• कांग्रेस की सरकारों के ४० वर्ष के कुशासन में किसानों और खेती की दुर्दशा हुई
  • गोचर की जमीनें और उपजाऊ खेती की जमीनें किसानों के पास से कौड़ियों के दाम में छिन लेने वाली कांग्रेस ने किसानों की दुर्दशा की
  • खरीफ फसल बीमा योजना के गुजरात के किसानों के हक के पैसे रोककर केन्द्र सरकार किसानों से राजनीतिक भेदभाव कर रही है
  • मुख्यमंत्री श्री मोदी के शासन में कृषि बिजली कनेक्शन कांग्रेसी शासकों के चार दशक की तुलना में दो गुने
  • नर्मदा योजना को विलंब में डालकर गुजरात को कृषि और पेयजल के लिए मिलने वाला पानी रोकने का काम कांग्रेस कर रही है

कृषि मंत्री बाबूभाई बोखीरिया ने गुजरात के किसानों को गुमराह करने के लिए कांग्रेसी नेताओं द्वारा फैलाये जा रहे झूठ की कड़ी आलोचना करते हुए सिलसिलेवार उनकी पोल खोली। श्री बोखीरिया ने कहा कि भूतकाल के कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों और सरकारों ने गुजरात के किसानों पर गोलियां चलाई थीं, और कई निर्दोष किसानों की इसमें जान चली गई थी। किसानों और खेती की दुर्दशा के खिलाफ आवाज उठाने वाले निर्दोष किसानों की जो दुर्दशा कांग्रेस सरकारों ने की थी, उसे भुलाया नहीं जा सकता।

कृषि मंत्री ने विपक्षी कांग्रेस के नेता और प्रवक्ताओं को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस किस मुंह से गुजरात के किसानों की हमदर्द बनने के लिए निकल पड़ी है? कांग्रेस के शासन में तो किसानों और खेती की भयंकर दुर्दशा ही थी, परन्तु पिछले १२ वर्षों से खेती और किसानों के हित की छोटी से छोटी बात का मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ख्याल रखा है। समग्र देश में पहली बार वाइब्रेंट गुजरात विश्व कृषि सम्मेलन आयोजित कर देश के सभी राज्यों के, ५४३ जिलों के किसानों के लिए आधुनिक खेती और कृषि टेक्नोलॉजी का लाभ देने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया गया है। हजारों प्रगतिशील किसानों गुजरात में भाजपा की सरकार के आमंत्रण से उमड़ पडे़। इस अभूतपूर्व किसानशक्ति ने भाजपा सरकार द्वारा किसानों में भरोसा पैदा किया जिससे कांग्रेस की नींद हराम हो गई है।

मुख्यमंत्री श्री मोदी को गुजरात के किसान मतदाताओं ने दिल खोलकर मत दिए और चार-चार बार उन्हें विजय दिलवाई। कांग्रेस के अस्तित्व का सफाया हो गया। अब वाइब्रेंट गुजरात विश्व कृषि सम्मेलन को ऐतिहासिक सफलता मिली है और पूरे देश के किसानों ने कांग्रेस की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुटता से आवाज उठाई है, इससे देश के किसान भी कांग्रेस का खात्मा कर देंगे, इसी हताशा से बचने के लिए कांग्रेस हाथ-पैर मार रही है।

मंत्री बाबूभाई बोखीरिया ने किसानों को उकसाने के लिए कांग्रेस द्वारा फैलाये जा रहे झूठ का खुलासा करते हुए कहा कि खरीफ फसल बीमा योजना की गुजरात के किसानों की हक की रकम केन्द्र की कांग्रेस शासित यूपीए सरकार ने रोक दी है। किसानों को फसल बीमा के मिलने पात्र पैसे चुकाने में अवरोध खड़े किए जा रहे हैं और गुजरात सरकार बदनाम हो इसके लिए राजनीतिक भेदभाव किया जा रहा है।

