प्रधानमंत्री बनने के पूर्व से ही पीएम मोदी की टेक्नोलॉजी में गहरी दिलचस्पी रही है। साथ ही उनका झुकाव स्पेस-टेक्नोलॉजी की ओर रहा है। वर्ष 2006 में, जब श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वे तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ स्पेस एप्लीकेशन्स सेंटर (SAC), इसरो, अहमदाबाद गए थे।

|

उनका उद्देश्य, मिशन चंद्रयान-1 की प्रगति की निगरानी करना था, जो 2008 में लॉन्च होने वाला था। गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में, श्री नरेन्द्र मोदी, हमेशा साइंस और स्पेस के बारे में उत्साही रहे हैं।

22 अक्टूबर, 2008 को चंद्रयान-1 के सफल प्रक्षेपण का जश्न मनाते हुए, श्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ाने के लिए स्पेस एप्लीकेशन्स सेंटर (अहमदाबाद) का विशेष दौरा किया। उन्होंने इस अविश्वसनीय उपलब्धि पर इसरो को बधाई देते हुए गुजरात कैबिनेट का प्रस्ताव भी पेश किया।

|

 

|

इसरो को मिनी इंडिया की तरह बताते हुए श्री मोदी ने सभी वैज्ञानिकों को रात्रिभोज का निमंत्रण दिया। अपने वचन का पालन करते हुए, बाद में जनवरी 2009 में, श्री मोदी ने साइंस सिटी, अहमदाबाद में वैज्ञानिकों के परिवार के सदस्यों को आमंत्रित करते हुए, एक दिल को छू लेने वाला 'स्नेह-मिलन' कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने कहा, "विज्ञान में इतिहास को बदलने की क्षमता है।"

|
|
|

2019 में भारत ने चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था। हालांकि भारत इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज नहीं करा सका, क्योंकि चंद्रयान-2 का इसरो मुख्यालय में नियंत्रण केंद्र से संपर्क टूट गया था लेकिन मिशन उतना ही पथप्रदर्शक था क्योंकि इससे जुड़े ऑर्बिटर ने पहली बार क्रोमियम, मैंगनीज और सोडियम की उपस्थिति का पता लगाया था। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "मैं अपने वैज्ञानिकों से कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है। अपने स्वभाव के अनुरूप, आपने एक ऐसी जगह पर कदम रखा, जहां कोई पहले कभी नहीं गया था।" यहां तक कि पीएम मोदी को इसरो के तत्कालीन प्रमुख के. सिवन को गले लगाते और सांत्वना देते हुए भी देखा गया था।

15 साल पहले, श्री मोदी ने शिक्षा, टेलीमेडिसिन और जीवन के रहस्यों की जांच में विज्ञान की क्षमता को देखा था। और आज, एक ऐतिहासिक उपलब्धि में, जब चंद्रयान-3 मिशन का रोबोटिक लूनर रोवर 'विक्रम' 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर उतरा, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आख़िरी क्षण की सॉफ्ट लैंडिंग के साक्षी बनने के लिए, दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से, इसरो टीम से जुड़े और इस सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस माइलस्टोन ने भारत को चंद्रमा पर उतरने वाला दुनिया का चौथा देश और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना दिया।

दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट और ग्रीस की राजकीय यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे बेंगलुरु पहुंचे, जहां उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की। अपने भावुक संबोधन में पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मेहनत, समर्पण और जुनून को सैल्यूट किया। उन्होंने कहा, "भारत चंद्रमा पर है। हमारा राष्ट्रीय गौरव चंद्रमा पर स्थापित हो गया है। हम उस स्थान पर पहुंचे, जहां पहले कभी कोई नहीं पहुंचा। हमने वह किया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया।"

प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता का बड़ा श्रेय महिला वैज्ञानिकों को भी दिया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 चंद्र मिशन की सफलता में हमारी महिला वैज्ञानिकों, देश की "नारी शक्ति" ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।


इस सराहनीय उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 के लैंडिंग पॉइंट को 'शिवशक्ति' और वह पॉइंट, जहां चंद्रयान-2 ने अपने फुटप्रिंट छोड़े, 'तिरंगा' नाम दिया, ताकि हमें याद दिलाया जा सके कि 'कोई भी विफलता स्थायी नहीं है।' उन्होंने यह भी घोषणा की कि हर वर्ष, 23 अगस्त को, भारत 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में मनाएगा।

इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने चंद्रयान-3 की सफलता पर विभिन्न वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इसरो यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पास भारत के युवाओं के लिए एक महान विजन है और भारत की तकनीकी प्रगति को सक्षम करने के लिए "मेक इन इंडिया" में उनका बहुत विश्वास है। इसरो के वैज्ञानिकों ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बावजूद पीएम मोदी ने, उन्हें विनम्र रहने और हमारी भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया।

Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
30% surge in footfalls, 40% repeat fans, why India's concert economy is exploding

Media Coverage

30% surge in footfalls, 40% repeat fans, why India's concert economy is exploding
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
परिणामों की सूची: प्रधानमंत्री की घाना की राजकीय यात्रा
July 03, 2025

I. घोषणा

  • द्विपक्षीय संबंधों का व्यापक भागीदारी में उन्नयन

II. समझौता ज्ञापनों की सूची

  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) पर समझौता: कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और विरासत में अधिक सांस्कृतिक समझ और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
  • भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और घाना मानक प्राधिकरण (जीएसए) के बीच समझौता: मानकीकरण, प्रमाणन और अनुरूपता मूल्यांकन में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से।
  • घाना के पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान (आईटीएएम) और भारत के आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) के बीच समझौता: पारंपरिक चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान में सहयोग करना।
  • संयुक्त आयोग की बैठक पर समझौता: उच्च स्तरीय संवाद को संस्थागत बनाना और नियमित आधार पर द्विपक्षीय सहयोग तंत्र की समीक्षा करना।