सावरकुंडला, ध्रांगध्रा, सुरेंद्रनगर और धोलका में जनसभाएँ संबोधित करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी
श्री मोदी ने जनसभाएँ संबोधित करने का अंत किया उन सीटों से जहाँ 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान होने वाले हैं
गुजरात में प्रचार के दौरान श्री राहुल गाँधी द्वारा फैलाए गए झूठे आरोपों को मुख्यमंत्री ने किया छिन्न-भिन्न
श्री राहुल गाँधी कहते हैं कि वे महात्मा गाँधीजी के बताए रास्ते पर चल रहे है; यदि वे सही में महात्मा गाँधीजी के बताए रास्ते पर चल रहे है तो महात्मा गाँधी का एक सपना अधूरा नही रहेगा; जो था आज़ादी के बाद कॉंग्रेस को रद्द करने का
क्या युवाओं को रोजगार चाहिए या मोबाईल फोन? क्या महिलाएँ कीमतों में गिरावट देखना चाह्ती हैं या उन्हें मोबाईल फोन चाहिए? वैसे भी आपके शासन में देश में यदि अंधकार ही रहेगा तो हम ये मोबाईल फोन चार्ज कहाँ करेंगे? पूछ रहे हैं श्री मोदी
श्री राहुल गाँधी विधानसभा के सम्मान की बातें करते हैं लेकिन मई 2011 से मई 2012 के दौरान श्री राहुल गाँधी की लोकसभा में 85 दिनों में से 24 हाज़री थी और 2010 तथा 2011 के दौरान 72 में से 19 हाजरी : मुख्यमंत्री
यदि श्री राहुल गाँधी को गुजरात विधानसभा के प्रति इतना ही आदर है तो उन्हें गुजरात के राज्यपाल से कहना चाहिए कि प्रजातांत्रिक तरीके से चुनी गई विधानसभा द्वारा पास किए गए बिल पास करे : श्री मोदी
मुख्यमंत्री ने लोगों से भारी संख्या में मतदान करने की अपील की, वे महिला मतदारों से महत्वपूर्ण सहयोग की आशा रखते हैं
मंगलवार 11 दिसंबर 2012 को श्री नरेन्द्र मोदी ने सावरकुंडला (अमरेली जिला), ध्रांगध्रा (सुरेन्द्रनगर जिला), सुरेन्द्रनगर शहर और धोलका (अहमदाबाद) में बड़ी जनसभाएँ संबोधित की। इसीके साथ श्री मोदी ने जनसभाएँ संबोधित करने का अंत किया उन सभी क्षेत्रों में जहाँ 13 दिसंबर, 2012 को गुजरात विधानसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान होने वाले हैं। राज्य में पिछले 11 वर्षों में की गई विकास की पहलों के बारे में मुख्यमंत्री ने विस्तार से बोला और कहा गुजरात सरकार की आलोचना करने के साथ साथ लोग यहाँ के विकास की भी बातें करते हैं जबकि यु.पी.ए. की बात आती है तो चर्चा होती है सिर्फ घोटालों, लूट, कीमतों में वृद्धि इत्यादि की।
आज सुबह गुजरात में प्रचार के दौरान श्री राहुल गाँधी द्वारा फैलाए गए झूठे आरोपों को मुख्यमंत्री ने अपनी विशिष्ट शैली में छिन्न-भिन्न कर दिया। उन्होंने ध्यान दिलाया कि श्रीमति सोनिया गाँधी, डॉ. मनमोहन सिंह और श्री राहुल गाँधी ने पूरे प्रचार में जितनी जनसभाएँ संबोधित की हैं उससे कहीं ज़्यादा जनसभाएँ वे एक दिन में संबोधित करते हैं। श्री मोदी ने कहा, “आज श्री राहुल गाँधी आए और बोले उनका महात्मा गाँधी से करीबी नाता है। पर आप तो तब तक पैदा भी नहीं हुए थे!” महात्मा गाँधी आनंद भवन में फर्श पर सोते थे, श्री राहुल गाँधी द्वारा बताए गए इस वाकिये पर उन्होंने कहा, “यह महात्मा गाँधी का बडप्पन और नेहरु के प्रति उनका प्यार था कि वे फर्श पर सोते थे, पर मुद्दा तो यह है कि जब बेटा जैल में था तब खुद श्री मोतीलाल नेहरु पलंग पर सोते थे!”
राहुल गाँधी के बारे में उन्होंने कहा, “वे कहते हैं कि मैं महात्मा गाँधीजी के बताए रास्ते पर चलता हूँ। यदि वे सही में महात्मा गाँधीजी के बताए रास्ते पर चल रहे है तो महात्मा गाँधी का एक सपना अधूरा नही रहेगा; जो था आज़ादी के बाद कॉंग्रेस को रद्द करने का”। श्री मोदी ने गुजरात के लोगों से कहा कि वे महात्मा गाँधी के इस सपने को गुजरात में सच कर दिखायें।
श्री मोदी ने कॉंग्रेस के प्रचार में मुद्दों की कमी दर्शाई। एक बार फिर श्री राहुल गाँधी की कॉंग्रेस द्वारा मोबाईल फोन देने वाली बात पर पूछा, “क्या युवाओं को रोजगार चाहिए या मोबाईल फोन? क्या महिलाएँ कीमतों में गिरावट देखना चाह्ती हैं या उन्हें मोबाईल फोन चाहिए? वैसे भी आपके शासन में देश में यदि अंधकार ही रहेगा तो हम ये मोबाईल फोन चार्ज कहाँ करेंगे?” श्री मोदी ने कहा कॉंग्रेस देश के लिये क्या करेगी यह बताने के बजाय वे मोबाईल फोन पर अटके हैं।
विधानसभा 25 दिनों से ज़्यादा नहीं मिलती है; क़ॉंग्रेस सचिव के ऐसे कथन का मुँहतोड़ जवाब देते हुए श्री मोदी ने बतलाया कि मई 2011 से मई 2012 के दौरान श्री राहुल गाँधी की लोकसभा में 85 दिनों में से 24 हाज़री थी और 2010 तथा 2011 के दौरान 72 में से 19 हाजरी! उन्होंने टिप्पणी कि, “यदि आपको आदर होता तो आप रोज़ जाते!” मुख्यमंत्री ने कहा यदि श्री राहुल गाँधी को विधानसभा से इतना लगाव है तो उन्हें पता होना चाहिए कि गुजरात में विधानसभा पूरे पूरे दिन मुद्दों पर चर्चाएँ की हैं पर कॉंग्रेस का ही रूख सकारात्मक नहीं रहा है। उन्होंने टिप्पणी की, “हम मुद्दों पर कई दिनों तक चर्चा करते हैं तब बिल पास होते हैं। पर अफसोस है कि कॉंग्रेस विधानसभा का भी आदर नहीं करती!”
श्री मोदी ने कहा कि यदि श्री राहुल गाँधी को गुजरात विधानसभा के प्रति इतना ही आदर है तो उन्हें गुजरात के राज्यपाल से कहना चाहिए कि प्रजातांत्रिक तरीके से चुनी गई विधानसभा द्वारा पास किए गए बिल पास करे। चाहे वह ‘गुजकोक’ हो या पुरुषों और महिलाओं को स्थानीय संस्थाओं में समान सीटों का बिल हो, ऐसे सभी महत्वपूर्ण बिल राज्यपाल की मेज़ पर बिना गौर किए पड़े हैं।
आर.टी.आई. निवेदनों के बारे में श्री राहुल गाँधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर श्री मोदी ने कहा लोगों को श्री राहुल गाँधी से दिल्ली में अधूरे पड़े निवेदनों के बारे में पूछना चाहिए और बताया कि दिल्ली में 3 लाख से भी अधिक आर.टी.आई. निवेदन बिना गौर किए पड़े हैं।
मुख्यमंत्री ने कॉंग्रेस से सीधा प्रश्न पूछा कि 2009 में आपके द्वारा किये गये 1 करोड़ रोजगारों के वादे का क्या हुआ? “आपको मत तो मिल गए पर क्या किसी युवा को दिल्ली से कोई रोजगार मिला?” उन्होंने पूछा। गुजरात में बेरोज़गारी है; कॉंग्रेस के इस झूठ का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि केन्द्र की नौंधपत्रिकाओं के अनुसार यह साफ है कि यदि किसी राज्य में सबसे कम बेरोज़गारी है तो वह है गुजरात। साथ ही भारत सरकार के आँकड़े दर्शाते हैं कि भारत में बने रोज़गार के अवसरों में से 72% अवसर गुजरात में बने हैं।
