प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी परिषद और इसके सचिवालय के निर्माण को मंजूरी दे दी। इसका विवरण निम्नलिखित हैः
(अ) संविधान के अनुच्छेद 279ए में संशोधन के साथ जीएसटी परिषद का गठन
(ब) जीएसटी सचिवालय का नई दिल्ली में निर्माण
(स) जीएसटी परिषद के पदेन सचिव के रूप में सचिव (राजस्व) की नियुक्ति
(द) जीएसटी परिषद के सभी कार्यवाही करने के लिए अध्यक्ष, एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के केन्द्रीय बोर्ड (गैर मतदान) एक स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किए जाने के लिए
(ई) जीएसटी परिषद सचिवालय में जीएसटी परिषद के लिए अपर सचिव(भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर का अधिकारी होगा) के एक पद का सृजन। साथ ही जीएसटी परिषद में कमीशनर के चार पदों को सृजन किया जाएगा जो भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के होंगे।
मंत्रिमंडल ने जीएसटी परिषद सचिवालय के आवर्ती एवं अनावर्ती व्यय की पूर्ति के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इसके लिए केंद्र सरकार धन मुहैया कराएगी। जीएसटी परिषद सचिवालय का संचालन केंद्र और राज्य सरकारों दोनों से प्रतिनियुक्ति पर लिए गए अधिकारियों द्वारा की जाएगा। जीएसटी के कार्यान्वयन की दिशा में आवश्यक कदम तय समय से पहले ही उठाए जा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने नई दिल्ली में 22 और 23 सितंबर 2016 को जीएसटी परिषद की पहली बैठक बुलाने का फैसला किया है।
पृष्टभूमिः
देश में वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) के लिए संविधान(122वें संशोधन) विधेयक 2016 को राष्ट्रपति ने 8 सितंबर 2016 को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही इसे अधिसूचित कर दिया गया। यह अधिसूचना अनुच्छेद 279 ए के तहत लागू किया गया जो 12 सितंबर 2016 से क्रियान्यवित होगा। अनुच्छेद 279 ए के अनुसार संविधान संसोधन, जीएसटी परिषद केंद्र एवं राज्य सरकारों का संयुक्त मंच होगा। इसमें निम्मलिखित सदस्य शामिल होंगे।
अ-केंद्रीय वित्त मंत्री- अध्यक्ष
ब- राज्य मंत्री, वित्त राजस्व के प्रभारी- सदस्य
स- मंत्री प्रभारी वित्त, कराधान या
किसी राज्य सरकार द्वारा मनोनीत अन्य मंत्री - सदस्य
अनुच्छेद 279 ए(4) के अनुसार, परिषद जीएसटी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र और राज्यों के लिए सिफारिशें करेगा।