प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। एलाएंस का मुख्यालय भारत में होगा और इसे 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 150 करोड़ रुपये की एकमुश्त बजटीय सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने बाघों, बड़ी बिल्ली परिवार की अन्य प्रजातियों तथा इसकी अनेक लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका को महत्त्व देते हुए, वैश्विक बाघ दिवस, 2019 के अवसर पर अपने भाषण में एशिया में अवैध शिकार को रोकने के लिए वैश्विक नेताओं के एलाएंस का आह्वान किया था। उन्होंने 9 अप्रैल, 2023 को भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इसे दोहराया और औपचारिक रूप से एक इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस प्रारंभ करने की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य बड़ी बिल्लियों और उनके द्वारा फूलने-फलने वाले परिदृश्यों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है। भारत में विकसित अग्रणी और दीर्घकालिक बाघ और अन्य बाघ संरक्षण की श्रेष्ठ प्रथाओं को कई अन्य रेंज देशों में दोहराया जा सकता है।

सात बिग कैट में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता आते हैं।

इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस की परिकल्पना 96 बिग कैट रेंज देशों, बिग कैट संरक्षण में रुचि रखने वाले गैर-रेंज देशों, संरक्षण भागीदारों तथा बिग कैट संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक संगठनों के बहु-देशीय, बहु-एजेंसी एलायंस के रूप में की गई है। परिकल्पना में बड़ी बिल्लियों के कार्य में योगदान के इच्छुक व्यावसायिक समूहों और कॉर्पोरेट्स की व्यवस्था के साथ-साथ नेटवर्क स्थापित करने तथा फोकस रूप से तालमेल विकसित करने की व्यवस्था है, ताकि एक सामान्य मंच पर केंद्रीकृत भंडार लाया जा सके, इसे वित्तीय समर्थन प्राप्त हो, जिसका लाभ बड़ी बिल्ली की आबादी में गिरावट को रोकने और इस प्रवृत्ति को बदलने में संरक्षण एजेंडा को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है। यह बिग कैट एजेंडे पर नेतृत्व की स्थिति में रेंज देशों और अन्य को एक सामान्य मंच पर लाने का ठोस कदम होगा।

आईबीसीए का उद्देश्य संरक्षण एजेंडा को आगे बढ़ाने में पारस्परिक लाभ के लिए देशों के बीच आपसी सहयोग करना है। आईबीसीए का दृष्टिकोण व्यापक आधार बनाने तथा अनेक क्षेत्रों में कई गुना लिंकेज स्थापित करने में बहुआयामी होगा और इससे ज्ञान के आदान-प्रदान, क्षमता सृजन, नेटवर्किंग, समर्थन, वित्त और संसाधन समर्थन, अनुसंधान तथा तकनीकी सहायता, शिक्षा और जागरूकता में मदद मिलेगी। सतत विकास और आजीविका सुरक्षा के लिए शुभंकर के रूप में बड़ी बिल्लियों के साथ भारत और बिग कैट रेंज देश पर्यावरण लचीलापन और जलवायु परिवर्तन शमन पर बड़े प्रयासों प्रारंभ कर सकते हैं, भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं जहां प्राकृतिक इको-सिस्टम फलते-फूलते रहते हैं तथा आर्थिक और विकास नीतियों में केंद्रीयता प्राप्त करते हैं।

आईबीसीए गोल्ड स्टैंडर्ड बिग कैट संरक्षण प्रथाओं के प्रसार में वृद्धि के लिए एक सहयोगी मंच के माध्यम से तालमेल की परिकल्पना करता है, तकनीकी ज्ञान और धन कॉर्पस के केंद्रीय सामान्य भंडार तक पहुंच प्रदान करता है, वर्तमान प्रजाति-विशिष्ट अंतर-सरकारी प्लेटफार्मों, नेटवर्क और संरक्षण और सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय पहलों को मजबूत बनाता है और हमारे पर्यावरणीय भविष्य को सुरक्षित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में सहायता करता है।

