प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कर्नाटक, ओडिशा, बिहार, राजस्थान औऱ पश्चिम बंगाल में 1,120 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग इंटरकनेक्टिविटी सुधार परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी।
विश्व बैंक की मदद से राष्ट्रीय राजमार्ग इंटरकनेक्टिविटी सुधार परियोजना(एनएचआईआईपी) के पहले चरण में दो लेन के राजमार्ग विकसित किए जाएंगे। इसकी संशोधित अनुमानित लागत 6,461 करोड़ रुपये आएगी। इसमें भूमि अधिग्रणह, पुनर्वास और अन्य प्रारंभिक निर्माण संबंधी गतिविधियों की लागत शामिल है।
इन परियोजना पर पहले से ही पहल शुरू कर दी गई है 429 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है। सिविल कार्य जुलाई 2019 तक और मरम्मत का काम जुलाई 2024 तक पूरा हो जाने की उम्मीद कर रहे हैं। यह परियोजना से प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी मौसम में तेज और सुरक्षित यातायात सुनिश्चित हो सकेगा। ये राष्ट्रीय राजमार्ग ज्यादातर पिछड़े क्षेत्रों में विकसित किए जा रहे हैं जिससे इनका आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
पृष्टभूमिः
शुरुआती तौर पर 5,193 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। ऊंची बोली, भूमि अधिग्रहण की कीमत बढने और पुनर्वास सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च बढ़ने के कारण इसकी लागत बढ़ गई है।