नेटाफिम इरिगेशन के नये संयंत्र का सावली में उद्घाटन

दस लाख हेक्टेयर कृषि भूमि आएगी माइक्रो इरिगेशन के दायरे में : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मध्य गुजरात के सावली में जलसिंचाई के क्षेत्र की विख्यात इजरायली कंपनी नेटाफिम इरिगेशन के नये संयंत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि गुजरात ने जलसंचय अभियान की सफलता के बाद अब जल सिंचाई का अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष में ही गुजरात में दस लाख हेक्टेयर कृषि भूमि माइक्रो इरिगेशन के दायरे में आ जाएगी। मौजूदा साल में माइक्रो इरिगेशन के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च कर अतिरिक्त सवा दो लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को भी इसमें शामिल कर लिया जाएगा। माइक्रो इरिगेशन के क्षेत्र में कृषि विकास के लिए नेटाफिम कंपनी का उत्पादन संयंत्र वड़ोदरा जिले के सावली में वर्ष 2001 से कार्यरत है और आज दूसरा संयंत्र कार्यान्वित हुआ है। इस अवसर पर इजरायल के भारत स्थित उप राजदूत भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेगिस्तानी देश इजरायल ने पानी के अभाव के बीच भी कृषि विकास की अप्रतिम उपलब्धियां हासिल की है जो इजरायल की जलव्यवस्थापन के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधानों की वास्तविक दिशा बतलाती है। अपने इजरायल दौरे का याद ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि जीवनशैली में पानी और कृषि का महात्म्य इजरायल ने आत्मसात किया है। गुजरात की स्थापना के बाद किसानों को खेती के लिए पानी के बजाय बिजली की गलत दिशा की ओर मोडऩे से राज्य के किसानों के बर्बाद होने की दास्तान का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि किसान को खेती के लिए बिजली नहीं बल्कि पानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस सच्ची दिशा को अपनाने के लिए किसानों ने इस सरकार पर भरोसा किया और जलसंचय अभियान के जरिए बरसाती पानी को रोकने और उसे जमीन में उतारने के लिए छह लाख जितने चेकडैम इत्यादि का निर्माण किया। नतीजा यह हुआ कि पूरे देश में जहां पानी का स्तर नीचे जा रहा था वहीं गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहां जलस्तर 3 से 13 मीटर तक ऊंचा आया है। गुजरात के जलसंचय क्रांति की इस सफलता को भारत सरकार ने अपनी रपट में प्रकाशित किया है। मुख्यमंत्री ने पर ड्रॉप - मोर ड्रॉप का माइक्रो इरिगेशन का मंत्र किसानों को देते हुए इसकी रूपरेखा में कहा कि टपक सिंचाई के जरिए बूंद-बूंद पानी से ज्यादा पैदावार के लिए किसानों को प्रेरित किया गया है। उन्होंने कहा कि जलसंचय अभियान की सफलता के बाद अब जल सिंचन अभियान चलाया जा रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि पहले गुजरात में जहां सिर्फ 10 हजार हेक्टेयर में ड्रिप इरिगेशन होता था, वहीं आज 7 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि टपक सिंचाई के लाभ से लहलहा रही है। इसी कड़ी में मौजूदा वर्ष में 400 करोड़ रुपये के खर्च से और सवा दो लाख हेक्टेयर जमीन को इसके दायरे में शामिल कर लिया जाएगा। पेज 2 पर जारी... दस लाख हेक्टेयर कृषि... पेज 2 उन्होंने कहा कि इस सरकार ने टपक और स्प्रिन्कलर इरिगेशन के लिए किसानों को प्रोत्हासन देने की नीति अमलीकृत की है और किसानों ने इसका लाभ उठाते हुए बूंद-बूंद पानी से भरपूर पैदावार हासिल कर निर्यात के जरिए समृद्घि का मार्ग अपनाया है

मुख्यमंत्री ने गुजरात के छोटे-सीमांत किसानों को वैज्ञानिक खेती और जलसंचय के लिए प्रोत्साहित करने को ग्रीन हाऊस-नेट हाऊस की योजना लाने का निर्देश दिया। प्रारंभ में नेटाफिम इंडिया के प्रबंध निदेशक रणधीर चौहान ने कंपनी की प्रवृत्तियों की जानकारी दी। नेटाफिम लि. के सीईओ इगाल आइजनबर्ग ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

समारोह में नेटाफिम लि. के बोर्ड चेयरमैन रुडोल्फ वेबर, सदस्य टोस्ट्रेन वो, रेफेल सिमेरमन, रामी लेवी, नाम जेल्डिस, इजरायल के उप राजदूत याहेल विलान, राज्य के उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव एम.शाहू, जीएसएफसी के प्रबंध निदेशक अतनु चक्रवर्ती, जिला कलक्टर विनोद राव सहित गुजरात के कई जिलों के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।