गुजरात सोलर पार्क सहित 600 मेगावाट के दस सोलर पावर प्लांट राष्ट्र को समर्पित

राष्ट्र को ऊर्जाशक्ति प्रदान करने वाला सामथ्र्यवान राज्य बना गुजरात : मुख्यमंत्री

उत्तर गुजरात के रेगिस्तानी इलाके चारणका में महज एक वर्ष में ही कार्यान्वित हुआ गुजरात सोलर पार्क

रूफ टॉप सोलर पॉलिसी लाएगी गुजरात सरकार

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को एशिया के सबसे बड़े चारणका गुजरात सोलर पार्क सहित राज्य के विभिन्न स्थलों में आज से कार्यरत हुए कुल 600 मेगावाट विद्युत क्षमता की दस सोलर पावर प्लान्ट इकाईयां राष्ट्र को समर्पित की। उन्होंने कहा कि गुजरात समूचे राष्ट्र को ऊर्जाशक्ति प्रदान करने वाला सामथ्र्यवान राज्य बना है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सौर विद्युत की महत्ता के मद्देनजर गुजरात सरकार अब छत आधारित रूफ टॉप सोलर पावर पॉलिसी लाने जा रही है। जिसके परिणामस्वरूप आम आदमी भी अपने मकान की छत पर सूर्य ऊर्जा के जरिए बिजली पैदा कर सरकार को बेच सकेगा। उत्तर गुजरात के रेगिस्तानी इलाके चारणका में 3000 एकड़ बंजर भूमि पर मुख्यमंत्री की प्रेरणा से स्थापित गुजरात सोलर पार्क समग्र एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री ने दिसंबर-2010 में किया था। यह सोलर पार्क विंड और सोलर एनर्जी का हाईब्रिड पावर प्रोजेक्ट है।

पार्क को विकसित करने के लिए देश-विदेश की 21 अंतरराष्ट्रीय सोलर पावर कंपनियां गुजरात सरकार की सहभागी बनी हैं। खास बात यह है कि महज एक वर्ष के रिकार्ड समय में ही सौर ऊर्जा के जरिए 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने वाला यह पार्क क्रियान्वित हुआ है। चारणका की मरुभूमि को स्वर्णिम सूर्यतीर्थ में रूपांतरित करने वाले सोलर पावर डेवलपर्स को अभिनंदन देते हुए मुख्यमंत्री ने गुजरात के 10 जिलों में आज से कार्यरत हुए कुल 600 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट को चारणका से एक साथ राष्ट्र को समर्पित किया। विशाल टावर पर से गुजरात सोलर पार्क का विहंगावलोकन करने के बाद श्री मोदी ने इस निर्माण में सहभागी बनने के लिए डेवलपर्स कंपनी के पदाधिकारी संचालकों का स्वागत करने के साथ अमेरिका के काउंसिल जनरल पीटर हेश, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) तथा इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आईएफसी) के वरिष्ठ प्रतिनिधियों का अभिनंदन किया। गैर परंपरागत और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की दिशा में राष्ट्र को समर्पित 600 मेगावाट सौर ऊर्जा इकाईयों की इस ऐतिहासिक घटना को विश्व के लिए पथप्रदर्शक करार देते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल ऊर्जा सुरक्षा का एक अग्रिम कदम है बल्कि आने वाली पीढिय़ों को ऊर्जावान बनाने की दिशा में विश्व के लिए प्रस्तुत एक विजन भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेन्ज के संकटों से घिरी दुनिया को क्लाइमेट जस्टिस की राह दिखाने का हमारा ख्वाब है।चारणका के जरिए गुजरात की यह पहल देश ही नहीं समग्र विश्व को पर्यावरण मैत्रीपूर्ण ऊर्जा की दिशा बतला रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने देश में सर्वप्रथम सोलर एनर्जी पॉलिसी पेश 2009 में क्रियान्वित की जबकि भारत सरकार इस संबंध में प्राथमिक विचार ही कर रही थी। सूर्यशक्ति से विद्युत ऊर्जा उत्पादन को किफायती बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ में इस पर प्रति यूनिट 15 रुपये का खर्च आता था जो अब घटकर 8.50 रुपये हो गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि भविष्य में जैसे-जैसे सूर्य ऊर्जा से बिजली उत्पादन बढ़ता जाएगा तब इसकी कीमत प्रति यूनिट 4 रुपये तक पहुंच जाएगी।

