10,000 करोड़ के खर्च से नर्मदा के बाढ़ के अतिरिक्त एक मिलियन एकड़ फुट पानी से सौराष्ट्र के सभी संचाई बांधों को भरने का श्री मोदी का ऐलान

हर खेत को पानी का पंडित दीनदयाल का सपना साकार करेगा गुजरात : मुख्यमंत्री

1115 किमी लंबी चार लिन्क का निर्माण कर ग्रेविटी से भरे जाएंगे सौराष्ट्र के 115 जलसिंचाई बांध

10 लाख एकड़ क्षेत्र में मिलेगी नर्मदा के पानी से बांध-सिंचाई सुविधा

 

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजकोट में आयोजित किसान विकास सम्मेलन में समग्र सौराष्ट्र के सात जिलों के जलसिंचाई बांधों को नर्मदा नदी के बाढ़ के अतिरिक्त एक मिलियन एकड़ फुट पानी से भरने की 10,000 करोड़ रुपये की सौराष्ट्र नर्मदा-अवतरण इरिगेशन योजना (सौनी योजना) को अमलीकृत करने की महत्वाकांक्षी घोषणा की।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मजयंती के अवसर पर आयोजित विराट किसान विकास सम्मेलन में सौनी योजना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा सभी जलसिंचाई बांधों की भूभौगोलिक स्थिति व जलसंग्रह क्षमता की सर्वेक्षण रिपोर्ट पूरी होने के बाद नर्मदा अवतरण के जरिए सौराष्ट्र को चार लिन्क जोन में बांटकर ग्रेविटी के माध्यम से सौराष्ट्र की नर्मदा नहर से बांधों तक पानी पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जून, 2013 में चारों लिन्क जोन के लिए टेन्डर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उसी वर्ष योजना के निर्माण का भगीरथ कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। तीन वर्ष में पश्चिम, पूर्व, दक्षिण और मध्य सौराष्ट्र की चार लिन्क द्वारा 115 बांधों में नर्मदा का कुल एक मिलियन एकड़ फुट पानी छलकेगा। इससे 10 लाख एकड़ क्षेत्र में नर्मदा के पानी से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जनवरी, 2013 से दिव्य-भव्य गुजरात के निर्माण की इमारत का सपना साकार करने का संकल्प किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मजयंती के अवसर पर किसान शक्ति के लिए सौराष्ट्र में नर्मदा अवतरण का जलसिंचाई का भगीरथ अभियान शुरू कर च्हर खेत को पानीज् का सपना साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

चारों लिन्क जोन की कुल 1115 किमी लंबी लिन्क नहर के जरिए सौराष्ट्र के सातों जिलों के 115 बांधों में नर्मदा का पानी ग्रेविटी द्वारा पहुंचाया जाएगा।

इसके तहत राजकोट जिले के 30 बांध, जामनगर जिले के 28 बांध, जूनागढ़ जिले के 13 बांध, अमरेली जिले के 9 बांध, सुरेन्द्रनगर जिले के 5 एवं पोरबंदर जिले के 4 बांधों को नर्मदा के पानी से भरा जाएगा। लिन्क-1 मच्छु-2 से सानी (पूर्व सौराष्ट्र), लिन्क-2 काळुभार से राचडी (पश्चिम सौराष्ट्र), लिन्क-3 धोळीधजा से वेणुं (मध्य सौराष्ट्र) जबकि लिन्क-4 भोगावो से हिरण-2 (दक्षिण सौराष्ट्र) में आकार लेगी। नर्मदे सर्वदे का मंत्रनाद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दस हजार करोड़ रुपये के खर्च से नर्मदा अवतरण सौराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नई ताजगी प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी पांच वर्ष में नर्मदा अवतरण के इस भगीरथ कार्य सहित कल्पसर योजना का कार्य वे व्यक्तिगत प्रतिबद्घता से करेंगे ताकि आगामी 100 वर्ष तक सौराष्ट्र को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े।

