मूंग के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 1400 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि

सूरजमुखी के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 1288 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि

रागी के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 997 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि

समान्‍य धान के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने किसानों की आय को जबरदस्‍त प्रोत्‍साहन देते हुए वर्ष 2018-19 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।

सीसीईए का यह निर्णय ऐतिहासिक है क्‍योंकि यह केंद्रीय बजट 2018-19 में घोषित एमएसपी को उत्‍पादन लागत के मुकाबले कम से कम 150 प्रतिशत रखने के पूर्व निर्धारित सिद्धांत के वादे को पूरा करता है। कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग (सीएसीपी) ने सभी खरीफ फसलों के लिए एमएसपी की सिफारिश की है जो काफी हद तक घोषित सिद्धांत के अनुरूप है। 2018-19 सत्र के सभी खरीफ फसलों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) में इस प्रकार बढ़ोतरी की गई-

जिंस

किस्‍म

2017-18 सत्र के लिए एमएसपी

2018-19 सत्र के लिए अनुमोदित एमएसपी

वृद्धि

लागत के मुकाबले रिटर्न* (प्रतिशत में)

शुद्ध

प्रतिशत

धान

सामान्‍य

1550

1750

200

12.90

50.09

ग्रेड ए

1590

1770

180

11.32

51.80

ज्‍वार

हाइब्रिड

1700

2430

730

42.94

50.09

मालदंडी

1725

2450

725

42.03

51.33

बाजरा

-     

1425

1950

525

36.84

96.97

रागी

-     

1900

2897

997

52.47

50.01

मक्‍का

-     

1425

1700

275

19.30

50.31

अरहड़(तुअर)

-     

5450

5675

225

4.13

65.36

मूंग

-     

5575

6975

1400

25.11

50.00

उड़द

-     

5400

5600

200

3.70

62.89

मूंगफली

-     

4450

4890

440

9.89

50.00

सूरजमुखी

-     

4100

5388

1288

31.42

50.01

सोयाबीन

-     

3050

3399

349

11.44

50.01

तिल

-     

5300

6249

949

17.91

50.01

नाइजर सीड (काला तिल)

