"Gujarat Gaurav Divas- 2013, CM at Navsari"
"CM announces to form Gujarat Agriculture Commission, said the state’s efforts in the agriculture field will help the villages to prosper for centuries ahead"
"CM attributes the success of Gujarat’s magnificent agricultural growth to the progressive farmers of south Gujarat"

मुख्यमंत्री ने किया प्रगतिशील किसानों के सम्मेलन और कृषि प्रदर्शनी मेले का शुभारंभ

कृषि क्रांति से जुड़ी तमाम शक्तियों को एकत्रित करने का काम गुजरात ने किया हैः श्री मोदी

कृषि क्रांति के उन बीजों को गुजरात ने बोया है

जिनकी उपज भविष्य की पीढ़ियों को समृद्ध बनाएगी

गुजरात के आदिवासी रंग-बिरंगे फूलों की खेती में समृद्ध बने हैं

समुद्र तट पर ऑर्गेनिक और ऑर्नामेंटल फिश की खेती समृद्धि फैलाएगी

गुजरात एग्रीकल्चर कमीशन का गठन किया जाएगा

कृषि क्रांति के बीज भविष्य की समृद्ध खेती की उत्तम संभावना है

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज दक्षिण गुजरात के प्रगतिशील किसानों को राज्य की कृषि क्रांति की सफलता के लिए गौरव करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य की किसानशक्ति के पुरुषार्थ ने ही कृषि विकास के क्षेत्र में गुजरात की साख बढ़ाई है। श्री मोदी नवसारी में आयोजित किसान सम्मेलन में बोल रहे थे।कृषि क्रांति की सफलता में सरकार और किसानशक्ति पूरी ताकत काम पर लगी है, यह इसी का परिणाम है। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को सफल खेती के लिए बिजली की नहीं बल्कि पानी की जरूरत है। पूर्व में किसानों को पानी की जगह बिजली हासिल करने के गलत रास्ते पर चलाकर बर्बाद किया गया था।

५३वें गुजरात गौरव दिवस महोत्सव में भाग लेने पहुंचे श्री मोदी ने कृषि यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित कृषि प्रदर्शनी मेले का निरीक्षण किया। उन्होंने मैंगो फेस्टीवल का शुभारंभ किया और राज्य के कृषि क्रांति का नेतृत्व कर रहे प्रगतिशील किसानों के सेमीनार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विकास के जनआंदोलन और विकास में सबकी भागीदारी का जो मार्ग गुजरात ने अपनाया है, उसी से जन-जन सरकार की योजनाओं के साथ जुड़ा है।कृषि क्षेत्र में गुजरात की सफल कृषि विकास की उपलब्धियों, सफल प्रयोगों और उसके निदर्शनों की प्रस्तुति देखने का आमंत्रण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण गुजरात सहित समग्र राज्य में कृषि विकास की अनेक संभावनाएं मौजूद हैं। कच्छ के रेगिस्तान और रेतीली जमीन में भी अब गुजरात के किसानों के पसीने ने नये प्राण फूंके हैं। राज्य के प्रगतिशील किसानों ने जो प्रयोग खेती के क्षेत्र में किए हैं, उन्होंने कृषि यूनिवर्सिटी के साथ ही एग्रोस्केनोलॉजी और संशोधन की सफलता की कृषि क्षेत्र में क्रांति की है। इसके मॉडल का अन्य कृषि विशेषज्ञों को भी अध्ययन करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उत्तम सफल प्रयोगों में सहभागी बनने वाली सभी शक्तियों को इकट्ठा करने का काम कृषि महोत्सव द्वारा हुआ है। खेती के लिए पानी चाहिए, बिजली नहीं, यह बात राज्य के किसानों को इस सरकार ने पहली बार समझाई। किसानों ने सहयोग किया तभी से गुजरात की कृषि विकास यात्रा आगे ही बढ़ती रही है। राज्य के किसानों ने इस सरकार की बात पर भरोसा रखकर पहले जलसंचय और अब टपक सिंचाई से जलसिंचन की बात को भी स्वीकार किया है। चालीस वर्ष में मात्र १२ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही ड्रिप इरिगेशन बमुश्किल हो पाता था इस सरकार के दस वर्ष के शासनकाल में टपक सिंचाई के तहत ९ लाख हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करने की पहल गुजरात ने की है।