उन्होंने यु.पी.ए. की किसानों के खिलाफ नीतिओं के बारे में विस्तार से बताया, जिन्होंने रूई के आयात पर रोक लगाकर गुजरात के किसानों को 7000 रुपयों का नुकसान पहुँचाया। श्री मोदी ने कहा वे गुजरात के रूई पैदा करने वाले किसानों को केन्द्र की दया पर नहीं छोडना चाहते, इसीलिए गुजरात सरकार ने नई टेक्षटाईल नीतियाँ बनाई है जिससे किसानों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आयेंगे। उन्होंने बताया कि इन नीतियों से लोगों के लिए लाखों रोज़गार खड़े होंगे।श्री मोदी ने लोगों को भारी संख्या में जाकर मतदान करने की अपील की और कहा ये चुनाव सिर्फ यह निश्चित करने के लिये नहीं कि अगला एम.एल.ए. कौन होगा बल्कि यह निश्चित करने के लिए है कि गुजरात का भविष्य किसके हाथों में होगा और आने वाले वर्षों में राज्य को विकास की उँचाईयों पर कौन लेकर जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा जैसे 15 दिन भी कहीं बाहर जाएँ तो हम हमारे घर की चाबी किसी अंजान को नहीं सौंप सकते वैसे ही गुजरात को हम अगले पाँच वर्षों के लिए किन्हीं अंजान हाथों में नहीं सौंप सकते। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग उन्हें अच्छी तरह जानते हैं और उन्होंने उन्हें राज्य के लिए काम करते हुए देखा है तथा वे आने वाले और पाँच वर्षों तक सेवा करने के लिए उनका आशीर्वाद चाहते हैं।
कॉंग्रेस द्वारा चलाई जाने वाली यु.पी.ए. के रूख को गुजरात के खिलाफ बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली से आने वाले पैसों के आधार पर गुजरात को ज़रूरतमंद राज्य बताने के बजाय प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि गुजरात हर साल दिल्ली को 60000 करोड़ रुपयों का योगदान देता है! “क्या गुजरात भिखारी राज्य है? क्या हम दिल्ली की सहायता पर जीते हैं? प्रधानमंत्री जिस स्थान पर बैठे हैं वहाँ पर ऐसे शब्द उन्हें शोभा नहीं देते!” श्री मोदी के कहा।सौराष्ट्र में हो रहे विकास के कार्यों का एक उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने SAUNI योजना के बारे में बात की और कहा कि 10000 रुपयों कि इस योजना से नर्मदा का पानी सौराष्ट्र में लाया जाएगा जिससे लोगों को अनंत लाभ होंगे।
मुख्यमंत्री ने कॉंग्रेस द्वारा प्रचार में फैलाये गए इस झूठ का कि नर्मदा के काम में बहुत देरी हो रही है, कठोर जवाब दिया। उन्होंने बताया कि इस योजना का शिलान्यास पंडित जवाहरलाल नेहरु ने किया था और 26 वर्षों तक कुछ भी नहीं हुआ। श्रीमति इन्दिरा गाँधी ने 9 सालों तक उन फाईलों पर कोई कार्यवाही नहीं की! वैसे ही उन्होंने यु.पी.ए. के अड़चन भरे रूख के बारे में कहा कि उन्होंने बाँध पर दरवाज़े लगाने नहीं दिए और याद दिलाया कि बाँध की उँचाई बढ़ाने के लिए तो उन्हें उपवास भी रखना पड़ा था।
गुजरात में शिक्षा के मुद्दे पर कॉंग्रेस नेताओं की टिप्पणिओं का जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र के स्वयं के आँकड़े दर्शाते हैं कि यदि किसी राज्य ने प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की है तो वह है गुजरात।
जनसभाओं में हर उम्र और समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया था।