प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है। योजना का उद्देश्य नीली क्रांति के माध्यम से देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जवाबदेह विकास को सुनिश्चित करना है। कुल 20050 करोड रुपए की अनुमानित लागत वाली यहयोजना, केन्द्रीय येाजना और केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू की जाएगी। इसमें केन्द्र की हिस्सेदारी 9407 करोड रूपए, राज्यों की हिस्सेदारी 4880 करोड रुपए तथा लाभार्थियों की हिस्सेदारी 5763 करोड रुपए होगी।

इस योजना को वित्त वर्ष 2020 21 से 2024 25 तक पांच वर्षों की अवधि में लागू किया जाएगा।

योजना के दो घटक होंगे। पहला केन्द्रीय योजना और दूसरा केन्द्र प्रायोजित योजना।

केन्द्रीय योजना के दो वर्ग होंगे एक लाभार्थी वर्ग और दूसरा गैर लाभार्थी वर्ग। केन्द्र प्रायोजित योजना को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है

उत्पादन और उत्पादकता को प्रोत्साहन
अवसंरचना और उत्पादन बाद प्रंबधन
मत्स्य पालन प्रबंधन और नियामक फ्रेमवर्क

योजना का वित्त पोषण

केन्द्रीय परियोजना के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय जरुरतों की पूर्ति केन्द्र की ओर की जाएगी। इसमें लाभार्थी वर्ग से जुडी गतिविधियों को चलाने का काम पूरी तरह से राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड सहित केन्द्र सरकार का होगा। इसमें सामान्य लाभार्थियों वाली परियोजना का 40 प्रतिशत जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति तथा महिलाओं से जुडी परियोजना का 60 प्रतिषण वित्त पोषण केन्द्र सरकार करेगी।

केन्द्र प्रायोजित योजना का वित्त पोषण

इस योजना के तहत गैर लाभार्थियों से जुडी गतिविधियों का पूरा खर्च राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारें मिलकर उठाएंगी।

इसके तहत पूर्वोत्तर तथा हिमालयी क्षेत्र वाले राज्यों में लागू की जाने वाली ऐसी परियेाजना का 90 फीसदी खर्च केन्द्र और 10 फीसदी खर्च राज्य सरकारें वहन करेंगी।
अन्य राज्यों के मामले में केन्द्र और संबधित राज्यों की हिस्सेदारी क्रमश 60 और 40 प्रतिशत होगी।
केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू की जाने वाली ऐसी योजनाओं का सौ फीसदी वित्त पोषण केन्द्र की ओर से किया जाएगा
गैर लाभार्थी वर्ग की योजना का वित्त पोषण

इस वर्ग की योजना का वित्त पोषण पूरी तरह से सं​बधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की ओर से किया जाएगा। इसमें सामान्य श्रेणी वाली परियोजना में सरकार, राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों की कुल हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी जबकि महिलाओं,अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग से जुडी परियोजना के लिए सरकार की ओर से 60 फीसदी की आर्थिक मदद दी जाएगी।

पूर्वोत्तर तथा हिमालयी क्षेत्र के राज्यों में ऐसी परियोजनाओं के लिए सरकार की ओर से90 प्रतिशत वित्त पोषण किया जाएगा जबकि राज्यों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत होगी।
अन्य राज्यों के लिए यह क्रमश 60 और 40 प्रतिशत होगी
केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए केन्द्र की ओर से 100 फीसदी मदद दी जाएगी

लाभ

मत्स्य पालन क्षेत्र की गंभीर कमियो को दूर करते हुए उसकी क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल होगा
मत्स्य पालन क्षेत्र में 9 प्रतिशत की सालाना दर से वृद्धि के साथ 2024 25 तक 22 मिलियन मेट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
मत्स्य पालन के लिए गुणवत्ता युक्त बीज हासिल करने तथा मछली पालन के लिए बेहतर जलीय प्रबंधन को बढावा मिलेगा।
मछली पालन के लिए आवश्यक अवसंरचना और मजबूत मूल्य श्रृंखला विकसित की जा सकेगी।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन से सीधे या परोक्ष रूप से जुडे हुए सभी लोगों के लिए रोजगार और आय के बेहतर अवसर बनेंगे।
मछली पालन क्षेत्र में निवेश आकर्शित करने में मदद मिलेगी जिससे मछली उत्पाद बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।
वर्ष 2024 तक मछली पालन से जुडे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी
मछली पालन क्षेत्र तथा इससे जुडे किसानों और श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.