उन्होंने कहा कि कृषि क्रांति के बीज गुजरात ने बोये हैं जिनसे आगामी सदियां ग्राम विस्तार की समृद्धि की फसल ले सकेगी। इस सन्दर्भ में गुजरात एग्रीकल्चर कमीशन का गठन किये जाने की घोषणा श्री मोदी ने की। श्री मोदी ने कहा कि मात्र कृषि उत्पादन वृद्धि ही नहीं बल्कि कृषि उत्पादकता और मूल्यवर्द्धित खेती के लिए इस सरकार ने गांव के किसानों के परिश्रम को प्रोत्साहित किया है।ऑर्गेनिक खेती का महत्व बतलाते हुए उन्होंने कहा कि जमीन की गुणवत्ता ऊंची लाने के लिए सॉइल हैल्थ कार्ड की सरकार की योजना पर किसानों ने भरोसा जताया है। आज किसान ही जमीन के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के लिए लैंड टेस्टिंग लेबोरेटरी में पहुंच जाता है। दस वर्ष में मानसिकता बदली है, पढ़े-लिखे मूल किसान परिवार के युवा अब शहर छोड़कर उत्तम खेती के लिए वापस गांव लौटते हैं। कृषि क्षेत्र में दूध और डेयरियों को चुनौती दे, ऐसे प्रयोग यह नवशिक्षित कृषि युवा कर रहे हैं। सरकार इन्हें प्रोत्साहन देगी। इस मौके पर कृषि मंत्री बाबूभाई बोखीरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किये। नवसारी कृषि यूनिवर्सिटी कैम्पस में आयोजित इनोवेटिव फार्मर्स द्वारा अभिनव कृषि प्रयोगों की एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में प्रगतिशील किसानों द्वारा कृषि के अभिनव प्रयोगों से हासिल विशिष्ट उपलब्धियां करीब ३० विभागों में पेश की गई है। यहां आम की सौ जितनी विभिन्न प्रजातियों के १००० नमूनों और फूलों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस कैम्पस में मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने २५० लाख के खर्च से तैयार विशाल पशु चिकित्सालय का शुभारंभ करवाया। इस पशु चिकित्सालय में रोजाना ७० जितने पशुओं का उपचार किया जाता है, इसके साथ ही २५० लाख के खर्च से तैयार १०० जितने अनुस्नातक विद्यार्थियों के लिए छात्रालय का लोकार्पण भी किया गया। इसके साथ ही यहां १ से २ मई के दौरान किसानों के लिए हार्टिकल्चर मूल्यवर्द्धन, लाभदायक पशुपालन, मत्स्यपालन, धान, गन्ना और कपास के लिए विशेष सेमिनार आयोजित किये जाएंगे। नवसारी कृषि यूनिवर्सिटी कैम्पस में आयोजित भूमि वंदना कार्यक्रम में इस क्षेत्र के कलागुरु जसुभाई नायक के पुत्र हितेन्द्र नायक द्वारा कैनवास पर तैयार किये गए मुख्यमंत्री श्री मोदी का चित्र उन्हें अर्पित किया गया। श्री मोदी ने सब्जी की फसलों, मत्स्यपालन, स्वास्थ्य, पोषक आहार, कृषिलक्षी योजना और सहायता तथा बागायती फसलों की जानकारी संबंधित पांच पुस्तिकाओं का विमोचन किया।इस क्षेत्र की श्री कावेरी सहकारी खांड उद्योग मंडली ने राज्य सरकार द्वारा शेयर कैपिटल के तहत ५.५५ करोड़ रुपये का चेक शैलेशभाई देसाई को अर्पित किया। इस मौके पर जिला प्रभारी मंत्री और राजस्व मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपतभाई वसावा, जलापूर्ति राज्य मंत्री नानुभाई वानाणी, सांसद सी.आर. पटेल, दर्शनाबेन जरदोश, जयश्रीबेन, विधायक मंगूभाई पटेल, पीयुषभाई देसाई, आरसी पटेल, अन्य विधायक, पदाधिकारीगण, मुख्य सचिव वरेश सिन्हा, गृह सचिव एसके नंदा, युवक सेवा और सांस्कृतिक विभाग के सचिव भाग्येश झा, जिला कलक्टर जयप्रकाश शिवहरे, जिला विकास अधिकारी एसएम पटेल, कृषि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.एआर पाठक, किसान और नागरिक भारी संख्या में मौजूद थे।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !