"Shri Narendra Modi addresses Valedictory Session of Vibrant Gujarat Summit 2013"
"When the world talks about recession, this Vibrant Gujarat Summit would give a positive message to the world: Shri Modi"
"CM extends invitation for 7th Vibrant Gujarat Summit on 11th January 2015 "
"This Summit has created new ambassadors in 121 nations: Shri Modi "
"I was seeing that those who want to do something, those who have dreams, these youngsters got involved in this summit: Shri Modi "
"Due to the various events, exhibitions the confidence of the youth rises. They will think let us also do something: Shri Modi "
"Government seeks to strengthen the youth but this cannot happen with merely one or two efforts. For this we need to make a collective effort at a very large scale in an aggressive mode. That is when change will come: Shri Modi "
"It was asked yesterday what is there in the soil of Gujarat. (I can say) there is purity in this soil, there is the sweat of the hardwork of our ancestors: Shri Modi "
"We want to scale new heights of development. At the same time if we do not understand the world, if we do not talk to them we will become like frogs in a well: Shri Modi "
"In changing times we cannot be different from the world. We cannot go ahead like this. Such summits are an opportunity to understand the changing world: Shri Modi "
"People from 121 nations are coming here and experiencing the love of Gujarat. It is the love of the people across the world for Gujarat. This bond is priceless. This bonding is stronger than branding: Shri Modi"

छठी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का शानदार समापन

 

सातवीं वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ११ जनवरी २०१५ को होगी

आगामी वर्ष में गुजरात इंटरनेशनल एग्रीटेक समिट आयोजित करेगा जो हर दो साल में आयोजित होगी

 

