कृषि महोत्सव 2012: किसानों से मुख्यमंत्री का विडियो कांफ्रेंस द्वारा वार्तालाप
खेती के औजारों- मशीनरी की किसानों द्वारा खरीदी में
सरकारी सहायता की पारदर्शी नीति: मुख्यमंत्री
एग्रो आईटीआई- पोलिटेक्निक- एग्रो इंजिनियरिंग कॉलेज शुरु की गई
अहमदाबाद:शनिवार। मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कृषि महोत्सव अभियान के तहत किसानों के साथ विडियो कांफ्रेंस के जरिये वार्तालाप में किसानों से आधुनिक यंत्रों से कृषि उत्पदन बढ़ाने लिए एग्रो टेक्नोलोजी के उपयोग के लिए सरकारी प्रोत्साहक योजनाओं का लाभ लेने की अपील की।श्री मोदी ने कहा कि खेती में आज खेत मजदूरों का मानवबल पर्याप्त नहीं मिलता। खेत मजदूरी करनेवालों का जीवनस्तर ऊंचा आया है, यह गुजरात के गांवों और आर्थिक प्रवृत्तियों के विकास के कारण हुआ है। ऐसी परिस्थिति में यांत्रिक औजार-साधन और मशीनरी के उपयोग से खेती का खर्च घटे,उत्पादन और आय बढ़े इस दिशा में किसान को सरकार ने प्रोत्साहित किया है। वह पारदर्शिता से यंत्र- मशीनरी खरीदें ऐसी सहायता योजनाएं बनाई गई हैं। खेती के कितने साधन उपलब्ध हैं इसकी जानकारी कृषि महोत्सव में मिलती है। सामुहिक खेती के लिए सरकार मशीनरी-औजारों की खरीद के लिए भारी सहायता देती है। श्री मोदी ने एपीएमसी-किसान सहकारी मंडलियों से इसका लाभ लेने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने राज्य में भूतकाल में 2001 तक यांत्रिक खेती टेक्नोलोजी का बजट सिर्फ दो करोड़ रुपए था मगर इस बार 285 करोड़ का बजट खेती,किसानों के लिए आवंटित किया गया है। पिछले साल किसानों ने 21000 ट्रेक्टर खरीदे हैं। धान में रोपाई के लिए साधनों से 60 महिलाओं का काम एक मशीन कर देती है। नारीशक्ति ऐसी मशीनें चलाने लगी हैं।
छोटे-सीमांत किसानों को कस्टम हायरिंग सिस्टम किराए पर मिल सके ऐसी व्यवस्था इस सरकार ने की है। गुजरात सरकार खुद यंत्रों को खरीदकर उसका वितरण नहीं करती मगर किसान को जहां से यंत्र खरीदना हो वहां से खरीद सकता है। लाभार्थी किसानों की सूची वेबसाईट पर सरकार और विक्रेता दोनों के पास होती है। कोई गलत लाभ ले जाए तो सही शिकायतकर्ता को 10000 का ईनाम दिया जाता है और जांच में शिकायत झूठी पाई जाए तो उस पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है।
श्री मोदी ने कहा कि आईटीआई में भी खेती की टेक्नोलोजी का कोर्स, एग्रो पोलिटेक्निक, एग्रो इंजीनियरिंग कोलेज शुरु करके गुजरात सरकार ने हाईटेक फॉर्मिंग को बल दिया है। एग्रो टेक्नोलोजी और मशीनरी से 15-20 प्रतिशत लाभ उत्पादन में होता है।