वैश्विक अर्थव्यवस्था में गुजरात की ब्रांड इमेज स्थापित करें: मुख्यमंत्री
डिफेन्स इक्विपमेंट मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्रीज के लिए विशेष इन्सेंटिव पॉलिसी
गांधीनगर, शुक्रवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित फेडरेशन ऑफ चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में गुजरात के विकास-विजन की रूपरेखा देते हुए महत्वपूर्ण नीतिविषयक निर्णयों का उल्लेख करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था में गुजरात उत्पादन की ग्लोबल ब्रांड इमेज स्थापित करने का आह्वान किया।
फिक्की की इस बैठक में मुख्यमंत्री को गुजरात डेवलपमेंट मॉडल की रूपरेखा पेश करने के लिए विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। कार्यसमिति के सदस्यों ने भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था में गुजरात के विकास के प्रभाव की सराहना की। गुजरात और विकास की देश और दुनिया में हो रही चर्चा की भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि, गुजरात के विकास को संतुलित आकार देने के लिए उसे उद्योग, कृषि और सेवा क्षेत्रों के समान हिस्से में समन्वित किया गया है। इसी तरह गुजरात के प्रादेशिक विकास के असंतुलन को दूर करने के लिए सिर्फ एक गोल्डन कॉरिडोर ही नहीं बल्कि समूचा राज्य गोल्डन बने, इस दिशा में ध्यान केन्द्रित किया गया है।इस सन्दर्भ में उन्होंने उत्तर गुजरात के पिछड़े रेगिस्तानी इलाके बनासकांठा के निकट आकार ले रहे सौर ऊर्जा के विश्व के सबसे बड़े सोलर पार्क का जिक्र किया, जो विकास की नई क्षितिजें खोलेगा। उन्होंने कहा कि, गुजरात में सडक़-ढांचागत सुविधाओं का विकास सिर्फ उत्तर से दक्षिण की ओर ही नहीं बल्कि 4000 करोड़ रुपए की लागत से नव होरिजोन्टल रोड यानी पूर्व से पश्चिम के व्यूहात्मक रोड कम्युनिकेशन कॉरिडोर के रूप में भी आकार ले रहा है। इसके जरिए पूर्व के आदिवासी क्षेत्र और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (डीएमआईसी) का पश्चिम स्थित विश्व व्यापार के प्रवेश द्वार समान बंदरगाहों के साथ मार्ग-परिवहन के सेतु का निर्माण हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि, कृषि विकास और जल संचय के जरिए गुजरात ने ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की तासीर को बदल कर रख दिया है।
गुजरात की कृषि विकास दर पिछले एक दशक में लगातार 11 फीसदी से ज्यादा रही है। अब कृषि क्षेत्र में वैल्यू एडिशन और ग्रीन हाउस एग्रो टेक्नोलॉजी के जरिए कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए साथ ही ग्रीन हाउस में बिजली की खपत को लेकर प्रोत्साहक नीति क्रियान्वित करने का संकल्प उन्होंने जताया। कृषि क्षेत्र में एरंडी के लिए डेडिकेटेड एग्रो इंडस्ट्रीयल जोन स्थापित करने और एरंडी सहित एग्रो प्रोसेसिंग उद्योग के लिए प्रोत्साहन का निर्देश भी उन्होंने दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने डिफेन्स इक्विपमेंट मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्रीज के लिए इन्सेंटिव पॉलिसी को अमल में लाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने अमूल की ब्रांड इमेज की वैश्विक मान्यता का उल्लेख करते हुए बताया कि गुजरात के औद्योगिक उत्पादनों के लिए क्वालिटेटिव ब्रांड इमेज खड़ी करने के लिए राज्य सरकार ने औद्योगिक गृहों के साथ परामर्श शुरू किया है। श्री मोदी ने गुजरात और देश की युवा शक्ति के हुनर-कौशल्य वद्र्घन की कार्ययोजना का जिक्र करते हुए कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य को तकरीबन 900 से अधिक सेवाओं की जरूरत पड़ती है। इसके मद्देनजर 1000 से अधिक स्किल डेवलपमेंट एंड अपग्रेडेशन के ट्रेनिंग सिलेबस गुजरात में अमल में लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात की युवाशक्ति अपने कौशल्यवद्र्घन द्वारा राज्य के विकास में अपनी क्षमतानुरुप योगदान दे सकेगी।उन्होंने राज्य में नारी सशक्तिकरण और आर्थिक प्रवृत्तियों में निर्णायक भागीदारी के लिए मिशन मंगलम् के जरिए जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल से 5000 करोड़ रुपए का वित्तीय कारोबार लाखों महिलाओं के सखी मंडलों के हाथ में सौंपने की महत्वाकांक्षी मंशा व्यक्त की। सेवा क्षेत्र को बल देने के लिए पर्यटन क्षेत्र के विकास की भूमिका भी उन्होंने दी। फिक्की की कार्यसमिति के सदस्यों, देश के उद्योग-व्यापार क्षेत्र के वरिष्ठ अग्रणियों ने मुख्यमंत्री के साथ गुजरात विकास का विजन भारत की अर्थव्यवस्था के लिए प्रभावी साबित हो, इस दिशा में संवाद प्रश्नोत्तरी भी की। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि, गुजरात भारत और विश्व की उत्तम और उत्कृष्ट सफल उपलब्धियों का विनियोग करने का खुला मन रखता है। इसी तरह गुजरात की पथदर्शक उपलब्धियों का यदि कोई प्रदेश अनुसरण करना चाहे तो गुजरात इस दिशा में सहयोग करने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, गुजरात सरकार की रिन्युएबल एनर्जी में प्रोएक्टिव भूमिका सही दिशा में अग्रसर है और गुजरात रिन्युएबल एनर्जी की ग्लोबल राजधानी बनने जा रहा है। सोलर एनर्जी को लो कॉस्ट पर ले जाने के लिए सोलर एनर्जी जनरेशन के साथ-साथ सोलर एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी गुजरात कदम बढ़ा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (डीएमआईसी) परियोजना में गुजरात का 40 फीसदी भूभाग संलग्न होना है। भारत-जापान के इस संयुक्त प्रोजेक्ट के शीघ्र अमल के लिए गुजरात सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। लेकिन केन्द्र सरकार का दिल्ली से गुजरात तक का प्रोजेक्ट का अमलीकरण कार्य सुस्त गति से चल रहा है, लिहाजा गुजरात सरकार ने डीएमआईसी परियोजना का प्रधान कार्यालय दिल्ली के बजाये अहमदाबाद स्थानांतरित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार के समक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि, डीएमआईसी परियोजना के लिए राज्य के 1600 किमी लम्बे विशाल समुद्र तट के बंदरगाहों के साथ संलग्न रेलवे-रोड-पोर्ट ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर भी पीपीपी मॉडल से विकसित करने की ब्ल्यु प्रिंट भी गुजरात ने तैयार की है।इस अवसर पर फिक्की के अध्यक्ष हर्ष मारीवाला ने सभी महानुभावों का स्वागत कर फिक्की की कार्यरेखा बताते हुए बैठक के उद्देश्यों को स्पष्ट किया। कार्यक्रम के अंत में फिक्की की उपाध्यक्ष सुश्री नैना लाल किदवाई ने आभार जताया। इस मौके पर देश के वरिष्ठ उद्योग-व्यापार क्षेत्र के अग्रणी समेत फिक्की के कार्यकारिणी सदस्य मौजूद थे।