प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने आज एनएचपीसी लिमिटेड में भारत सरकार की 85.96 प्रतिशत की हिस्सेदारी से 11.36 प्रतिशत की चुकता इक्विटी पूंजी के विनिवेश को मंजूरी दी।
सार्वजनिक हिस्सेदारी में बढ़ोतरी से आम निवेशकों को निवेश का एक बढ़िया अवसर मिलेगा।
पृष्ठभूमि:
एनएचपीसी लिमिटेड (जिसे पूर्व में नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) बिजली मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करने वाला एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।एनएचपीसी ने 20 हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन का विकास और निर्माण किया है, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 6,507 मेगावाट है। एनएचपीसी वर्तमान में चार नए हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं का निर्माण कर रही है, जिससे कुल स्थापित क्षमता में 3,290 मेगावाट की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी 31.03.2014 को 11.071 करोड़ रुपये थी। एनएचपीसी की 85.96 प्रतिशत चुकता पूंजी भारत के राष्ट्रपति के पास है। भारत सरकार की विनिवेश नीति के अनुसार, सरकार ने सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार शेयर बाजार में “बिक्री की पेशकश” के जरिए एनएचपीसी की 11.36 प्रतिशत इक्विटी के विनिवेश का निर्णय लिया है। इस विनिवेश के बाद कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी घटकर 74.60 प्रतिशत रह जाएगी। संशोधित प्रतिभूतिसंविदा (विनियमन) नियम (एससीआरआर) के अनुसार सूचीबद्ध सीपीएसई में कम से कम 25 प्रतिशथ सार्वजनिक हिस्सेदारी होनी चाहिए।