष में राजनीति और वोट बैंक की परवाह किए बगैर इस सरकार ने शिशुओं और बच्चों के पोषण को ही प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि गुजरात के समझदार नागरिकों ने राज्य को तबाह करने वाले और झूठी अफवाह फैलाने वालों को 20 वर्षों से किनारे लगा दिया है। सूरत जिला पंचायत द्वारा जनभागीदारी से जिले की 1640 आंगनबाडिय़ों के 40,000 हजार से अधिक शिशुओं को कुपोषण की पीड़ा से मुक्त करने के अभियान का शनिवार को मुख्यमंत्री ने प्रारंभ किया। दूध संजीवनी प्रोजेक्ट अभियान के तहत बच्चों को सप्ताह में दो दिन दूध का संपूर्ण आहार प्रदान किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में वार्षिक दो करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

जिसमें 90 लाख रुपये का योगदान सहकारिता क्षेत्र तथा औद्योगिक समूहों की ओर से सामाजिक दायित्व के रूप में दिया गया है। इसके अलावा ओलपाड और चोर्यासी तहसील की करीबन 25 प्राथमिक स्कूलों, जहां मुख्यत: आदिवासी बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं, का भी दूध संजीवनी प्रोजेक्ट में समावेश किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लैंड सीलिंग एक्ट के तहत फाजल जमीन को 61 भूमिहीन आदिवासियों को स्थायी तौर पर आवंटित करने के आदेश पत्र भी इनायत किए। कुपोषण के खिलाफ 2004 से जारी गुजरात की जंग का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में कुपोषण को राष्ट्रीय शर्म करार देने वाले प्रधानमंत्री समस्या के निराकरण के बजाय महज समस्या का रोना रो रहे हैं, जबकि गुजरात ने समाजशक्ति को साथ लेते हुए कुपोषण निवारण का अभियान छेड़ा है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात शाकाहारी है, उसकी अपनी परंपरागत आदतेें हैं लिहाजा कुपोषण की समस्या के खिलाफ योजनाबद्घ तरीके से सर्वग्राही कार्यक्रम शुरू किया है। केवल पांच महीनों में ही दूध संजीवनी योजना की मदद से बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने में सफलता मिली है।

श्री मोदी ने कहा कि कुपोषण की पीड़ा के लिए महज समाज की संवेदना ही नहीं जगाई बल्कि समग्र सरकारी तंत्र के  हजारों कर्मचारियों ने भी आंगनबाडिय़ां दत्तक ली हैं। अनेक अधिकारियों के परिजन भी इससे जुड़़े हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात का बच्चा स्वस्थ्य होगा तो आने वाले कल का गुजरात का समाज भी समर्थ और शक्तिशाली होगा। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि पूर्व की सरकारों ने उमरगाम से अंबाजी तक के आदिवासी पट्टे में विज्ञान संकाय की उच्चतर माध्यमिक स्कूलें ही शुरू नहीं की थी तो आदिवासी युवा डॉक्टर या इंजीनियर कैसे बनेगा। वहीं, उनकी सरकार ने प्रत्येक आदिवासी तहसील में विज्ञान संकाय की उच्चतर माध्यमिक स्कूलें शुरू की हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऐसा कोई गरीब नहीं होगा जिसके पास आवास के लिए जमीन नहीं हो, ऐसी स्थिति का निर्माण किया है। 0-16 वाले गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले सभी आवासहीनों को भूखंड प्रदान कर दिए गए हैं। इलाज के अभाव में गरीब के बच्चे की मौत न हो इसके लिए डेढ़ करोड़ जितने स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का अभियान छेड़ा है और लाखों बच्चों को नवजीवन प्रदान किया है।  

 मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि गुजरात ने प्रगति नहीं की होती तो पूरे देश के लोगों को सर्वाधिक रोजगार किस तरह मिलता? लाखों युवा सिर ऊंचा कर जी सकें इसके लिए रोजगार के सर्वाधिक अवसर गुजरात ने प्रदान किए हैं। भारत सरकार की रिपोर्ट ही इस बात की गवाही देती है कि गुजरात ने सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान किए हैं। जनता को कब तक अंधेरे में रखोगे, ऐसा सवाल उठाते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत को यदि विकास करना है तो उसे गुजरात के विकास से सीख लेनी होगी। इस हकीकत को स्वीकार करने के अलावा वर्तमान केन्द्र सरकार के पास दूसरा कोई चारा नहीं हैश्री मोदी ने कहा कि विकास को लेकर केन्द्र सरकार की सभी रपटों में गुजरात अग्रिम पायदान पर है, लेकिन जनता को झूठ से बरगलाने वाले लोग विकास की दृष्टि से नजर आने वाले कार्यों को किस तरह छुपा सकेंगे। आज गुजरात में 25 किमी की त्रिज्या में विकास का कोई न कोई काम चलता नजर आता है, क्योंकि यह सरकार गांधीनगर की तिजोरी में रखे जनता के पैसे पर किसी का पंजा नहीं पडऩे देती, क्योंकि यह सरकार जनता के पैसों की पहरेदार बन कर बैठी है। उन्होंने कहा कि गुजरात में औद्योगिक विकास की छलांग के बावजूद खेती के रकबे में 37 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। दूध संजीवनी जैसे नवीन अभिगम के लिए उन्होंने सूरत जिले की टीम को अभिनंदन दिया

विधानसभा अध्यक्ष गणपतभाई वसावा ने दूध संजीवनी प्रोजेक्ट को महत्वपूर्ण कदम करार देते हुए कहा कि आदिवासी समाज सहित समाज के कमजोर, पिछड़े वर्गों के बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के इस दिशादर्शक कार्य का समूचा श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। पंचायत मंत्री नरोत्त्मभाई पटेल ने कुपोषण के खिलाफ जंग में पूरे समाज को सहभागी बन तंदरुस्त गुजरात के निर्माण का आह्वान किया। जिला प्रभारी एवं वन पर्यावरण मंत्री मंगूभाई पटेल ने दूध संजीवनी प्रोजेक्ट की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए सरकार की अन्य योजनाओं की सफलता की भूमिका पेश की। इस अवसर पर पूर्व मंत्री कानजीभाई पटेल, सूरत जिले के विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष अश्विनभाई तथा विविध समितियों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी तथा कामरेज तहसील पंचायत के पदाधिकारी और आमंत्रित, नागरिक सहित ग्रामजन उपस्थित थे।

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