आईबीसीए का दृष्टिकोण ढांचे को व्यापक आधार देने और अनेक क्षेत्रों में कई गुना लिंकेज स्थापित करने में बहुआयामी होगा और इससे ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण, नेटवर्किंग, समर्थन, वित्त और संसाधन समर्थन, अनुसंधान और तकनीकी सहायता, विफलता बीमा, शिक्षा और जागरूकता में मदद मिलेगी। विभिन्न देशों के ब्रांड एंबेसडर इस अवधारणा को आगे बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे और युवाओं तथा स्थानीय समुदायों सहित जनता के बीच बिग कैट संरक्षण-अभियान सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन को बढ़ावा देंगे, जो पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। सहयोगात्मक कार्रवाई उन्मुख दृष्टिकोण और पहल के माध्यम से देश की जलवायु नेतृत्व की भूमिका, हरित अर्थव्यवस्था परियोजनाओं को बढ़ावा देना आईबीसीए प्लेटफॉर्म के माध्यम से संभव है। इस प्रकार, बिग कैट एलायंस के सदस्यों की शक्ति संरक्षण और सक्षम साझेदारों की समृद्धि का रूप बदल सकती है।

इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस समग्र और समावेशी संरक्षण परिणामों को प्राप्त करने के लिए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ जैव विविधता नीतियों को एकीकृत करने के महत्व को पहचानता है। उपर्युक्त नीतिगत पहलों का समर्थन करते हैं, जो स्थानीय जरूरतों के साथ जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को संरेखित करते हैं और आईबीसीए सदस्य देशों के भीतर संयुक्त राष्ट्र एसडीजी की प्राप्ति में योगदान करते हैं। क्षेत्रीय नीतियों और विकास योजना प्रक्रियाओं में जैव विविधता के विचारों को एकीकृत करने के लिए क्षेत्रों में जैव विविधता को मुख्यधारा में लाना; कृषि, वानिकी, पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास सहित विकास नियोजन प्रक्रियाएं; स्थायी भूमि-उपयोग प्रथाओं, आवास पुनर्स्थापना की पहल और जैव विविधता संरक्षण समर्थक इको-सिस्टम-आधारित दृष्टिकोण हैं जो जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, स्वच्छ स्वच्छ जल और गरीबी में कमी से जुड़े सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में योगदान करते हैं।

आईबीसीए गवर्नेंस में सदस्यों की असेंबली, स्थायी समिति और भारत में मुख्यालय के साथ एक सचिवालय शामिल है। समझौते की रूपरेखा (विधान) का प्रारूप मुख्यतः इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) की तर्ज पर तैयार किया गया है और इसे अंतर्राष्ट्रीय संचालन समिति (आईएससी) द्वारा अंतिम रूप दिया जाना है। आईएसए और भारत सरकार की तर्ज पर मेजबान देश समझौता तैयार किया गया। संचालन समिति का गठन संस्थापक सदस्य देशों के नामित राष्ट्रीय फोकल प्वाइंट के साथ किया जाएगा। आईबीसीए असेंबली बैठक के दौरान अपने स्वयं के डीजी की नियुक्ति किए जाने तक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा सचिवालय के अंतरिम प्रमुख के रूप में डीजी की नियुक्ति की जाएगी। मंत्री स्तर पर आईबीसीए असेंबली की अध्यक्षता भारत के माननीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा की जाएगी।

आईबीसीए ने पांच वर्षों (2023-24 से 2027-28) के लिए भारत सरकार की 150 करोड़ रुपये की प्रारंभिक सहायता प्राप्त की है। कोष संवर्धन द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों से योगदान से होगा तथा अन्य उपयुक्त संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और दाता एजेंसियों की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के उपाय किए जाएंगे।

एलायंस प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करता है और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करता है। आईबीसीए बड़ी बिल्लियों और उनके आवासों की सुरक्षा करके प्राकृतिक जलवायु सनियोजन, जल और खाद्य सुरक्षा तथा इन इको-सिस्टम पर निर्भर हजारों समुदायों के कल्याण में योगदान देता है। आईबीसीए पारस्परिक लाभ के लिए देशों के बीच सहयोग स्थापित करेगा और दीर्घकालिक संरक्षण एजेंडा को आगे बढ़ाने में अधिक से अधिक योगदान देगा।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.