अमेरिका में चलो गुजरात विश्व गुजराती सम्मेलन में मुख्यमंत्री का आह्वान
विश्वभर के गुजराती प्रतिनिधि- परिवारों और आप्रवासी भारतीयों के विशाल सम्मेलन को श्री मोदी ने किया वीडियो कांफ्रेंस से सम्बोधित
भारत में केन्द्र के शासकों ने परिवारवाद की वजह से देश को विकास के एक दशक में पीछे धकेल दिया: श्री मोदी
गुजरात की सरकार शासक नहीं बल्कि जनता की सेवक है
- गुजरात ने विकास के एक दशक से अनोखी साख बनाई
- भारत 21 वीं सदी में दुनिया को बाहुबल से नहीं, बुद्धिबल से जीते
- युवा पीढ़ी के सामर्थ्य को विकास के नये आयाम से जोड़ा जाएगा
- गुजरात चुनाव के लोकतांत्रिक पर्व में सक्रिय योगदान देने के लिए विश्व में बसे गुजराती दोस्तों- स्वजनों को पत्र लिखें
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के न्युजर्सी में विश्व के विशाल गुजराती- भारतीय समुदाय को गांधीनगर से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चुनाव के लोकतांत्रिक वर्ष में जातिवाद और राजनीति से ऊपर उठकर विकास को समर्थन देने का आह्वान किया।
21 वीं सदी में विश्व को बाहुबल से नहीं बल्कि बुद्धिबल से जीतने का सामर्थ्य भारत की युवाशक्ति में है और गुजरात सरकार ने युवा पीढ़ी को विकास के नये आयामों में संशोधन और बौद्धिक कौशल्य का तेज प्रगटाने के लिए आईक्रिएट में शामिल होने का पूरा मौका दिया है। उन्होंने विश्व गुजराती सम्मेलन के चलो गुजरात में भाग लेने आए गुजरातियों श्री मोदी ने यह बात कही।
अमेरिका के न्युजर्सी में आज सुबह साढ़े पांच बजे एसोसिएशन ऑफ इंडियन अमेरिकंस इन नॉर्थ अमेरिका AAINA के तत्वावधान में विशव गुजराती सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने विकास के पिछले एक दशक में विश्वभर में अनोखी साख और सम्मान बनाया है। गुजरात के बारे में जानने के लिए गुजरातियों के प्रति प्रेम और आदरभाव व्यक्त करने के लिए सभी की उत्कंठा जागी है। आज अमेरिका में गुजरात- गुजरात का माहौल बना है इसमें AAINA की टीम का पुरुषार्थ लगा है। श्री मोदी ने गुजरात के विकास की शक्ति को विश्व के समक्ष रखने का श्रेय 6 करोड़ गुजरातियों के सामूहिक पुरुषार्थ को दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार शासक के तौर पर नहीं बल्कि जनता की सेवक के तौर पर विकास में जनभागीदारी को जोड़ती है।मुख्यमंत्री ने गुजरात की धरती और अस्मिता की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि रामायण- महाभारत के प्राचीन काल से युगों तक गुजरात के महापुरुषों ने मानवजाति पर उपकारक ऐतिहासिक कार्य किए हैं। महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसी विश्व विभुतियों और गुजरात की वनवासी बेटी रामजी भगवान की भक्त शबरी और द्वारिका के श्रीकृष्ण की इस भूमि में आजादी के आन्दोलन में से नेतृत्व पैदा हुआ था।
सरदार पटेल ने तो 500 रजवाड़ों का विलीनिकरण करके कश्मीर से कन्याकुमारी तक अखंड भारत बनाया था। देश की अखंडता के लौहपुरुष सरदार पटेल के पास अगर कश्मीर का मामला केन्द्रिय गृहमंत्री के तौर पर होता तो कश्मीर की समस्या पैदा ही नहीं हुई होती। देशवासियों की नब्ज पहचानने वाले और समस्याओं का समाधान करने की अद्भुत खूबियों वाले सरदार साहेब कांग्रेस के थे मगर आजादी के बाद कांग्रेस शासक बन गई और परिवारभक्ति और परिवारवाद के कारण देश को भारी नुकसान हुआ। आजादी के लिए त्याग, तपस्या और बलिदान की जिन्दगी खपाने वालों के इतिहास को भुला दिया गया है। आज भी देश के शासकों में परिवारवाद और शासक का अहंभाव होने के कारण भारत की शक्ति का विकास में विनियोग नहीं होता। 