वास्तव में राज्य के किसानों को जल्द से जल्द फसल बीमा योजना का पूरा पैसा मिल जाए इसके लिए जो खरीफ फसल राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत शामिल की गई है, उन फसलों के उत्पादन की जानकारी और प्रीमियम सब्सिडी की रकम एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कंपनी को भेज दी गई है। श्री नरेन्द्र मोदी की इस सरकार ने तो फसल बीमा चुकाने की राज्य सरकार की जिम्मेदारी के तहत ९६३ करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम की व्यवस्था बजट में की है। परन्तु केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने गुजरात सरकार के साथ परामर्श किए बगैर और उसकी सहमति लिए बिना एकतरफा निर्णय करके एरिया डिस्क्रिपन्सी फेक्टर लगाकर दावे का निराकरण किया है। यह निर्णय किसान विरोधी है, इसलिए राज्य सरकार इसको नहीं मानेगी। इस पर केन्द्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए और गुजरात के तमाम किसानों को उसके अधिकार के फसल बीमा के धन को तत्काल चुकाया जाना चाहिए। यह केन्द्र सरकार की सीधी जिम्मेदारी है। इसके बावजूद गुजरात के किसानों को फसल बीमा के हक के पैसे नहीं मिले हैं, इसके लिए केन्द्र की कांग्रेस सरकार की गुजरात विरोधी और किसान विरोधी मानसिकता जिम्मेदार है। इस बारे में केन्द्रीय कृषि मंत्री को ढेरों पत्र लिखकर प्रार्थना की गई है, लेकिन केन्द्र सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती।

गुजरात में किसानों की संख्या घट रही है, विपक्ष के नेता के इस झूठ को चुनौती देते हुए श्री बोखीरिया ने कहा कि भारत सरकार की वर्ष २०११ की जनगणना के मुताबिक गुजरात में २००१ में ४२,३९,२४२ किसान थे जो बढ़कर २०१०-११ में ४७,३८,१८८ हो गए हैं। क्या विपक्ष के नेता उन्हीं की पार्टी की केन्द्र सरकार के सरकारी दस्तावेजों को फर्जी ठहराना चाहते हैं? वास्तव में केन्द्र के आंकड़ों के मुताबिक ही देश में प्रति दिन ढाई हजार किसान खेती करना छोड़ रहे हैं, इसके लिए केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीति जिम्मेदार हैं।

गुजरात में भयंकर अकाल के समय राहत के कार्यों में तथा घास के चारे भूखे पशुओं के मुंह से छिन लेने वाली कांग्रेस सरकार के पाप सभी को याद हैं। इसका उल्लेख करते हुए गुजरात के कृषि मंत्री ने कहा कि गुजरात का गौचर बेच देने में कांग्रेस सरकार ही जिम्मेदार रही है। सरकार के दस्तावेजों की अधिकृत जानकारी से स्वयं स्पष्ट होता है कि १९८५ से १९९० के कांग्रेस शासन में सरकार की अतिरिक्त जमीन के आवंटन की तुलना में ९४ प्रतिशत गौचर की जमीनों का आवंटन किया गया था। वर्ष १९९० से १९९५ के कांग्रेस शासन में ३२ प्रतिशत गौचर की जमीनें किसानों और पशुपालकों के पशुधन की थी, जिसे छिन लिया गया। कांग्रेस की सरकार ने बड़े पैमाने पर गौचर की जमीनों को अन्य उद्देश्यों के लिए आवंटित कर गौचर जमीन का सत्यानाश किया था। जबकि श्री मोदी के भाजपा शासन में २००१ से १२ तक के ११ वर्षीय समयकाल में गौचर की जमीन ६,८०० हेक्टेयर बढ़ी है।

श्री बोखीरिया ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने ही उद्योग के नाम पर खेती की उपजाऊ जमीन किसानों से छीन ली थी। वर्ष 1980 की कृषि फसलों का बुवाई क्षेत्र 95.76 लाख हेक्टेयर था जो कांग्रेस शासन में घटकर 92.96 लाख हेक्टेयर कैसे हो गया? गुजरात में पिछले बारह वर्ष में 37 लाख हेक्टेयर कृषि बुवाई क्षेत्र बढ़ा है और आज 1.45 लाख से ज्यादा कृषि क्षेत्र का दायरा बढ़ा है। श्री मोदी के नेतृत्व में कृषि महोत्सव और जलसंचय अभियानों में किसानों ने पूरा भरोसा जताया। इसलिए एकमात्र गुजरात में पिछले पूरे दशक में गुजरात की कृषि विकास दर दस प्रतिशत से ज्यादा रही है। गुजरात का कृषि उत्पादन 14,000 करोड़ से बढ़कर 1.11 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इसकी सराहना देश के समस्त गणमान्य कृषि अर्थशास्त्रियों और केन्द्र की कांग्रेस शासित सरकार के योजना आयोग ने भी की है।

