प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) को विकसित करने की अनुमति प्रदान की है। यह परियोजना दो चरणों में पूर्ण की जाएगी।

मंत्रिमंडल ने चरण 1 बी और दूसरे चरण को मॉस्टर प्लान के अनुसार स्वैच्छिक संसाधनों तथा योगदान के द्वारा निधि जुटाने और निधि जुटाने के बाद इसके कार्यान्वयन को भी सैद्धांतिक रुप से अनुमति प्रदान की।

चरण 1 बी के अंतर्गत लाइट हाउस संग्रहालय के निर्माण को दीपस्तंभ और दीपपोत महानिदेशालय (डीजीएलएल) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

लोथल,गुजरात में एनएमएचसी के कार्यान्वयन,विकास,प्रबंधन और संचालन के लिए सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में एक अलग अधिशासी परिषद स्थापित की जाएगी। यह परिषद भविष्य के चरणों को विकसित करेगी।

परियोजना के अंतर्गत 1 ए चरण का कार्यान्वयन स्तर पर है और 60 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति के साथ वर्ष 2025 तक इसके पूर्ण होने की आशा है। परियोजना के अंतर्गत चरण 1 ए और 1 बी को ईपीसी मोड में विकसित किया जा रहा है और एनएमएचसी को विश्व स्तरीय विरासत संग्रहालय के रुप में विकसित करने के लिए दवितीय चरण को भूमि उपपट्टे/पीपीपी द्वारा विकसित किया जाएगा।

परियोजना में रोजगार सृजन की संभावना सहित प्रमुख प्रभाव

एनएमएचसी परियोजना के विकास में 15 हजार प्रत्यक्ष और 7 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन के साथ लगभग 22 हजार रोजगारों का सृजन होगा।

लाभार्थियों की संख्या

एनएमएचसी के क्रियान्वयन से विकास को प्रोत्साहन मिलने के साथ स्थानीय समुदायों,पर्यटकों और आगुंतकों,अनुसंधानकर्ताओं और अध्येता,सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संस्थानों, पर्यावरण और संरक्षण समूह तथा व्यवसायों को बड़ी सहायता मिलेगी।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भारत की 4500 वर्ष पुरानी समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने की परिकल्पना के अनुरुप पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय लोथल में एक विश्व स्तरीय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) की स्थापना कर रहा है।

एनएमएचसी का मास्टर प्लान प्रसिद्ध वास्तुशिल्प फर्म मैसर्स हफीज कॉनट्रैक्टर ने तैयार की है और 1 ए चरण का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट लिमिडेट को सौंपा गया है।

  • 1 ए चरण में 6 दीर्घा सहित एमएचएमसी संग्रहालय स्थापित होगा, इसमें देश में सबसे बड़ी भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल पर केंद्रित दीर्घा भी सम्मिलित होगी इसमें बाह्य नौसेना शिल्पकृति( आईएनएस निशंक,सी हैरियर युद्धक विमान,यूएच3 हैलीकॉप्टर), खुली जलीय दीर्धा से घिरी लोथल शहर की प्रतिकृति और जेटी पैदल मार्ग सम्मिलत है।
  • 1 बी चरण में 8 अधिक दीर्घा के साथ एमएचएमसी संग्रहालय, विश्व में सबसे ऊंचा लाइट हाउस वाला संग्रहालय,बगीचा परिसर( लगभग 1500 कारों के लिए पार्किंग सुविधा,खाद्य हॉल,स्वास्थ्य केंद्र) स्थापित किया जाएगा।
  • द्वितीय चरण में तटीय राज्य मडंप( संबधित तटीय राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा विकसित किए जाएंगे) आथित्य़ जोन(समुद्री विषय, इको रिसार्ट और म्यूजिकोटल) वास्तविक समय में लोथल नगर को पुन: सृजित करना,समुद्री संस्थान और छात्रावास, 4 थीम आधारित पार्क( समुद्री और नौसेना थीम पार्क, जलवायु परिवर्तन थीम पार्क, पर्वत पार्क तथा साहसिक कार्य तथा मनोरंजन पार्क) स्थापित किए जाएंगे।
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प्रधानमंत्री ने श्री एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर शोक व्यक्त किया
December 26, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मलयालम सिनेमा और साहित्य की सम्मानित हस्तियों में से एक श्री एम.टी. वासुदेवन नायर जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि श्री एम.टी. वासुदेवन नायर जी के कार्यों ने मानवीय भावनाओं के गहन अध्‍ययन के साथ कई पीढ़ियों को आकार दिया है और भविष्‍य में भी लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा:

"मलयालम सिनेमा और साहित्य की सबसे सम्मानित हस्तियों में से एक श्री एमटी वासुदेवन नायर जी के निधन से दु:खी हूं। मानवीय भावनाओं के गहन अध्‍ययन के साथ उनके कार्य ने कई पीढ़ियों को आकार दिया है और भविष्‍य में भी लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने मूक और वंचित वर्ग के लोगों को आवाज़ भी दी। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ॐ शांति।"