दूसरे चरण में 118.9 किलोमीटर की नई लाइनों के साथ 128 स्टेशन शामिल होंगे, इससे चेन्नई में कुल 173 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क बनेगा
परियोजना की पूर्णता लागत 63,246 करोड़ रुपये
21 स्थानों पर यात्रियों के अनुकूल मल्टी-मॉडल एकीकरण
यह स्वीकृत कॉरिडोर चेन्नई के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम को जोड़ेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस चरण में तीन कॉरिडोर शामिल हैं।स्वीकृत लाइनों की कुल लंबाई 118.9 किमी होगी तथा इसमें 128 स्टेशन होंगे।

परियोजना की पूर्णता लागत 63,246 करोड़ रुपये है और इसे 2027 तक पूरा करने की योजना है। चरण-II के पूरी तरह से शुरु होने के साथ चेन्नई शहर में कुल 173 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क होगा। चरण II परियोजना में निम्नलिखित तीन कॉरिडोर शामिल हैं:

कॉरिडोर-(i):माधवरम से सिपकोट तक 45.8 किलोमीटर की लंबाई में 50 स्टेशन होंगे।
कॉरिडोर-(ii):लाइटहाउस से पूनमल्ली बाईपास तक 26.1 किलोमीटर की लंबाई में30 स्टेशन होंगे, और
कॉरिडोर-(iii):माधवरम से शोलिंगनल्लूर तक 47 किलोमीटर लंबाई में 48 स्टेशनहोंगे।
एक बार चरण-II के पूरी तरह से शुरु होने के साथ चेन्नई शहर में कुल 173 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क होगा।

लाभ और विकास को बढ़ावा:

चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना का दूसरा चरण शहर के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। दूसरा चरण शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क के एक बड़े विस्तार के रूप में कार्य करेगा।

बेहतर कनेक्टिविटी: दूसरे चरण में लगभग 118.9 किमी नई मेट्रो लाइनें जोड़ी जाएंगी। दूसरे चरण के कॉरिडोर चेन्नई के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम को जोड़ते हैं, जो माधवराम, पेरंबूर, थिरुमायलाई, अडयार, शोलिंगनल्लूर, सिपकोट, कोडंबक्कम, वडापलानी, पोरूर, विल्लीवक्कम, अन्ना नगर, सेंट थॉमस माउंट को मुख्य प्रभाव वाले क्षेत्रों से जोड़ता है। यह बड़ी संख्या में औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और संस्थागत प्रतिष्ठानों को जोड़ता है और इन समूहों में लगे कार्यबल के लिए प्रभावी सार्वजनिक परिवहन और शहर के विभिन्न हिस्सों से कनेक्टिविटी भी प्रदान करता है। यह शोलिंगनल्लूर जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी का विस्तार करेगा, जो दक्षिण चेन्नई आईटी कॉरिडोर के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है। ईएलसीओटी के माध्यम से शोलिंगनल्लूर को जोड़कर, मेट्रो कॉरिडोर तेजी से बढ़ते आईटी कार्यबल की परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

सड़क यातायात की भीड़ में कमी: एक कुशल वैकल्पिक सड़क परिवहन के रूप में मेट्रो रेल और चरण II के कारण चेन्नई शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार से यातायात की भीड़ कम होने की उम्मीद है और यह विशेष रूप से शहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर प्रभावी साबित होगी। सड़क यातायात में कमी से वाहनों की आवाजाही आसान हो सकती है, यात्रा का समय कम हो सकता है, समग्र सड़क सुरक्षा बढ़ सकती है।

पर्यावरणीय लाभ: चरण II मेट्रो रेल परियोजना के जुड़ने और चेन्नई शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क के समग्र विस्तार से पारंपरिक जीवाश्म ईंधन-आधारित परिवहन की तुलना में कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आ सकती है।

आर्थिक विकास: यात्रा के समय को कम करने और शहर के विभिन्न हिस्सों तक बेहतर पहुंच से लोगों को अपने कार्यस्थलों तक अधिक तेजी से पहुंचने में मदद मिलेगी जिससे कार्य उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है। दूसरे चरण के निर्माण और संचालन से निर्माण श्रमिकों से लेकर प्रशासनिक कर्मचारियों और रखरखाव कर्मियों तक विभिन्न क्षेत्रों में कई नौकरियां पैदा होंगी। इसके अलावा, बढ़ी हुई कनेक्टिविटी स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा दे सकती है, खास तौर पर नए मेट्रो स्टेशनों के पास के क्षेत्रों में, जो पहले से कम पहुंच वाले क्षेत्रों रहे हैं वहां निवेश और विकास को भी आकर्षित कर सकते हैं।

सामाजिक प्रभाव: चेन्नई में मेट्रो रेल नेटवर्क विस्तार का दूसरा चरण सार्वजनिक परिवहन तक अधिक समान पहुंच प्रदान करेगा, विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों को लाभान्वित करेगा और परिवहन असमानताओं को कम करेगा, जिससे यात्रा के समय को कम करके और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच में सुधार करके जीवन की उच्च गुणवत्ता प्राप्त होगी।

चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना का दूसरा चरण शहर के लिए एक परिवर्तनकारी विकास होगा। यह बेहतर कनेक्टिविटी, सड़क यातायात की भीड़ कम करने, पर्यावरणीय लाभ, आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार का वादा करता है। प्रमुख शहरी चुनौतियों का समाधान करके और भविष्य के विस्तार के लिए आधार प्रदान करके, चरण II शहर के विकास पथ और स्थिरता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.