वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट २०१३ के अंतर्गत

ज्वैलरी सेक्टर में गुजरात ब्रांड  की साख स्थापित करें मुख्यमंत्री

समग्र देश के १९ फीसदी के मुकाबले अकेले  गुजरात के लघु उद्योग की विकास दर ८५ फीसदी

हीरे-जवाहरात की चार दिवसीय प्रदर्शनी का सूरत में शानदार प्रारंभ

  

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत शुक्रवार को सूरत में हीरे-जवाहरात की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी स्पार्कल इंटरनेशनल-२०१३ का उद्घाटन किया। श्री मोदी ने अनुरोध किया कि हीरे-जवाहरात के क्षेत्र में गुजरात समग्र विश्व में अपना अनोखा प्रभाव खड़ा करे और डायमंड, ज्वैलरी तथा टेक्सटाइल जैसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मूल्य संवर्द्धन (वैल्यू एडिशन) की गुजरात ब्रांड की साख का निर्माण करे।

उन्होंने कहा कि गुजरात का विरोध करने वालों का कहना है कि इस सरकार ने सिर्फ पांच उद्योगपतियों का ही भला किया है, ऐसे में भारत सरकार के राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के आंकड़े बताते हैं कि गुजरात में लघु उद्योगों की विकास दर ८५ फीसदी है। लिहाजा, गुजरात सरकार लघु उद्योगों की भलाई के लिए कार्य करती है उसका इससे बड़ा सबूत और क्या होगा।

गुजरात सरकार एवं दक्षिण गुजरात चेम्बर ऑफ कॉमर्स के उपक्रम से डायमंड एवं जेम-ज्वैलरी के क्षेत्र में अग्रसर सूरत शहर में स्पार्कल इंटरनेशनल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। आज से चार दिनों के लिए यह अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी गुजरात एवं सूरत के जेम-ज्वैलरी के सुनहरे भविष्य का दुनिया को दर्शन कराएगी। हर दो वर्ष में आयोजित होने वाली इस प्रदर्शनी में हीरे-जवाहरात के आभूषणों का नया नजारा पेश किया जाता है।

हीरा-जवाहरात उद्योग द्वारा देश को प्रतिष्ठा दिलाने के लिए अभिनंदन देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी जीत में सूरत सहित दक्षिण गुजरात के अभूतपूर्व योगदान के उल्लेख के साथ समग्र गुजरात द्वारा विकास की विजय पताका फहराने की प्रशंसा की।

अनेक संकटों एवं विपरीत हालातों के बीच विजय हासिल कर गुजरात द्वारा मिसाल कायम करने का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गत पूरे दशक के दौरान गुजरात ने जो विकास किया उसके नतीजे अब नजर आ रहे हैं।

इस जीत के बाद भी गुजरात पर उंगली उठाने वालों को लघु उद्योग क्षेत्र की विकास दर को लेकर भारत सरकार के आंकड़ों पर गौर फरमाना चाहिए, जिसके मुताबिक समग्र देश की लघु उद्योग की विकास दर १९ फीसदी है जबकि अकेले गुजरात की दर ८५ फीसदी है। यह कोई छोटी-मोटी उपलब्धि नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने लघु उद्योग एवं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्किल डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और गुड गवर्नेंस के अनेक नये आयाम साकार किए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि गुजरात अपनी परंपरागत ट्रेडर्स स्टेट की व्याख्या से बाहर निकलकर प्रोडक्ट-मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर स्टेट की पहचान बना चुका है। अब हमनें जॉब-प्रोसेस से आगे बढ़कर दुनिया में डायमंड-ज्वैलरी मार्केट की मांग और फैशन की सदियों पुरानी परंपरागत ज्वैलरी प्रोडक्शन में भी आकर्षण खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने गत वर्ष २७०० करोड़ रुपये की ज्वैलरी का निर्यात किया है और पांच वर्ष में यह आंकड़ा दोगुना बढ़कर ५५०० करोड़ रुपये होने की पूरी संभावना है, ऐसे में गुजरात को चाहिए कि वह इसका नेतृत्व करे। उन्होंने ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग मैन्यूअल एवं मशीन प्रोडक्ट में पूरी ताकत लगाकर अपना प्रभाव खड़ा करने का प्रेरक अनुरोध भी किया।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जीरो डिफेक्ट क्वॉलिटेटिव प्रोडक्ट की ‘गुजरात ब्रांड’ की साख स्थापित करने और बेस्ट ब्रांड पैकेजिंग स्ट्रेटेजी अपनाने की जरूरत पर बल देते हुए श्री मोदी ने क्वॉलिटी पैकेजिंग के क्षेत्र में नये संशोधन से विश्व बाजार में गुजरात ब्रांड की साख-प्रतिष्ठा स्थापित होने की भूमिका पेश की।

समूची दुनिया गुजरात के लघु उद्योग, मैन्युफेक्चरिंग प्रोडक्ट की विश्वसनीयता को मान्यता प्रदान करे इसके लिए आक्रमक विकास का मिजाज बताने का प्रेरक आह्वान उन्होंने किया।

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के निदेशक डॉ. एच.पी. कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि लघु उद्योग के क्षेत्र में गुजरात देश भर में अव्वल स्थान पर है। समग्र देश की १९ फीसदी लघु उद्योग की विकास दर के मुकाबले गुजरात ने ८५ फीसदी की दर हासिल कर अनोखी उपलब्धि अर्जित की है। देश-विदेश में प्रदर्शनी के जरिए सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देकर अधिकाधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर उन्होंने जोर दिया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में दक्षिण गुजरात चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष परेश पटेल ने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए आर्थिक विकास की गति को बरकरार रखने के लिए इस तरह के आयोजनों की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्री नानुभाई वानाणी, सांसद सीआर पाटिल एवं श्रीमती दर्शनाबेन जरदोश, थाइलैंड के कौंसिल जनरल टोमशिल, कोलकाता जीआईएफसी के पंकज पारेख, महापौर राजुभाई देसाई, विधायकगण नरोत्तमभाई पटेल, रणजीतभाई गिलिटवाला, किशोरभाई वांकावाला, अजयभाई चोकसी, मुकेशभाई पटेल, राजाभाई पटेल, प्रफुलभाई पानशेरिया, जनकभाई, हर्षभाई संघवी, संगीताबेन पाटिल, मनपा आयुक्त एम.के. दास, कलक्टर जयप्रकाश शिवहरे सहित बड़ी संख्या में टेक्सटाइल एवं हीरा उद्योग जगत के अग्रणी मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।