बायसेग:शिक्षक तैयारी प्रशिक्षण वर्ग के 10 दिवसीय शिविर का शुभारम्भ
उपगृह कम्युनिकेशन के माध्यम से राज्य के 4268 सीआरसी केन्द्रों
में मौजूद 2.21 लाख शिक्षकों से मुख्यमंत्री का सीधा संवाद
बालकों में अमोध शक्ती सामर्थ्य का पुंज है: श्री मोदी
Cअहमदाबाद:सोमवार:मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के 2.21 लाख शिक्षकों के उपग़्रह के माध्यम से शिक्षक तैयारी प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ करवाते हुए प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने और अपने सामर्थ्य की प्रतिती करवाने का आहवान किया।गांधीनगर में बायसेग स्टुडियो में से एज्युसेट उपग्रह के मार्फत राज्यभर के 4268 सीआरसी केन्द्रों में मौजूद रहकर तमाम प्राथमिक शाला के शिक्षक 10 दिन का प्रशिक्षण लेने वाले हैं। उनके समक्ष एक घंटे तक मुख्यमंत्री ने वार्तालाप कर कहा कि किस तरह प्राथमिक शिक्षा द्वारा राज्य के बालकों का आनेवाला कल बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सही अर्थों में शिक्षक स्वयं ही नित्य नूतन शैक्षणिक प्रवाहों और परिवर्तन को आत्मसात करनेवाले विद्यार्थी है। उन्होंने कक्षा 5 से 8 के इस वर्ष के नए शैक्षणिक अभ्यासक्रम,पाठ्यक्रम, और सर्व शिक्षा अभियान का मिशन सफल बनाने और गुणोत्सव को आत्मसात कर गुणों का पुजारी बनने का आहवान किया।
बालक तो शक्ति सामर्थ्य का पुंज है और शिक्षक का आराध्यदेव और शाला का केन्द्रबिन्दु बालक है। इसलिए बालक और शिक्षक का नाता अद्वैत है। इसकी प्रेरणा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि होशियार बालक प्रिय और कमजोर बालक के प्रति उदासीनता जैसी दो मानसिकताएं शिक्षक की हो ही नहीं सकती। कमजोर बालक का तो विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि शाला में स्वच्छता का वातावरण बनेगा तो भी शिक्षा का पूरा वातावरण बदल जाएगा। बालक के मन को अभ्यास के लिए सहज तैयार करने में शिक्षक निपुण होते हैं। इसके लिए शिक्षक का प्रत्येक विद्यार्थी और अभिभावक के साथ जीवंत सम्पर्क होना चाहिए।शिक्षक के प्रति आदरभाव तभी जागेगा जब बालक का मन शाला में तनावमुक्त होगा।
श्री मोदी ने कहा कि सरकारी शालाओं में भौतिक सुविधा से लेकर सभी तरह की शैक्षणिक सुविधाएं मौजूद हैं। ऐसे में सरकारी शालाओं में अध्ययनरत गरीब बालकों की शक्ति उभारने का काम शिक्षकों का है। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को सरकारी शालाओं और निजी शालाओं के बीच बौद्धिक क्षमता की प्रतियोगिताएं आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गुणोत्सव से प्राथमिक शिक्षा की क्षतियां और गुणवत्ता की वास्तविक स्थिति हमारे समक्ष है,ऐसे में शिक्षक परिवार सामुहिक संकल्प करे कि उनकी शाला ए ग्रेड की बने।
श्री मोदी ने कहा कि आज के जमाने में टेक्नोलोजी का प्रभाव देखें तो गांव-गांव में कम्युनिकेशन टेक्नोलोजी की सुविधा उपलब्ध है। शिक्षकों को टेक्नोसेवी बनना होगा। कार्यक्रम में शिक्षा राज्यमंत्री जयसिंह चौहाण,प्राथमिक शिक्षा सचिव आरपी गुप्ता,सर्वशिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनोज अग्रवाल सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।