श्री बोखीरिया ने कहा कि विपक्ष के नेता ने किसानों को गुमराह करने के लिए झूठ का सिलसिला चलाया है परंतु डार्कजोन का पाप कांग्रेस सरकारों के शासन में था। इस सरकार ने तो डार्कजोन हटा दिया है। यह इसलिए हुआ है कि जलसंचय के व्यवस्थापन से बारिश का पानी जमीन में उतारकर भूगर्भ जलस्तर तीन से तेरह मीटर तक ऊंचा ला दिया है और नर्मदा केनाल तथा सुजलाम सुफलाम नहरों के मार्फत राज्य के किसानों के खेत तक पानी पहुंचाया गया है। इस सच्चाई का स्वीकार भी कांग्रेस शासित भारत सरकार ने किया है। कांग्रेस के शासन में तो दशकों तक यह पानी समुद्र में बेकार बह जाता था इसका खेती के लिए उपयोग श्री मोदी की सरकार ने किया है। विपक्ष इससे अनजान है, यह आश्चर्य की बात है।

नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध पर दरवाजे लगाने से नर्मदा योजना का समुद्र में बह जाने वाला 75 प्रतिशत पानी कृषि क्रांति के लिए सिंचाई के उपयोग में लिया जा सकता है परंतु कांग्रेस के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री द्वारा कही गई हकीकत से वाकिफ हुए फिर भी श्री मोदी को यश ना मिले इसके लिए डेम पर दरवाजे लगाए जाने में अवरोध पैदा किए जा रहे हैं। किसानों को नर्मदा के जल से वंचित रखने का पाप केन्द्र की सरकार कर रही है। बरसात में देरी से होने के बाद गुजरात सरकार ने युद्ध स्तर पर नर्मदा केनाल का काम शुरु किया था मगर आचार संहिता का बहाना करके कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने सौराष्ट्र के किसानों को मिलने वाला पानी रोक दिया था, कांग्रेस का यह पाप किसान कभी नहीं भूल पाएंगे।

कृषि मंत्री ने कहा कि गुजरात में कृषि विषयक बिजली आपूर्ति में कांग्रेस सरकारों और श्री मोदी जी की सरकार की तुलना करें तो पता चल जाएगा कि हकीकत क्या है। 1960 से 2000 तक के कांग्रेस सरकारों के 40 वर्ष के शासनकाल बिजली कनेक्शन 6.65 लाख हुए थे जबकि श्री मोदी जी की सरकार में 12 ही 3,87,273 नये बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। यह पूर्व की सरकारों के 40 साल के शासन से ज्यादा हैं। पिछले दो साल में अर्थात् वर्ष 2011-12 में नये 70,000 और 2012-13 में 97,459 बिजली कनेक्शन और जुलाई 2013 तक और 23,000 बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। इस प्रकार, कृषि विषयक बिजली कनेक्शनों के लिए, किसानों को उकसाने वाले कांग्रेसियों के झूठ से किसी प्रकार का फर्क पड़ने वाला नहीं। कांग्रेस के शासन में खेती के बिजली आपूर्ति की एक युनिट की दर 58 पैसे थी जबकि आज केन्द्र की सरकार की अवरुद्ध ऊर्जा नीति की वजह से बिजली खर्च 4.41 पैसे हुआ है इसके बावजूद किसानों को तो सिर्फ 49 पैसे में गुजरात में प्रति युनिट बिजली दी जाती है। गुजरात के किसान इन हकीकतों को जानते हैं और कभी कांग्रेस के बहकावे में नहीं आयेंगे।

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Prime Minister meets with Crown Prince of Kuwait
December 22, 2024

​Prime Minister Shri Narendra Modi met today with His Highness Sheikh Sabah Al-Khaled Al-Hamad Al-Mubarak Al-Sabah, Crown Prince of the State of Kuwait. Prime Minister fondly recalled his recent meeting with His Highness the Crown Prince on the margins of the UNGA session in September 2024.

Prime Minister conveyed that India attaches utmost importance to its bilateral relations with Kuwait. The leaders acknowledged that bilateral relations were progressing well and welcomed their elevation to a Strategic Partnership. They emphasized on close coordination between both sides in the UN and other multilateral fora. Prime Minister expressed confidence that India-GCC relations will be further strengthened under the Presidency of Kuwait.

⁠Prime Minister invited His Highness the Crown Prince of Kuwait to visit India at a mutually convenient date.

His Highness the Crown Prince of Kuwait hosted a banquet in honour of Prime Minister.