-     

4050

5877

1827

45.11

50.01

कपास

मीडियम स्‍टेपल

4020

5150

1130

28.11

50.01

लॉन्‍ग स्‍टेपल

4320

5450

1130

26.16

58.75

सभी लागत सहित जैसे मजदूरी, पशु श्रम/मशीन श्रम, भूमि का पट्टा/किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई लागत, अवमूल्‍यन एवं विविध कृषि खर्च और परिवार के सदस्‍यों के श्रम की लागत।विवरण : बजट 2018-19 में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्‍य को हासिल करने के लिए जरूरी कृषि नीति में बदलाव करने का संकेत दिया गया था। बजट में बेहतर आय सृजन के जरिए किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया था। नाइजर सीड (काला तिल) न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 1827 प्रति क्विंटल, मूंग के एमएसपी में 1400 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी बीज के एमएसपी में 1288 रुपये प्रति क्विंटल और कपास के एमएसपी में 1130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि अप्रत्‍याशित है। अनाज एवं पोषक अनाजों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में शुद्ध वृद्धि के लिहाज से धान (सामान्‍य) के एमएसपी में 200 रुपये प्रति क्विंटल, ज्‍वार (हाईब्रिड) में 730 रुपये प्रति क्विंटल और रागी में 997 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई। पिछले साल के मुकाबले एमएसपी में सबसे अधिक प्रतिशत वृद्धि रागी (52.47 प्रतिशत) रागी में की गई है और उसके बाद दूसरे नंबर पर ज्‍वार हाइब्रिड (42.94 प्रतिशत) है। दलहन में मूंग के अलावा अरहड़ (तुअर)के एमएसपी में 225 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है जिससे लागत के मुकाबले रिटर्न में 65.36 प्रतिशत की वृद्धि होगी और उड़द के एमएसपी में लागत के मुकाबले रिटर्न में 62.89 प्रतिशत की वृद्धि के लिए 220 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है ताकि फसलों के मूल्‍य में अंतर को कम किया जा सके। इसी प्रकार बाजरे के एमएसपी में 525 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है ताकि लागत के मुकाबले रिटर्न में 96.97 प्रतिशत की वृद्धि हो सके। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) एवं अन्‍य प्राधिकृत राज्‍य एजेंसियां पोषक अनाज सहित अन्‍य अनाजों के लिए किसानों को मूल्‍य समर्थन जारी रखेंगे। भारतीय राष्‍ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड), एफसीआई, स्‍मॉल फारमर्स एग्री-बिजनेस कंसो‍र्टियम (एसएफएसी) एवं अन्‍य प्राधिकृत केंद्रीय एजेंसियां दलहन एवं तिलहन की खरीदारी जारी रखेंगे। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) कपास के समर्थन मूल्‍य की निगरानी के लिए नोडल एजें‍सी होगा। दलहन की खेती को बढ़ावा दिए जाने से भारत को पोषण असुरक्षा से निपटने, मृदा में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ने से उर्वरता बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस प्रकार दलहन के एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों की प्रति एकड़ आय में वृद्धि सुनिश्‍चित होगी। इसके अलावा एमएसपी में वृद्धि से तिलहन के उत्‍पादन को भी बढ़ावा मिलेगा और उसके उत्‍पादन में निवेश को प्रोत्‍साहन मिलेगा। साथ ही इससे भारत को अपना आयात बिल घटाने में भी मदद मिलेगी। पोषक अनाजों के न्‍यूनतम मूल्‍य वृद्धि से पोषण सुरक्षा और किसानों की आय में सुधार होगा। किसानों के लिए सरकार की पहल : खरीफ फसलों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) में वृ‍द्धि के अलावा सरकार ने किसानों के अनुकूल कई अन्‍य पहल की है जो इस प्रकार हैं - किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम की दरें कम हैं – सभी खरीफ फसलों के लिए यह कुल बीमित रकम का 2 प्रतिशत, सभी रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत औरनकदी फसलों के लिए 5 प्रतिशत है। साथ ही मोबाइल फोन एवं रिमोट सेंसिंग जैसी स्‍मार्ट प्रौद्योगिकी के जरिए तत्‍काल आंकलन एवं दावों का जल्‍द निपटारा। सरकार ने फसल बीमा के लिए एक मोबाइल ऐप भी जारी किया है जो किसानों को उनके क्षेत्र में उपलब्‍ध बीमा कवर के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने में मदद करेगा। साथ ही वे इसके जरिए अधिसूचित फसलों के लिए बीमा प्रीमियम की गणना कर सकेंगे।सरकार ने किसानों को बेहतर मूल्‍य सुनिश्‍चित करने के क्रम में एक साझा ई-मार्केट प्‍लेटफॉर्म के साथ 585 विनियमित बाजारों को एकीकृत करने के उद्देश्‍य से ‘नेशनल एग्रीकल्‍चर मार्केट’ (एनएएम) के तहत देश भर में इलेक्‍ट्रोनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफॉर्म विकसित करने के लिए एक योजना भी शुरू की है। प्रत्‍येक राज्‍य को तीन प्रमुख सुधारों की शुरूआत करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। इसमें इलेक्‍ट्रोनिक ट्रेडिेंग की अनुमति, पूरे राज्‍य में एकल लाइसेंस की वैधताऔर बाजार में प्रवेश के लिए एकल शुल्‍क शामिल है। इससे किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्‍य तलाशने में भी मदद मिलेगी। 23 मार्च, 2018 तक 16 राज्‍यों एवं 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 585 बाजारों को ई-एनएएम प्‍लेटफॉर्म से पहले ही जोड़ा जा चुका है।मौजूदा एपीएमसी के विनियमित बाजार दायरे के बाहर किसानों को बाजार का विकल्‍प मुहैया कराने के लिए सरकार एक नया कानून एग्रीकल्‍चरल प्रोड्यूस एंड लाइवस्‍टॉक मार्केटिंग (प्रोमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्‍ट, 2017 भी तैयार किया है।देश भर में किसानों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड जारी किए जा रहे हैं। प्रत्‍येक दो साल बाद इन कार्डों का नवीनीकरण किया जाएगा। यह कार्ड भूमि की उर्वरता की स्थि‍ति के बारे में सूचना उपलब्‍ध कराएगा और मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों के इस्‍तेमाल की सलाह देगा। 25 जून, 2018 तक 15.14 करोड़ मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत सरकार जैविक कृषि और जैविक उत्‍पादों के लिए संभावित विकसित करने के लिए प्रोत्‍साहित कर रही है।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को ‘हर खेत को पानी’ के लिए सिंचाई कवरेज में विस्‍तार के उद्देश्‍य के साथ लागू किया गया है। इसके तहत ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ के उद्देश्‍य के साथ जल के उपयोग की कुशलता बढ़ाने पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है। स्रोत के सृजन, वितरण, प्रबंधनएवं विस्‍तार संबंधी अन्‍य गतिविधियों के लिए आद्योपांत समाधान उपलब्‍ध कराया जा रहा है।सरकार राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत चावल, गेहूं, मोटे अनाज और दलहन जैसे फसलों की उत्‍पादकता एवं उत्‍पादन बढ़ाने पर ध्‍यान केंद्रित कर रही है।समर्पित ऑनलाइन इंटरफेस ई-कृषि संवाद किसानों की समस्‍या के लिए प्रत्‍यक्ष एवं प्रभावी समाधान उपलब्‍ध करा रहा है।सरकार किसान उत्‍पादक संगठन तैयार करने के लिए भी प्रोत्‍साहित कर रही है। बजट 2018-19 के तहत किसान उत्‍पादक संगठनों को अनुकूल कराधान उपलब्‍ध कराया गया है ताकि किसानों को इनपुट जरूरतों, कृषि सेवाओं, प्रसंस्‍करण एवं बिक्री परिचालन में मदद मिल सके।सरकार ने दालों का एक बफर स्‍टॉक भी तैयार किया है और मूल्‍य स्थिरीकरण फंड (पीएसएफ) के तहत दालों घरेलू खरीदारी भी कर रही है खासकर उपभोक्‍ता सुरक्षा की दृष्टि से बजट 2018-19 में संकेत दिया गया था कि केवल एमएसपी में वृद्धि पर्याप्‍त नहीं है बल्कि किसानों को घोषित एमएसपी का पूरा फायदा मिलना चाहिए। इसके लिए यह आवश्‍यक है कि यदि कृषि उत्पादों का मूल्‍य घोषित एमएसपी से कम होगा तो सरकार को एमएसपी दर पर खरीदारी करनी चाहिए अथवा ऐसी व्‍यवस्‍था करनी चाहिए ताकि उन्‍हें घोषित एमएसपी मिल सके। केंद्र एवं राज्‍य सरकारों से परामर्श के साथ नीति आयोग इसके लिए एक उपयुक्‍त ढांचा तैयार करेगा ताकि किसानों को उनकी उपज का उपयुक्‍त मूल्‍य मिल सके।महिला किसानों के लिए पुस्तिका-फार्म वुमेन फ्रेंडली हैंड बुक- में विशेष प्रावधानों एवं पैकेज सहायता की जानकारी दी गई है। महिला किसान कृषि विभाग की विभिन्‍न किसान कल्‍याण योजनाओं का फायदा उठा सकती हैं।इस सब उपायों के साथ सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्‍य रखा है।

