प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने देश के पूर्वी हिस्से में गैस के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने हेतु गेल को अनुदान देने को मंजूरी दी। इसके तहत गेल को लागत का 40 फीसदी(5,176 करोड़ रुपये) दिए जाएंगे। 2539 किमी जगदीशपुर-हैदिया और बोकारो-धर्मा गैस पाइप लाइन (जेएचबीडीपीएल) परियोजना पर 12, 940 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस गैस पाइप लाइन को विकसित करने के लिए पूंजीगत समर्थन देने के संबंध में भारत सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। जेएचबीडीपीएल परियोजना पूर्वी हिस्से को नेशनल गैस ग्रीड के जरिये देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी।
इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में औद्योगिक, वाणिज्यिक, घरेलू और परिवहन के लिए प्राकृतिक एवं पर्यावरण अनुकूल ईंधन की उपलब्धता संभव हो पाएगी। इस पूंजी अनुदान से उद्योगों को पर्यावरण अनुकूल और किफायती ईंधन मिलना सुनिश्चित हो पाएगा जिससे इन राज्यों में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
इसके अलावा, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वाराणसी, पटना, रांची, जमशेदपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, कटक आदि शहरों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन(सीजीडी) विसकित करने को भी स्वीकृति दी है। संबंधित राज्यों के साथ मिलकर गेल इन वितरण नेटवर्क को विकसित करेगा।
समिति की अनुमति के बाद देश के पूर्वी क्षेत्रों के घरों में स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति संभव हो सकेगी। इन शहरों में रहने वाली 1.25 करोड़ आबादी सीजीडी नेटवर्क से लाभांवित होगी। इन सभी परियोजनाओं से प्रत्यक्ष औऱ अप्रत्यक्ष रूप से करीब 21,000 लोगों को रोजगार मिलेगा जिससे देश के पूर्वी हिस्से में सामजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
कैबिनेट ने इससे पहले इस गैस पाइप लाइन के साथ तीन उर्वरक ईकाइयों(एफसीआईएल-गोरखपुर, एचएफसीएल-बरौनी और एफसीआईएल- सिंडरी) को अनुमति प्रदान की थी। इन ईकाइयों के दोबारा शुरू होने से जेएचबीडीपीएल परियोजना को मदद मिलेगी।