"Narendra Modi addresses the gathering of Anjana Chaudhary community"

आंजणा चौधरी समाज के महासम्मेलन में मुख्यमंत्री का प्रेरक आव्हान

विविध समाजशक्ति से अपना सामर्थ्य बतलाने की मुख्यमंत्री की अपील

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर गुजरात में ‘बेटी बचाओ’ और ‘पानी बचाओ’ का जन आंदोलन छेड़ने का विविध समाजों से आह्वान किया है। श्री मोदी महेसाणा से बीस किमी दूर अर्बूदा धाम में समस्त आंजणा चौधरी समाज के महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के संसारचक्र का संतुलन बरकरार रखने के लिए बेटे-बेटी का भेदभाव मिटाकर भ्रूण हत्या के घोर पाप से प्रायश्चित करना ही होगा। उन्होंने अपील की कि उत्तर गुजरात का समाज कृषि एवं पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर हैं, ऐसे में पानी की हर एक बूंद बचाकर टपक सिंचाई के जरिए खेती करने के लिए किसान समाजशक्ति अपना सामर्थ्य बताए।

समस्त आंजणा चौधरी समाज की कुल देवी अर्बुदा माताजी के अर्बुदा धाम का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आज महेसाणा-विसनगर मार्ग पर गढ़ा-बासणा के निकट संपन्न हुआ। तीन दिवसीय अर्बुदा धाम महोत्सव के समापन दिवस पर आज आंजणा चौधरी समाज के विशाल महासम्मेलन को मुख्यमंत्री ने संबोधित किया। इस अवसर पर समाज की नारीशक्ति ने भ्रूण हत्या विरोधी अभियान का सामूहिक संकल्प करते हुए जल संचय के लिए भी प्रतिज्ञा ली।

अर्बुदा धाम के निर्माण हेतु संकल्प कर प्रतापभाई गणपतभाई चौधरी ने तीन वर्ष तक समाज में जनजागरण यात्रा की थी। पूरे समाज की ओर से आज श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्मान पत्र इनायत कर उन्हें सम्मानित किया गया। इसके साथ ही श्री मोदी ने समाज में उच्च अभ्यास के शैक्षणिक पुरस्कारों का विद्यार्थियों को वितरण किया।

अर्बुदा धाम के प्राण प्रतिष्ठा के लिए राजस्थान के गुलाबगंज और माउंट आबू के आंजणा माता के मंदिरों से अखंड ज्योति लाने की विधि के तहत माउंट आबू से अर्बुदा धाम तक मानव संकल रचने का भव्य स्वागत-आयोजन भी हुआ। समाज के श्रेष्ठी दाता परिवारों का अभिवादन भी श्री मोदी ने किया।

अर्बुदा माताजी के मंदिर में भक्तिभाव से पूजा-दर्शन करने के बाद श्री मोदी ने विराट संख्या में उपस्थित चौधरी परिवारों की समाजशक्ति का अभिवादन करते हुए कहा कि मंदिरों का निर्माण समाज चेतना और सुधार संस्कार के लिए हो, यह ऐतिहासिक घटना है। इसका तप करने वाले प्रतापभाई जी. चौधरी, जाखड़ के श्रुषि एवं समाज के सभी अग्रणी अभिनंदन के पात्र हैं। महोत्सव के अवसर पर आंजणा समाज के कुल १२५३ गांवों में से युवाओं द्वारा १२५३ बोतल रक्त रक्तदान के जरिए एकत्र किया गया, जिसे मुख्यमंत्री की ओर ब्लड बैंक को भेंट किया गया।

