गुजरात में हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट पर जापान और भारत सरकार का संयुक्त राष्ट्रीय सेमीनार आयोजित
हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट के निर्माण में दुविधा- मतभेद छोड़कर संकल्पशक्ति से आगे बढ़ना चाहिए: श्री मोदी
जल, थल, नभ को शामिल करती मल्टी मॉडल अफोर्डेबल ट्रांस्पोर्ट अथोरिटी का गठन होगा
इनलैंड वाट्र ट्रांस्पोर्ट की दिशा में गुजरात
अहमदाबाद-मुम्बई-पूना हाईस्पीड प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार बजट में पर्याप्त आयोजन करे
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद-मुम्बई-पूना हाईस्पीड रेल सहित भारत में 6 हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट साकार करने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति और साहसी फैसलों की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति बरकरार रखने के लिए भारत जैसे विकसित हो रहे देश में जल, थल, नभ के तीनों क्षेत्रों के परिवहन को एकछत्र के नीचे लाने के व्युहात्मक आयोजन को समय की मांग बतलाया। जापान सरकार, भारत सरकार, रेल मंत्रालय, गुजरात सरकार और सीआईआई के संयुक्त तत्वावधान में का शुभारम्भ करते हुए श्री मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी में हाईस्पीड ट्रांस्पोर्टेशन विकास की तेज गति के लिए सबसे महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधा का परिबल है और इसमें हाईस्पीड रेल ट्रांस्पोर्ट के लिए अब दुविधा या शंका-कुशंका के मतभेदों से ऊपर उठकर संकल्पबद्धता से नीति निर्धारण के लिए माहौल बनाया जाना चाहिए।
श्री मोदी ने गुजरात सरकार के हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट को कार्यांवित करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि गुजरात जमीन, आकाश और जल तीनों क्षेत्रों में परिवहन के संकलित व्युह के साथ आगे बढ़ रहा है। अहमदाबाद-मुम्बई हाईस्पीड रैल के साथ ही अहमदाबाद- गांधीनगर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को धोलेरा एसआईआर तक हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट के रूप में विस्तृत करने, मास रेपिड ट्रांस्पोर्ट सिस्टम, बीआरटीएस जनमार्ग जैसे मल्टीपर्पज पब्लिक ट्रांस्पोर्ट के लिए सार्वजनिक परिवहन के संकलित अभिगम के लिए गुजरात सरकार ने मल्टी मॉडल अफोर्डेबल ट्रांस्पोर्ट अथोरिटी (MATA) का गठन करने का फैसला किया है।
गुजरात में जलमार्ग परिवहन- वाटर वे ट्रांस्पोर्ट के लिए नयी इनलैंड वाटर ट्रांस्पोर्ट सम्भावना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में दक्षिण की दमनगंगा नदी के पानी को समुद्र में व्यर्थ बह जाने से रोककर नेचुरल ग्रेविटी (कुदरती गुरुत्वाकर्षण) तकनीक से साबरमती तक केनाल का निर्माण कर पहुंचाया जा सकता है जिसके केनाल रूट पर रोड कम रेल ट्रांस्पोर्ट नेटवर्क खड़ा किया जा सकता है। घोघा-दहेज समुद्री रो-रो फेरी सर्विस के साथ भी कोस्टल-वे ट्रांस्पोर्टेशन का मॉडल विकसित किया जा सकता है। इसके साथ ही नर्मदा की 456 किलोमीटर के मुख्य केनाल रूट पर भी पब्लिक वाटर वे ट्रांस्पोर्ट का मॉडल विकसित किया जा सकता है। 21 वीं सदी के वैश्विक विकास की गति के साथ ताल मिलाते हुए गुजरात ने बहुउद्देशीय परिवहन ढांचे की सुविधा पर ध्यान केन्द्रित किया है।
हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट जापान में 50 वर्ष पहले शुरु हो चुका है और चीन ने पांच ही वर्ष में 9300 किलोमीटर का हाईस्पीड नेटवर्क रेल ट्रांस्पोर्ट के लिए कार्यरत कर लिया है। ऐसे में भारत में 1980 से हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए चर्चा-विचार,मतभेद और दुविधा का माहौल बनता रहा है। इस मानसिकता में से बाहर निकलने का अनुरोध करते हुए श्री मोदी ने मार्मिक शब्दों में कहा कि किसी भी योजना का जन्म हो उससे पहले ही उसकी भ्रूण हत्या हो जाए ऐसी मानसिकता से बाहर आकर भविष्य की राष्ट्रीय प्रगति के परिपेक्ष्य में आयोजन साकार करने के लिए नेतृत्व की पहल जरूरी है।
उन्होंने कहा कि समग्र विश्व में 15 से 20 देशों में हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट के विभिन्न अनुभव, टेक्नॉलोजी आधारित ट्रांस्पोर्ट मॉडल विकसित किए गए हैं। श्री मोदी ने अनुरोध किया कि सुरक्षा, गतिशीलता, मितव्ययी आर्थिक ढांचे सहित उत्तम पहलुओं का अभ्यास करके अपना हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट साकार करने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति के साथ ही भारत सरकार के आगामी बजट में प्रधानमंत्री हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था करें। गुजरात सरकार हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट द्वारा रेलवे ट्रांस्पोर्टेशन का यह सपना साकार करना चाह्ती है और इसके लिए पूरा सहयोग देने को तत्पर है।
गुजरात ने दिल्ली- मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC-DFC) के जापान- भारत के संयुक्त प्रोजेक्ट की पूर्व तैयारियां करके जापान का भरोसा जीता है। इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि जापान और गुजरात के बीच विकास के अनेक क्षेत्रों में तेज भागीदारी और सहयोग का दायरा विकसित हुआ है उसकी वजह जापान की सरकार और लोगों का गुजरात की जनता पर भरोसा ही है।
गुजरात की आर्थिक प्रगति और तासीर देखते हुए पश्चिम रेलवे में अहमदाबाद रेलवे डिवीजन सबसे ज्यादा आय देता है। इसका गौरवपूर्ण उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अंगेजों के शासन में गुजराती ही रेलवे, निर्माण क्षेत्र में उत्तम कौशल्य और व्यवस्थापन के साथ आगे थे। इतना ही नहीं, अफ्रिका में ऊंचाई पर रेलवे निर्माण में अपना कौशल्य साबित किया था। गुजरात की विकासयात्रा की तेज गति को देखते हुए हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट की सफलता अहमदाबाद- मुम्बई हाईस्पीड रेल की सफलता में रुपांतरित करेगी।
मुख्यमंत्री ने हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट की वित्तीय व्यवस्थाओं के आयोजन के लिए किसी भी असमंजसता की स्थिति नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि साउथ कोरिया ने एक्सप्रेस हाईवे बनाने के खिलाफ विरोध को दरकिनार करते हुए आज आर्थिक विकास की तासीर को बदल डाला है। हमें भी अपने विचारों को संकुचित दायरे से बाहर निकालकर इस प्रोजेक्ट को साकार करना होगा।
गुजरात ने पीपीपी मॉडल से प्राइवेट रेल प्रोजेक्ट को साकार कर दिखाया है और DMIC-DFC प्रोजेक्ट की भी पूर्व तैयारियां कर ली हैं। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों में रेलवे निर्माण का डीएनए है और गुजरात ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को साकार करने का बीड़ा उठाया है।
प्रारम्भ में जापान के लैंड, इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांस्पोर्ट एन्द टूरिज्म के सीनियर वाइस मिनिस्टर हिरोशी काजियामा, जापान काउन्सिल ऑफ ग्लोबल प्रमोशन रेलवे के वाइस चेयरमेन टाडाहारु ओहासी, जापान की इंस्टीट्युट ऑफ ट्रांस्पोर्ट प्रोजेक्ट स्टडीज के वाइस चेयरमेन मोकोटो वाशिजु, रेलवे मंत्रालय के एक्जिक्युटिव डायरेक्टर एम.एस. माथुर, सीआईआई के प्रोजेक्ट (रेलवे) कॉ- आर्डिनेटर चेयरमेन श्री जोती ने भी गुजरात के हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट सेमीनार में गुजरात सरकार के सहयोग और जापान सरकार की प्रतिबद्धता की भूमिका पेश की। सेमीनार में गुजरात सरकार के मार्ग-मकान, उद्योग, शहरी विकास, शहरी ढांचागत सुविधा के वरिष्ठ सचिव भी मौजूद थे।