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भारत शक्तिशाली बनने के बदले पीछे रह गया है। इन शासकों का परिवारवाद भारत को आगे ले जाने में रुकावट बन गया है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत तो बहुरत्न वसुन्धरा है। हमारे युवा इंफॉर्मेशन टेक्नोलोजी की बुद्धि सम्पदा से विदेशों में छा गये हैं। भारत के किसान ने अपने पुरुषार्थ और मजदूर ने उसके परिश्रम से देश के विकास में अपना योगदान देकर क्षमता को साबित किया है। भारतवासियों में जो सामर्थ्य है उसे अवसर देने में केन्द्रिय नेतृत्व असफल रहा है ऐसे में देश की इस निराशाजनक स्थिति को बदला जा सकता है, ऐसी आशा और विश्वास गुजरात ने जगाया है।
गुजरात के विकास की चर्चा चहुंओर होती है। इसका गौरव जिन राजनैतिक दलों को पसन्द नहीं है वह ऐसा दुष्प्रचार करते हैं कि गुजरात तो पहले से ही विकसित था। इस भ्रामक प्रचार की हवा तो इस बात से निकल जाती है कि गुजरात के विकास की चर्चा पहले क्यों नहीं हुई ? किसलिए इन्दुलाल याज्ञिक जैसे लोगों को आन्दोलन करना पड़ा ? किसलिए राज्य के भ्रष्टाचारी शासक के खिलाफ जनता को नवनिर्माण आन्दोलन करना पड़ा ? भूतकाल में गुजरात के शासक ऐसे लोग थे जिन्होंने गुजरात को विकास के बदले तबाही में धकेल दिया था। ऐसे परिबलों का सामना हमें जागरुक होकर करना पड़ेगा। आज दिल्ली में बैठे शासकों ने 21 वीं सदी को हिन्दुस्तान की सदी बनाने के बजाए हिन्दुस्तान को टेकऑफ से पूर्व ही नीचे गिरा दिया है।गुजरात आज लगातार 10.7 प्रतिशत की कृषि विकास दर को आगे बढ़ा रहा है। श्वेतक्रांति में ग्रामीण नारीशक्ति ने पशुपालन क्षेत्र में अपना सामर्थ्य दिखाकर दूध के उत्पादन में 68 प्रतिशत की वृद्धि का रिकार्ड बनाया है। गुजरात के किसानों ने देश के अनाज भंडारों को भरकर भूखों को भोजन उपलब्ध करवाया है। गुजरात के मजदूरों ने गुजरात को लेबर अनरेस्ट, श्रमिक अशांति से मुक्त रखा है। गुजरात की इस सरकार ने शासक भाव से नहीं बल्कि सेवक की भावना से विकास में जनशक्ति को प्रेरित किया है।
गुजरात के विकास में मानव संसाधन विकास के लिए फॉरेंसिक साइंस युनिवर्सिटी, रक्षा शक्ति युनिवर्सिटी, टीचर्स युनिवर्सिटी जैसे विश्व की युवाशक्ति को नये अवसर उपलब्ध करवाने वाली शिक्षा पद्धति और मेडिकल, इंजिनियरिंग और स्कील डवलपमेंट के क्षेत्रों में विशाल सुविधाओं की भूमिका श्री मोदी ने पेश की। युवा देश का भविष्य हैं और होनहार युवा बुद्धि सम्पदा को उसके शोध- संशोधन को प्रोत्साहन देने के लिए भी गुजरात ने पहल करके आई क्रियेट जैसा इंक्युबेशन सेंटर विश्व स्तर का बनाने को भी सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने विश्वभर के गुजरातियों को लोकतंत्र के पर्व चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने, राजनीति, जातिवाद और परिवारवाद से उपर उठकर विकास को समर्थन देने के लिए अपने दोस्तों,स्वजनों को पत्र भेजकर इस अभियान में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने गुजरात में गुटखामुक्ति अभियान को समर्थन देने के लिए मोबाइल, मिस्कॉल और एसएमएस करने की प्रेरणा दी।
AAINA कन्वीनर सुनील नायक ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व को सिंह के समान बताकर गुजरात विकास का दर्शन विश्व को करवाने का श्रेय श्री मोदी को दिया।