वड़ोदरा में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ की 150वीं जन्मजयंति का शानदार प्रारंभ
बेमिसाल थी गायकवाड़ी राज की उत्तम प्रशासनिक परंपरा : मुख्यमंत्री
च्सयाजी सवारीज् का शान से प्रस्थान कराया मुख्यमंत्री ने
गायकवाड़ी राजपरिवार भी रहा मौजूद
अहमदाबाद, रविवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वड़ोदरा महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ की 150वीं जन्मजयंति महोत्सव का शानदार प्रारंभ कराते हुए कहा कि संस्कार और जनहित के कल्याणकारी कार्यों का कीर्तिमान बनाने वाली गायकवाड़ी राज की उत्तम प्रशासन की परंपरा बेमिसाल थी।
श्री मोदी ने भारत के देसी राजाओं-रियासतों के बेहतरीन कार्यों के वास्तविक इतिहास को जनता के समक्ष प्रस्तुत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गुलामीकाल में विदेशी सल्तनत ने जनप्रिय राजसत्ताओं की चुनौतियों से भयभीत होकर तत्कालीन राजसत्ता और राजाओं की रंगीन मिजाजी का विकृत इतिहास लिखवाने का समयबद्घ आयोजन किया।
समग्र वड़ोदरा महानगर समिति और सयाजीराव गायकवाड़ स्मारक ट्रस्ट के तत्वावधान में रविवार से वड़ोदरा में सयाजीराव सार्ध जन्मशताब्दी महोत्सव का शानदार प्रारंभ हुआ।
नगरजनों के सैलाब के बीच मुख्यमंत्री ने च्सयाजी सवारीज् को प्रस्थान कराया। इस सवारी में करीब 110 टेब्लोज-फ्लोट्स में सयाजीराव सुशासन की विशिष्ट पहलों, परंपराओं को प्रस्तुत किया गया है। समग्र कार्यक्रम के दौरान गायकवाड़ राज परिवार भी मौजूद था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. बंशीधर शर्मा लिखित च्सयाजीराव जीवन दर्शनज् और गुजरात समाचार, लंदन के प्रकाशक सीबी पटेल संकलित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
वर्ष 2012 में गुजरात के सार्वजनिक जीवन के लिए अनेक महानुभावों को स्मरणांजलि देने के सुयोग की रूपरेखा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की 150वीं जन्मजयंति, भावनगर महाराजा श्री कृष्णकुमारसिंहजी की जन्मशताब्दी, सयाजीराव गायकवाड़ की 150वीं जन्मजयंति, पन्नालाल पटेल जैसे समर्थ साहित्यकार की शताब्दी और पंचायती राज की स्वर्णिम जयंति जैसे अनोखे अवसर गुजरात में आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महापुरुषों ने अपने जीवनकाल में अपने विचारों और व्यवस्था को इस तरह समाज के समक्ष प्रेरणादायी रूप से रखा जो पीढिय़ों तक याद रहे ऐसी है। प्रजाप्रेमी गायकवाड़ी राजा सयाजीराव ने लोकहित और प्रशासनिक व्यवस्था के क्षेत्र में शिक्षा, व्यायाम, सामाजिक कुरिवाजों के खिलाफ कानून, नगरजनों के लिए पानी, सडक़ की प्राथमिक ढांचागत सुविधाएं, उद्योग और कृषि विकास, संस्कार, साहित्य और कला के संवद्र्घन जैसे अनेक कार्यों को अंजाम दिया जो आज भी गायकवाड़ी राज की उज्जवल परंपरा के रूप में स्तुत्य और प्रेरणादायी हैं।
उन्होंने कहा कि देश के राजा-रजवाड़ों के उत्तम कार्यों के वास्तविक इतिहास से जनता अनजान है। अंग्रेज शासनकाल के दौरान योजनाबद्घ प्रयास के जरिए इतिहास कुछ इस तरह बनाया गया ताकि जनमानस में राजतंत्र के प्रति विकृत भाव जगे। अंग्रेजों को डर था कि यदि राजाओं की लोकप्रियता बढ़ी तो उन्हें चुनौती मिल सकती है। श्री मोदी ने कहा कि जनप्रिय राजव्यवस्था के सच्चे इतिहास को पेश करने का समय अब आ गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा सयाजीराव ने उत्तम प्रशासन के लिए प्रेरक पुस्तक च्मायनोर हिन्ट्सज् की भेंट दी है जो आज भी आधुनिक प्रशासकों के लिए प्रासंगिक है।
सयाजीराव के प्रशासन को सुशासन का उत्तम उदाहरण बताते हुए श्री मोदी ने सयाजीराव की 150वीं जन्मजयंति महोत्सव को नई जनचेतना प्रगट करने के अवसर के रूप में मनाने का आह्वान किया।
वड़ोदरा की महापौर डॉ. ज्योति पंड्या ने अपने स्वागत भाषण में महाराजा सयाजीराव की बतौर सुशासक सर्वक्षेत्रिय उपलब्धियों को वड़ोदरावासियों और गुजरात के लिए गौरवरूप बताया। विशेष अतिथि के रूप में मौजूद वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सीतांषु यशचंद्र मेहता ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस गौरवशाली अवसर पर सयाजीराव गायकवाड़ राजपरिवार के सदस्य, जिला प्रभारी मंत्री नीतीनभाई पटेल, पर्यटन राज्य मंत्री जीतुभाई सुखडिय़ा, संसदीय सचिव योगेश पटेल, सांसद बालकृष्ण शुक्ल, विधायक, नगरसेवक और आमंत्रितों सहित बड़ी संख्या में नगरजन उपस्थित थे।