प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने आज कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में भारत सरकार की 89.65 प्रतिशत की हिस्सेदारी से 10 प्रतिशत की चुकता इक्विटी पूंजी के विनिवेश को मंजूरी दी।
इस निर्णय से
पृष्ठभूमि:
सीआईएल कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करने वाला एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इसका उद्देश्य संसाधनों के संरक्षण, श्रमिकों की सुरक्षा तथा जीवन की गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए तय मात्रा में कोयला और कोयले के उत्पादों का कुशलतापूर्वक उत्पादन और विपणन करना है। सीआईएल की अधिकृत पूंजी 8904.18 करोड़ रुपये है (904.18 करोड़ रुपये के गैर-संचयी दस प्रतिशत भुगतान योग्य तरजीही शेयर और 8,000 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर), जिसमें से 31.03.2014 को जारी की गई और खरीदी गई इक्विटी पूंजी 6316.36 करोड़ रुपये थी। सीआईएल की कुल चुकता पूंजी का 89.65 प्रतिशत भारत के राष्ट्रपति के पास है। भारत सरकार की विनिवेश नीति के अनुसार सरकार ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों के अनुसार सीआईएल में अपनी 89.65 प्रतिशत हिस्सेदारी में से दस प्रतिशत इक्विटी के विनिवेश का निर्णय लिया है। इस विनिवेश के बाद इस कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी घटकर 79.65 प्रतिशत रह जाएगी।