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PM Modi to inaugurate ICA Global Cooperative Conference 2024 on 25th November
November 24, 2024
PM to launch UN International Year of Cooperatives 2025
Theme of the conference, "Cooperatives Build Prosperity for All," aligns with the Indian Government’s vision of “Sahkar Se Samriddhi”

Prime Minister Shri Narendra Modi will inaugurate ICA Global Cooperative Conference 2024 and launch the UN International Year of Cooperatives 2025 on 25th November at around 3 PM at Bharat Mandapam, New Delhi.

ICA Global Cooperative Conference and ICA General Assembly is being organised in India for the first time in the 130 year long history of International Cooperative Alliance (ICA), the premier body for the Global Cooperative movement. The Global Conference, hosted by Indian Farmers Fertiliser Cooperative Limited (IFFCO), in collaboration with ICA and Government of India, and Indian Cooperatives AMUL and KRIBHCO will be held from 25th to 30th November.

The theme of the conference, "Cooperatives Build Prosperity for All," aligns with the Indian Government’s vision of “Sahkar Se Samriddhi” (Prosperity through Cooperation). The event will feature discussions, panel sessions, and workshops, addressing the challenges and opportunities faced by cooperatives worldwide in achieving the United Nations Sustainable Development Goals (SDGs), particularly in areas such as poverty alleviation, gender equality, and sustainable economic growth.

Prime Minister will launch the UN International Year of Cooperatives 2025, which will focus on the theme, “Cooperatives Build a Better World,” underscoring the transformative role cooperatives play in promoting social inclusion, economic empowerment, and sustainable development. The UN SDGs recognize cooperatives as crucial drivers of sustainable development, particularly in reducing inequality, promoting decent work, and alleviating poverty. The year 2025 will be a global initiative aimed at showcasing the power of cooperative enterprises in addressing the world’s most pressing challenges.

Prime Minister will also launch a commemorative postal stamp, symbolising India’s commitment to the cooperative movement. The stamp showcases a lotus, symbolising peace, strength, resilience, and growth, reflecting the cooperative values of sustainability and community development. The five petals of the lotus represent the five elements of nature (Panchatatva), highlighting cooperatives' commitment to environmental, social, and economic sustainability. The design also incorporates sectors like agriculture, dairy, fisheries, consumer cooperatives, and housing, with a drone symbolising the role of modern technology in agriculture.

Hon’ble Prime Minister of Bhutan His Excellency Dasho Tshering Tobgay and Hon’ble Deputy Prime Minister of Fiji His Excellency Manoa Kamikamica and around 3,000 delegates from over 100 countries will also be present.