प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने आज तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) में भारत सरकार की 68.94 प्रतिशत की हिस्सेदारी से पांच प्रतिशत की चुकता इक्विटी पूंजी के विनिवेश को मंजूरी दी।
इस फैसले से कंपनी की अंशधारिता को व्यापक बनाने और विनिवेश प्राप्तियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि:
ओएनजीसी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करने वाला एक “महारत्न” सार्वजनिक उपक्रम है। इसकी स्थापना अगस्त, 1956 में पेट्रोलियम संसाधनों के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाने, उन्हें बढ़ावा देने और क्रियान्वित करने और पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन एवं बिक्री को बढ़ाने के लिए हुई थी।
कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी 31 मार्च, 2014 को 4277 करोड़ रुपये थी। ओएनजीसी में 68.94 प्रतिशत चुकता पूंजी भारत के राष्ट्रपति के पास है। भारत सरकार की विनिवेश नीति के अनुसार सरकार ने ओएनजीसी की पांच प्रतिशत चुकता इक्विटी के विनिवेश का निर्णय लिया है। इस विनिवेश के बाद कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी घटकर 63.94 प्रतिशत रह जाएगी।