Published By : Admin | August 16, 2024 | 21:56 IST
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चरण-3 की कुल परियोजना पूर्णता लागत 15,611 करोड़ रुपये है जिसे वर्ष 2029 तक चालू किया जाना है
कॉरिडोर-1 जेपी नगर चौथे चरण से आउटर रिंग रोड वेस्ट के साथ-साथ केम्पापुरा तक, जिस पर 21 स्टेशन होंगे और लंबाई होगी 32.15 किलोमीटर
कॉरिडोर-2 होसाहल्ली से मगदी रोड के साथ-साथ कडाबगेरे तक, जिस पर 9 स्टेशन होंगे और लंबाई होगी 12.50 किलोमीटर
बेंगलुरू शहर में 220.20 किमी का मेट्रो रेल नेटवर्क होगा
एक सतत रिंग के रूप में हवाई अड्डे और आउटर रिंग रोड ईस्ट तक सीधी कनेक्टिविटी जो प्रमुख आईटी क्लस्टरों को जोड़ेगी और शहर के विभिन्न हिस्सों तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज बेंगलुरू मेट्रो रेल परियोजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी जिसमें 31 स्टेशनों वाले और 44.65 किलोमीटर लंबे दो एलिवेटेड कॉरिडोर होंगे। कॉरिडोर-1 जेपी नगर चौथे चरण से केम्पापुरा (आउटर रिंग रोड वेस्ट के साथ-साथ) तक होगा, जिस पर 21 स्टेशन होंगे और लंबाई 32.15 किलोमीटर होगी। कॉरिडोर-2 होसाहल्ली से कडाबगेरे (मगदी रोड के साथ-साथ) तक होगा, जिस पर 9 स्टेशन होंगे और लंबाई 12.50 किलोमीटर होगी।
चरण-3 के चालू हो जाने पर बेंगलुरु शहर में 220.20 किलोमीटर का सक्रिय मेट्रो रेल नेटवर्क होगा।
परियोजना की कुल पूर्णता लागत 15,611 करोड़ रुपये है।
परियोजना के लाभ:
बेंगलुरू मेट्रो रेल परियोजना का चरण-3 इस शहर में अवसंरचना विकास में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। चरण-3 इस शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क का एक व्यापक विस्तार है।
बेहतर कनेक्टिविटी:
चरण-3 में लगभग 44.65 किलोमीटर लंबी नई मेट्रो लाइनें शामिल होंगी, जो बेंगलुरू शहर के उस पश्चिमी हिस्से को कनेक्ट करेगी, जो पहले इससे वंचित था। चरण-3 शहर के प्रमुख क्षेत्रों को एकीकृत करेगा जिसमें पीन्या औद्योगिक क्षेत्र, बन्नेरघट्टा रोड और आउटर रिंग रोड पर आईटी उद्योग, तुमकुरु रोड और ओआरआर पर कपड़ा और इंजीनियरिंग आइटम विनिर्माण इकाइयां, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), पीईएस विश्वविद्यालय, अंबेडकर कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, केएलई कॉलेज, दयानंदसागर विश्वविद्यालय, आईटीआई जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। चरण-3 के गलियारे शहर के दक्षिणी भाग, आउटर रिंग रोड पश्चिम, मगदी रोड और विभिन्न मोहल्लों को भी कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं, जिससे शहर में समग्र कनेक्टिविटी बढ़ जाती है। वाणिज्यिक केंद्रों, औद्योगिक केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अंतिम छोर तक बेहतर कनेक्टिविटी से निवासियों के लिए बेहतर पहुंच सुलभ होगी।
यातायात की भीड़ में कमी:
एक कारगर वैकल्पिक सड़क परिवहन के रूप में मेट्रो रेल तथा बेंगलुरु शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार के रूप में चरण-3 से यातायात की भीड़ में कमी आने की उम्मीद है और यह बाहरी रिंग रोड पश्चिम, मगदी रोड और शहर के अन्य भारी भीड़भाड़ वाले प्रमुख मार्गों पर विशेष रूप से प्रभावी साबित होगा। सड़क यातायात में कमी आने से वाहनों की सुगम आवाजाही, यात्रा के समय में कमी, समग्र सड़क सुरक्षा में वृद्धि आदि सुनिश्चित हो सकेगी।
पर्यावरणीय लाभ:
चरण-3 मेट्रो रेल परियोजना के जुड़ने और बेंगलुरु शहर में समग्र मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार से पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर आधारित परिवहन से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन में तुलनात्मक रूप से काफी कमी आएगी।
आर्थिक विकास:
यात्रा के समय में कमी आने और शहर के विभिन्न हिस्सों तक बेहतर पहुंच से लोगों को अपने कार्यस्थलों तक अधिक सुगमता से पहुंचने की सुविधा मिलने से उत्पादकता में वृद्धि हो सकेगी। चरण-3 के निर्माण एवं संचालन से निर्माण श्रमिकों से लेकर प्रशासनिक कर्मचारियों तथा रखरखाव से जुड़े कर्मियों तक के विभिन्न क्षेत्रों में कई नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही, कनेक्टिविटी में वृद्धि स्थानीय, विशेष रूप से नए मेट्रो स्टेशनों के निकट के क्षेत्रों में, व्यवसायों को प्रोत्साहित कर सकती है जो पहले के कम पहुंच वाले क्षेत्रों में निवेश और विकास को भी आकर्षित कर सकेगी।
सामाजिक प्रभाव:
बेंगलुरु में चरण-3 मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार से सार्वजनिक परिवहन अधिक न्यायसंगत तरीके से सुलभ होगी, जिससे विविध सामाजिक-आर्थिक समूहों को लाभ होगा और परिवहन संबंधी असमानताएं कम होंगी, जो आवागमन में लगने वाले समय को कम करके और आवश्यक सेवाओं की सुलभता बेहतर करके जीवन की उच्च गुणवत्ता में योगदान देगी।
मल्टी-मॉडल एकीकरण और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी:
जेपी नगर चौथे चरण, जेपी नगर, कामाक्या, मैसूर रोड, सुमनहल्ली, पीन्या, बीईएल सर्कल, हेब्बल, केम्पापुरा, होसाहल्ली समेत 10 स्थानों पर मल्टी-मॉडल एकीकरण की योजना बनाई गई है। इससे मौजूदा और निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशनों, बीएमटीसी बस स्टैंड, भारतीय रेलवे स्टेशनों, प्रस्तावित उपनगरीय (के-राइड) स्टेशनों के साथ इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी।
चरण-3 के सभी स्टेशनों के लिए समर्पित बस बे, पिक अप और ड्रॉप ऑफ बे, पैदल यात्री पथ, आईपीटी/ऑटो रिक्शा स्टैंड भी प्रस्तावित किया गया है। बीएमटीसी पहले से ही परिचालित मेट्रो स्टेशनों के लिए फीडर बसें चला रहा है और चरण-3 के स्टेशनों तक भी इसका विस्तार किया जाएगा। 11 महत्वपूर्ण स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा प्रदान की गई है। चरण-1 और चरण-2 के मौजूदा स्टेशनों को चरण-3 के प्रस्तावित स्टेशनों के साथ जोड़ दिया गया है। दो रेलवे स्टेशनों (लोट्टेगोल्लाहली और हेब्बल) के लिए एफओबी/ स्काईवॉक के माध्यम से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। फेज-3 मेट्रो स्टेशनों पर बाइक और साइकिल शेयरिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
A boost for Namma Bengaluru's infrastructure...
The Metro network of the city expands with the Cabinet approving 2 new corridors, consisting 30 more stations. This will enhance the commuter experience and boost 'Ease of Living.' https://t.co/JZv1pAGj4rpic.twitter.com/AJsyFVfyVL
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024
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Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी, Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी, Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी, Hon’ble Leader of the Opposition, Hon’ble Ministers, Members of the Parliament, Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है। लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।