श्री मोदी ने कहा कि सोलर पावर के क्षेत्र में देश में गुजरात का हिस्सा 66 फीसदी है। आज समग्र देश में गुजरात पावर सरप्लस स्टेट बन चुका है बावजूद इसके रिन्युएबल एनर्जी के विकास के लिए वर्तमान में 2000 करोड़ रुपये का निवेश आवंटित किया गया है। यह बतलाता है कि क्लाइमेट चेन्ज के लिए विश्व को वैकल्पिक ऊर्जा की ओर प्रेरित करने की दिशा में गुजरात पथप्रदर्शक बना है। 19 अप्रैल के दिन भारत द्वारा अंतरिक्ष यान सोयुज-1 और प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट के प्रक्षेपण की ऐतिहासिक उपलब्धि और आज 19 अप्रैल, 2012 को अग्नि-5 मिसाइल के प्रक्षेपण के साथ ही एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर पार्क के राष्ट्र को समर्पण का गौरवपूर्ण उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि एक वर्ष पहले जिन्होंने इस भूमि पर सोलर पार्क की स्थापना का विरोध किया था उनकी आंखें यहां हुए आर्थिक-सामाजिक कायापलट ने खोलकर रख दी हैं। उन्होंने कहा कि इस रेगिस्तानी इलाके के बाशिंदों को सूर्य की प्रखर तपिश से पीड़ा होती थी।

आज पाकिस्तान की सरहद से लगा हुआ यह क्षेत्र सूर्य ऊर्जा के जरिए हिन्दुस्तान के विकास की शक्ति के रूप में ऊर्जा क्षेत्र में अग्रसर बना है। ऊर्जा सुधार के जरिए गुजरात में ग्रामीण जीवन के गुणात्मक कायापलट का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत और विश्व कोयला, गैस और थर्मल जैसे परंपरागत ईंधनों की कमी के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में गुजरात ने सूर्य और पवन ऊर्जा से विद्युत शक्ति पैदा कर आगामी पीढिय़ों के भविष्य के कल्याण की दिशा बताई है। उन्होंने कहा कि केवल दस वर्ष में ही गुजरात ने 4000 मेगावाट विद्युत उत्पादन से छलांग लगाते हुए 18,000 मेगावाट के स्वप्न को साकार किया है। आगामी दौर में गुजरात सरकार की पहल से समग्र विश्व के एनर्जी मार्केट के प्रभावित होने का विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सोलर पावर इक्विपमेंट मैन्युफेक्चरिंग की इकाइयां बड़े पैमाने पर स्थापित करने की मंशा रखती है। इससे तीस हजार युवाओं के लिए सोलर एनर्जी के क्षेत्र में रोजगार के दरवाजे खुल गए हैं। इस हुनर-कौशल्य युक्त मानवशक्ति को तैयार करने के लिए आईटीआई के नेटवर्क में सोलर एनर्जी टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम शुरू किये गए हैं।

सोलर सहित रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में नये अनुसंधान के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्घता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी ने सोलर एनर्जी पर अनुसंधान को प्रोत्साहन देने को स्कूल ऑफ सोलर एनर्जी भी शुरू कर दी है। गुजरात के भविष्य का विकास आईटी (इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी), बीटी (बॉयोटेक्नोलॉजी) और ईटी (एन्वायर्नमेंट टेक्नोलॉजी) के तीन आधारस्तंभों पर होने की बात भी उन्होंने कही।

 श्री मोदी ने याद दिलाया कि उन्होंने सन-सन मूवमेंट (स्हृ स्ह्रहृ रूह्रङ्कश्वरूश्वहृञ्ज - सूर्य पुत्र अभियान) शुरू कर सोलर रेडिएशन वाले देशों का नेतृत्व भारत करे, ऐसा सुझाव प्रधानमंत्री को दिया था। उन्होंने कहा कि राजनैतिक इच्छा शक्ति हो तो भारत सूर्य ऊर्जा शक्ति के जरिए समग्र विश्व में अपना वर्चस्व स्थापित कर सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत सरकार के वर्तमान शासकों में यह सपना साकार करने की नीयत नहीं है। ऊर्जा राज्य मंत्री सौरभभाई पटेल ने गुजरात को देश का सर्वाधिक प्रगतिशील राज्य करार देते हुए अपने स्वागत भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात ने एक दशक पूर्व पंचामृत शक्ति आधारित विकास की जो नई दिशा अपनायी उसमें ऊर्जा शक्ति एक महत्वपूर्ण शक्ति के तौर पर उभरी है।

अमेरिकन काउंसिल जनरल पीटर हेश ने गुजरात के सौर ऊर्जा उत्पादन का हब बनने की संभावना पर सहमति जताते हुए कहा कि विकसित राष्ट्र भी गुजरात में सौर ऊर्जा सहित अनेक क्षेत्रों में निवेश और सहयोग को तत्पर हैं, जो गुजरात के विकास की वैश्विक प्रसिद्घि का सबूत है।

इस अवसर पर राधनपुर के विधायक शंकरभाई चौधरी, जेडा अध्यक्ष आई एम भावसार सहित एशियन डेवलपमेंट बैंक के सीनियर क्लाइमेट चेन्ज विशेषज्ञ नाओकी साकाई, आईएफसी के रिन्युएबल एनर्जी सेक्टर के विशेषज्ञ डाना यंगर, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव डी जे पांडियन तथा अधिकारियों सहित देश-विदेश की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के संचालक, आमंत्रित और स्थानीय जनता उपस्थित थी।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator

Media Coverage

India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at the News9 Global Summit via video conferencing
November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !