हाल ही में हुई दुखद घटना से गुजरात स्तब्ध है और मै व्यक्तिगत रूप से बहुत दुःख का अनुभव कर रहा हूँ।
एक नागरिक के रूप में इस घटना के कारण रोष होना स्वाभाविक है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है।
मै गुजरात की जनता को पूरा विश्वास दिलाता हूँ की मेरी सरकार इस समस्या की जड़ो तक जाकर इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों को न सोच सके ऐसी सजा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जायेगी। लेकिन इससे रुकना नहीं है क्योकि यह बुराई गरीबो के जीवन को तबाह कर रही है।
किस की सरकार के समय में क्या हुआ और क्यों हुआ – इस बहस में समय बर्बाद नहीं करना चाहता हूँ।
राज्य सरकार द्वारा गठित जाँच आयोग ने अपना कार्य तुंरत शुरू कर दिया है। आयोग इस घटना की जाँच तो करेगा ही लेकिन साथ ही इस बुराई से गुजरात को मुक्ति दिलाने के दूरगामी उपायों पर भी कार्य करेगा।
इस संदर्भ में समाज के सभी अग्रिणी लोगो और आम जनता से अनुरोध है की वे अपने सुझाव आयोग के समक्ष दे। आयोग का कार्य अतिशीघ्र पूरा होगा और सरकार गुजरात को इस रोग से मुक्त करने हेतु दिए हरसंभव सुझाव को लागु करेगी।
जहाँ तक कानून और व्यवस्था का प्रश्न है सरकार ने सभी जरुरी कदम उठाये है और इसके लिए जिम्मेदार लोगो को नहीं बख्शा जायेगा।
पीड़ित लोगो के जीवन की रक्षा की पूरी कोशिश की जा रही है और अस्पतालों में तुंरत अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने में कोई कसर बाकि नहीं रखी है।
यह घटना जितनी दुखद है उतनी ही गंभीर है। गुजरात आज हर क्षेत्र में प्रगति के पथ पर है। गुजरात के शांतिपूर्ण वातावरण की इसमें बड़ी भूमिका है। गुजरात ने कई विपदाए देखी है और हर बार नागरिको की समझ और विवेक से उससे उबरा है।
लेकिन इस दुखद घडी में भी कुछ राजनैतिक तत्त्व समाज के शांतिपूर्ण वातावरण को खत्म कर राज्य को अस्थिर बनाना चाहते है।
मेरी नागरिको से करबद्ध प्रार्थना है की गुजरात में बरसो से गर कर गई इस बुराई को खत्म करने के लिए असरकारक वातावरण बनाना है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। गुजरात की शांति को भंग करने वालो का साथ न दे। मृत आत्माओ की शांति के लिए समर्थन और सहयोग की विनती है।