अपनी संस्कृति में मातृशक्ति की अनोखी महिमा की भूमिका पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंबा मां, लक्ष्मी मां, बहुचर मां और आंजणा मां के धाम में भक्ति करना, और दूसरी ओर माता के पेट में ही बेटी को मौत के घाट उतारने जैसे भ्रूण हत्या के पाप में से छुटकारा पाने के लिए समूचे समाज को संकल्प करना ही होगा। अब तो बेटियों में बेटों से ज्यादा मां-बाप की सेवा करने का और शिक्षा-व्यवसाय की स्पर्धा में आगे रहने का सामर्थ्य सर्वत्र नजर आ रहा है। ऐसे में यदि भ्रूण हत्या का पाप करेंगे तो समाज का संसारचक्र का संतुलन ही छिन्न-भिन्न हो जाएगा। आज ऐसे समाजों की दुर्दशा गुजरात में दिखाई पड़ रही है, जहां बेटों के अनुपात में बेटियों की संख्या घटने की वजह से परिवार में पुत्र वधू लाने के लिए आदिवासी कन्याएं ढूंढनी पड़ रही हैं। भ्रूण हत्या की वजह से ऐसी परिस्थिति का निर्माण हुआ है, और बेटी बचाओ अभियान के जरिए समाज को इसका समाधान लाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर गुजरात में टपक सिंचाई से खेती करने में बनासकांठा, साबरकांठा और अहमदाबाद जिलों के किसानों ने उत्साह के साथ प्रतिसाद दिया है लेकिन प्रगतिशील कहे जाने वाले महेसाणा जिले के किसान इस मामले में पीछे रह गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्ष में ही गुजरात में टपक सिंचाई से होने वाली खेती का क्षेत्रफल १२ हजार हेक्टेयर से बड़ी छलांग लगाते हुए १२ लाख हेक्टेयर तक जा पहुंचा है। इस सरकार ने नर्मदा और सुजलाम् सुफलाम् जलसिंचाई योजानाओं का पानी उत्तर गुजरात को दिया है। लेकिन पानी को परमात्मा का प्रसाद समझते हुए खेती में टपक सिंचाई अपनाकर उसका उपयोग करना होगा। श्री मोदी ने कहा कि टपक सिंचाई के लिए ९५ फीसदी सहायता तो राज्य सरकार किसानों को देती है, महज पांच फीसदी खर्च ही किसानों को करना होता है, और भविष्य में ज्यादा उत्पादन से इस खर्च की भरपाई हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसान परिवार की नारीशक्ति को खेतों में निराई के परिश्रम से मुक्ति टपक सिंचाई से ही मिलती है।

उत्तर गुजरात के वडनगर में पैदा हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने उनके जीवन निर्माण में चौधरी समाज के शिक्षकों के योगदान का ऋण स्वीकार करते हुए कहा कि जिस समाज के शिक्षक उनके जीवन निर्माण का सामर्थ्य रखते हैं, वह समाज चाहे तो बेटी बचाओ, पानी बचाओ और व्यसन मुक्ति के लिए कितनी शक्ति रखता है, इसकी प्रतीति करानी चाहिए।

वित्त मंत्री नितिनभाई पटेल ने अतिथि विशेष के तौर पर कहा कि श्वेत क्रांति में अग्रसर रहने वाले आंजणा चौधरी समाज ने आज जो संकल्प किये हैं वह उनकी विकास की ताकत का परिचय कराते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि देश की जनता का भरोसा भी श्री मोदी पर बढ़ता जा रहा है।

हरियाणा के रेवाड़ी की आर्यसमाजी साध्वी श्री पुष्पा शास्त्री जी ने स्वानुभाव के आधार पर अवलोकन करते हुए कहा कि भारत की एकता और स्वाभिमान के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले श्री नरेन्द्र मोदी पर देश की जनता भरोसा कर रही है।

इस अवसर पर राज्य मंत्री सर्वश्री परबतभाई पटेल और रजनीभाई पटेल, दूध सहकारी उद्योग के अग्रणी विपुलभाई चौधरी, सांसदगण, विधायकगण और आंजणा चौधरी समाज के वरिष्ठ अग्रणी तथा अर्बुदा धाम के ट्रस्टी मौजूद थे।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।