पंडित दीनदयाल जी को उनके जन्मदिवस पर सबसे बड़ी भेंट देने का सौभाग्य प्राप्त होने की खुशी व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि च्हर खेत को पानी और हर हाथ को कामज् का पंडित दीनदयाल जी का सपना भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की सच्ची दिशा थी। भारत का किसान इतना शक्तिशाली है कि वह पूरे यूरोप का पेट भर सकता है, लेकिन केन्द्र के शासकों ने किसानों की इस ताकत को नजरअंदाज किया, फिर भी गुजरात ने इस दिशा में पहल कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्णिम जयंती की पूर्णाहुति के मौके पर उन्होंने कहा था कि गुजरात के स्वर्णिम युग का प्रारंभ हो रहा है, नर्मदा अवतरण इसी की एक झलक है। इससे पूर्व जब सुजलाम सुफलाम प्रोजेक्ट का अभियान शुरू हुआ था तब उस पर भी कई सवाल उठाए गए थे। लेकिन 6000 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए महीनों तक बारीकि से आयोजन किया गया जो कि सफल हुआ। इस वजह से ही डार्कजोन से भी मुक्ति मिली है। यदि ड्रिप इरिगेशन पद्घति अपनाएंगे तो डार्कजोन की स्थिति दोबारा नहीं आएगी।

श्री मोदी ने सभी 115 जलसिंचाई बांध स्थलों पर 7 अक्टूबर तक किसान सम्मेलन आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि काठियावाड़ का प्रत्येक किसान मां नर्मदा की आराधना करे तो नर्मदा अवतरण के इस भगीरथ कार्य में कोई रुकावट नहीं आएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आगामी वर्ष के दौरान सौराष्ट्र के सभी जलसिंचाई बांधों का डिसिल्टिंग करने का अभियान चलाने का आह्वान भी किया। उन्होंने इन 115 जलसिंचाई बांधों में से निकली लाद से किसानों के खेतों को उपजाऊ बनाने की बात भी कही।

सौराष्ट्र को आगामी वर्षों के दौरान सिंचाई और पेयजल आदि की समस्या का सामना न करना पड़े ऐसा आयोजन करने के लिए मुख्यमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी और सबल नेतृत्व का धन्यवाद करते हुए अपने स्वागत भाषण में राज्य के नर्मदा-जलसंपदा और सिंचाई मंत्री नीतिनभाई पटेल ने कहा कि दस हजार करोड़ रुपये की इस योजना  सौराष्ट्र में जलसंकट भूतकाल की बात बन जाएगी। श्री पटेल ने कहा कि सौराष्ट्र को मिली इस ऐतिहासिक भेंट से बड़ी दूसरी कोई भेंट नहीं हो सकती।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद पुरुषोत्तमभाई रुपाला ने सौराष्ट्र की सूखी धरा को नवपल्लवित करने वाली इस सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण योजना के महत्वाकांक्षी आयोजन के लिए काठियावाड़ की समग्र जनता और किसानों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर श्री रुपाला, मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद एवं विधायकों ने योजना का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री का मुंह मीठा करा कर धन्यवाद जताया।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 96वीं जन्मजयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मोदी ने पंडित जी को श्रद्घासुमन अर्पित किए और मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ किसान विकास सम्मेलन का दीप प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नर्मदा एवं जलसंपदा विभाग की ओर से तैयार की गई पुस्तिका का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर वित्त मंत्री वजूभाई वाळा, कृषि मंत्री दिलीपभाई संघाणी, ऊर्जा राज्य मंत्री सौरभभाई पटेल, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री किरीटसिंह राणा, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री वसुबेन त्रिवेदी, ग्राम विकास राज्य मंत्री मोहनभाई कुंडारिया, जलसंपदा राज्य मंत्री कनुभाई भालाळा, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. वल्लभभाई कथीरिया, संसदीय सचिव एलटी राजाणी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आर.सी. फल्दु, मुख्यमंत्री के अग्र सचिव के. कैलाशनाथन, जल संपदा विभाग के अग्र सचिव एस.जे. देसाई, योजना आयोग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, स्वर्णिम गुजरात अमलीकरण समिति के अध्यक्ष इन्द्रविजयसिंह जाडेजा, राजकोट के मेयर जनकभाई कोटक, जिला पंचायत अध्यक्ष हंसाबेन पारेधी, जिला पंचायत कार्यकारिणी चेयरमैन नागदानभाई चावडा, विधायकगण गोविंदभाई पटेल, प्रवीणभाई मांकडिय़ा, जशुबेन कोराट, भानुबेन बाबरिया, कांतिभाई अमृतिया, डॉ.भरतभाई बोघरा, लालजीभाई सोलंकी, राज्यसभा के पूर्व सांसद विजयभाई रुपाणी, राजकोट शहर भाजपा अध्यक्ष धनसुखभाई भंडेरी सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी एवं किसान अग्रणी मौजूद थे।

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