इवेंट्स -
  • १२७ इवेंट्स सेमिनार
  • ३१ थीम इवेंट
  • १.०४ लाख वर्ग मीटर में ग्लोबल ट्रेड शो
  • १६ लाख प्रेक्षकों ने प्रदर्शनी को निहारा
भागीदारी -
  • १२१ देश
  • ५८ हजार डेलीगेट्स
  • २१०० विदेशी डेलीगेट्स
  • २६७० स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप इन्टेन्शन
इन्वेस्टमेंट इन्टेन्शन -
  • कुल इन्वेस्टमेंट इन्टेन्शन १७,७१९ प्रोजेक्ट
  • कुल एसएमई इन्वेस्टमेंट इन्टेन्शन १२,८८६ प्रोजेक्ट
  • एसएमई में रोजगार निर्माण ३.७३ लाख
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छठी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का शानदार समापन करते हुए कहा कि इस वैश्विक अवसर की अभूतपूर्व सफलता से गुजरात के सामर्थ्य का वैश्विक स्वरूप प्रगट हुआ है। गुजरात के साथ दुनिया के १२० देशों के लोगों का भावनात्मक जुड़ाव, बॉन्डिंग हुआ है और गुजरात ब्रांडिंग से भी ज्यादा इसका महत्व और महिमा है। इसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों के भावनात्मक विश्व के साथ बढ़ता रहेगा। यह एक विरल उपलब्धि है, गुजरात वैश्विक बना है। महात्मा मंदिर, गांधीनगर में दो दिवसीय वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट आज देश-विदेश के महानुभावों और डेलीगेट्स की विशाल उपस्थिति में संपन्न हुई। आगामी सातवीं वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ११ जनवरी, २०१५ में अवश्य आयोजित होगी। इसकी घोषणा करते हुए श्री मोदी ने इसमें नये सपनों और नई उम्मीदों के साथ भाग लेने का आमंत्रण दिया। इतने बड़े स्केल और विशाल दायरे में आयोजित इस ग्लोबल समिट को सफल बनाने वाले तमाम सहभागी साथियों को शुभकामनाएं देते हुए श्री मोदी ने कहा कि विश्व के १२१ देश इसमें भागीदार बने हैं और इन १२१ देशों में गुजरात ने संदेश पहुंचाया है कि यही हिन्दुस्तान का सामर्थ्य है। यह १२१ देश भारत के विकास के एम्बेसेडर बन गए हैं। देशवासी के रूप में हमारे लिए यह एक गौरवपूर्ण सच्चाई है। प्रत्येक हिन्दुस्तानी के लिए सीना गर्व से चौड़ा करने वाली भारत की आन-बान-शान की यह घटना है। गुजरात की धरती पर यह गुजरातियों के परिश्रम के कारण सफल हुई है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश या प्रदेश में सीमित संसाधन होने के बावजूद विकास का सामर्थ्य होता है, यह विश्वास गुजरात ने पैदा किया है। प्रत्येक व्यक्ति की मानसिकता में अनजाने का डर स्वाभाविक तौर पर रहता है, परन्तु गुजरात की इस समिट में १२१ देश आए, जिससे गुजरात की और नई पीढ़ी में से यह डर निकल गया है और नया मनोवैज्ञानिक विश्वास पैदा हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि इस ग्लोबल इवेन्ट का मूल्यांकन मात्र रुपये-पैसों के निवेश मापदंड से मापा नहीं जा सकता। गुजरात की ग्लोबल ब्रांडिंग इस ऐतिहासिक सफल घटना से हुई है। आज गुजरात दुनिया में इतना प्रसिद्ध हो चुका है कि जिसकी पहचान से कोई अनजान नहीं है। भूतकाल में विदेश की धऱती पर भारत के राज्य प्रयास करके निवेश के समझौता करार कर आते थे, परन्तु २००३ से गुजरात सरकार ने इस अभिगम, दृष्टिकोण में  बदलाव लाने का नया मार्ग दिखलाया है और गुजरात की धरती पर इसके सामर्थ्य की अनुभूति करवाई है। गुजरात की धरती की मिट्टी में ऐसा क्या है, यह सवाल स्वाभाविक रूप से पूछा जाता है। इसका जवाब है, इस धरती की मिट्टी में हमारे पूर्वजों के पुरुषार्थ का पसीना है, जिससे यह धरती उपजाऊ बनी है। विश्व की बदलती परिस्थिति और समृद्ध दुनिया के बारे में जानने और समझने में यह ग्लोबल समिट सफल रही है। इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि कोई भी समाज बदलते विश्व की गतिविधियों से अलग रहकर प्रगति नहीं कर सकता। गुजरात के आम नागरिक में अब दुनिया में उत्तम और अच्छा जानने की जिज्ञास जागी है। गांव, तहसील और जिलों में सामाजिक जीवन की शक्ति के समक्ष इस समिट ने एक नई विकास क्षितिज खोल दी है। इस गुजरात की धरती पर आए १२१ देशों के मेहमानों, महानुभावों के साथ गुजरात का नाता जुड़ा है, परन्तु गुजरात की भूमि के साथ, इसकी मिट्टी के साथ अपनेपन का नाता उद्दीपक बना है। इस दुनिया के अनेक देशों के लोगों का एक बॉन्डिंग हुआ है, जिसका मूल्य आंकने का कोई पैमाना नहीं है। इस दुनिया का गुजरात के साथ बॉन्डिंग गुजरात की ब्रांडिंग से कहीं ज्यादा है। गुजरात का एक वैश्विक रूप उभरा है और इसकी फलश्रुति के लिए नये दृष्टिकोण से चिंतन करने का उन्होंने अनुरोध किया। नई पीढ़ी, युवा पीढ़ी इसका मूल्य और महिमा समझेगी। समग्र विश्व अब तेजी से वृद्धावस्था की ओर आगे बढ़ रहा है, लेकिन अकेला हिन्दुस्तान विश्व का सबसे युवा देश है जिसकी इस ज्ञान युग में ६५ प्रतिशत युवाशक्ति है। युवा भुजाओं में जो शक्ति है उसे बल देने के लिए गुजरात ने स्किल डेवलपमेंट का विशाल दायरा खड़ा करने पर ध्यान केन्द्रित किया है। मेरा सपना है कि गुजरात में से हिन्दुस्तान के उत्तम शिक्षक दुनिया के शिक्षण जगत की आवश्यकताएं पूरी करें। ऐसे चिंतन आयामों के साथ गुजरात समाज शक्ति को उजागर करना चाहता है। २००३ की प्रथम ग्लोबल समिट में जितनी उपस्थिति थी उससे चार गुनी उपस्थिति, इस २०१३ के समिट में हुई है और तीन-चार गुना ज्यादा विदेशी डेलीगेट्स आए हैं। इसकी व्यापकता का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि ग्लोबल समिट के निमित्त ही यह विशिष्ट महात्मा मंदिर बना है। मुख्यमंत्री ने ग्लोबल समिट की सफलता से प्रेरित होते हुए अगले वर्ष ग्लोबल एग्रीकल्चर हाईटेक समिट, एग्रोटेक फेयर आयोजित करने की घोषणा करते हुए कहा कि, हर दो साल में कृषि अर्थव्यवस्था के वैश्विक बाजारों में गुजरात के किसानों के लिए इस प्रकार की ग्लोबल एग्रोटेक इवेन्ट आयोजित की जाएगी। श्री मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के साथ राज्य सरकार की जीएसएफसी कंपनी कनाडा की भूमि पर पोटाश खरीदकर वहीं पर पोटाश खाद का कारखाना बनाएगी। एशिया में टूरिज्म के लिए गुजरात भगवान बुद्ध की विरासत के अवशेषों के लिए नई पर्यटन पहचान बनाएगा।गुजरात के बारे में विकृति और नकारात्मकता में से आज गुजरात संपूर्णतया बाहर निकल गया है। इस ग्लोबल समिट ने वैश्विक मंदी के दुविधापूर्ण वातावरण में भी समृद्ध देशों को सकारात्मक संदेश दिया है। श्री मोदी ने इस ग्लोबल समिट को गौरव दिलाने वाले विश्व भर के देशों की भागीदारी और सहयोग के लिए सभी का आभार जताया।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !