प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज शुक्रवार को बिहार के गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में आयोजित विशाल चुनावी जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य की जनता से भाजपा की अगुआई में राजग की लोक-कल्याणकारी सरकार बनाने की अपील की।
आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 24 अगस्त 2005 को ही भारत के संसद के अंदर नीतीश ने अपने इरादे साफ कर दिए थे और कहा था कि दलितों, महादलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के आरक्षण का हिस्सा काटकर दूसरे लोगों को देना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि नीतीश, लालू और सोनिया जी बिहार के दलितों, महादलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों का आरक्षण छीनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमान नीतीश कुमार को मैं चुनौती देता हूँ, अगर उनमें हिम्मत है तो वह इस बात का जवाब दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माताओं ने सम्प्रदाय के आधार पर आरक्षण देने को गलत बताया था लेकिन आज ये लोग दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को छीनकर दूसरे लोगों को देने का षड़यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों का यह खेल लंबा नहीं चलने वाला है। उन्होंने कहा कि मैंने गरीबी को देखा है और जिया है, क्या देश के पिछड़े को, देश के गरीबों को, देश के दलितों को, देश के शोषितों और वंचितों को विकास का हक़ नहीं है, बिहार के विकास की बात करने का ठेका क्या केवल नीतीश, लालू और कांग्रेस को है? उन्होंने कहा कि इन लोगों के ऊपर अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार को जनता के पास जाने की हिम्मत नहीं तो तांत्रिक के पास जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश तांत्रिक पर भरोसा करें, हमारा भरोसा जनता पर है, देश लोकतंत्र से चलता है, तंत्र-मंत्र से नहीं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र ने कहा, "नीतीश कुमार कहा करते थे कि कोई भी मंत्री या नेता भ्रष्टाचार करते पकड़ा जाएगा तो उसकी मिलकियत जब्त कर के उसके घरों में गरीबों के सकूल खोला जाएगा। लालू जी को भ्रष्टाचार में जेल हुई। उनके घर को जब्त कर उसमे स्कूल क्यों नहीं खोला गया? सरेआम नीतीश के मंत्री घूस लेते पकडे गए, उनके घरों को क्यों जब्त नहीं किया गया? क्यों नहीं वहाँ स्कूल खोले गए? महास्वार्थबंधन के मंत्री, विधायक, नेता अभी से बिहार का सौदा करने के लिए एडवांस ले रहे हैं, इन लोगों को ऐसी अपराध की घटनाओं पर शर्म भी नहीं आती।" प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बनी नहीं कि बिहार को बेचने की योजनाएँ बनने लगी। उन्होंने पिछले 25 वर्षों में बिहार में कुल 33 घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि ये घोटालों की सूची से भरे लोग हैं, इन्हें और घोटाले करने की इजाजत देनी चाहिए क्या? उन्होंने कहा कि महागठबंधन लोगों को सिर्फ भ्रष्टाचार दे सकता है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव सरकार बनाने के लिए नहीं, बिहार को लूटने वालों को सजा देने के लिए चुनाव है।
नीतीश कुमार को उनके पुराने दिन लौटा देने वाले बयान पर आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें जंगलराज वाला पुराना दिन चाहिए क्या, महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न और अत्याचार वाले पुराने दिन चाहिए क्या, अपहरण उद्योग के काले धंधे वाला पुराना दिन चाहिए क्या? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी के लिए बिहार में पुराने दिन मंजूर हैं लेकिन बिहार को जंगलराज, महिलाओं का अपमान, अराजक कानून व्यवस्था और अपहरण उद्योग वाला पुराना दिन नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधीकरण के सिवाय और कोई काम नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने लोगों को लालू यादव के जंगलराज की याद दिलाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में खुलेआम गोलियाँ चलती थी, महिलाओं का उत्पीड़न होता था, अपहरण उद्योग अपने चरम पर था, हत्याओं का तांडव होता था और नौजवान रोजी-रोटी के लिए अपने घर से बाहर जाने को मजबूर थे। उन्होंने कहा कि स्वार्थ के गठबंधन के नेताओं को यह जवाब देना होगा कि आखिर बिहारी को बाहरी किसने बनाया? उन्होंने राज्य की जनता को आगाह करते हुए कहा कि लालू-नीतीश की बड़े भाई-छोटे भाई की जोड़ी के रहते यहाँ विकास संभव ही नहीं है। लालू यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनको तो अपनी पार्टी के भी किसी नेता पर भरोसा नहीं है, वह अपने परिवार को छोड़कर किसी का भी भला नहीं कर सकते। उन्होंने बिहार की जनता से पूछा कि क्या बिहार की जनता राज्य को ऐसे परिवारों के हवाले कर सकती है? उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार का विकास ही बिहार को बर्बादी से बचा सकता है, यही एकमात्र विकल्प हमारे सामने है।
उन्होंने कहा कि पिछले लोक सभा चुनाव की ही तरह अगर बिहार विधान सभा में भी जनता का समर्थन और विश्वास मिला तो मैं राज्य से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को ख़त्म करके दिखायेंगें। उन्होंने लोगों को याद दिलाते हुए कहा कि केंद्र सरकार संप्रग के शासनकाल में भ्रष्टाचार के मामले में बदनाम थी, लोगों ने कोयले का पैसा खाया, टूजी का पैसा खाया, भ्रष्टाचार के नित नए मामले उजागर हुआ करते थे, पिछले 16-17 महीनों में राजग के शासनकाल में एक पैसे के भ्रष्टाचार की भी शिकायत नहीं आई। उन्होंने कहा कि तमाम अपशब्दों के कहने के बावजूद महास्वार्थबंधन के नेता हम पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा पाते। उन्होंने कहा कि बिहार से भ्रष्टाचार और सरकारी खजाने को लूटने का खेल बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देश को भ्रष्टाचार के मुक्त करने का जंग छेड़ा है। उन्होंने कहा कि मैंने देश की जनता से ईमानदारी से देश चलाने का वादा किया था और मुझे खुशी है कि मैं इसे अच्छी तरह निभा रहा हूँ। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को ईमानदारी भी चाहिए, विकास भी चाहिए, तभी देश प्रगति की नई उंचाईयों को प्राप्त कर सकेगा।
प्रधानमंत्री ने बिहारी बनाम बाहरी मुद्दे पर नीतीश-लालू की जोड़ी को घेरते हुए कहा कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री को बाहरी कहा जा रहा है। उन्होंने जनता से पूछा कि आपके वोटों से जीतने वाला प्रधानमंत्री बाहरी कैसे हो गया? उन्होंने नीतीश और लालू पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या सोनिया जी भी बाहरी हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि इन लोगों के पास जनता को जवाब देने की ताकत नहीं है, इसलिए ऐसे -ऐसे खेल खेले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 60 साल तक लगातार बिहार की सत्ता पर काबिज रहने वाले महास्वार्थबंधन के नेता अब अपशब्दों की रोज नई-नई बयानबाजी पर उतर आये हैं। उन्होंने कहा कि आखिर इतने दिनों तक सत्ता में रहने के बावजूद सारी मर्यादाएँ तोड़कर वह किस मजबूरी में ऐसी निम्न भाषा पर उतर आये हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव, नीतीश कुमार और कांग्रेस की हताशा का एकमात्र कारण नरेन्द्र मोदी के लिए बिहार की जनता में अपार प्रेम जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है और वे लोग जनता के इस प्यार को पचा नहीं पा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि अब महास्वार्थबंधन के नेता बिहारियों के अपमान पर उतर आये हैं, वे आरोप लगा रहे हैं कि मोदी की सभाओं में पैसे देकर लोग बुलाये जाते है। उन्होंने कहा कि यह बिहार वासियों के स्वाभिमान पर चोट है, ये लोग बिहार के लोगों को बिकाऊ कहने का पाप करने से भी बाज नहीं आ रहे, यह अपमान इन लोगों को काफी महँगा पडेगा, बिहार की जनता ऐसे लोगों को कभी माफ़ नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा बिहार गुस्से में है क्योंकि बिहार की जनता महास्वार्थबंधन के नेताओं से उनके 25 सालों के कारनामों का हिसाब माँग रही है और ये लोग हिसाब देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव के चरण समाप्त होते जा रहे हैं, महास्वार्थबंधन के नंताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है। उन्होंने नीतीश कुमार और लालू यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलनेवाला है।
बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए अपने छह सूत्रीय कार्यक्रम पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मुख्य मकसद बिहार का विकास करना है और बिहार को देश के पश्चिमी राज्यों के समकक्ष करना है। उन्होंने कहा कि बिहार के नौजावनों, बुजुर्गों व परिवारों के लिए मेरा तीन सूत्री कार्यक्रम है - पढ़ाई, कमाई व दवाई और बिहार प्रदेश के विकास के लिए मेरा तीन सूत्री कार्यक्रम है - बिजली, सड़क और पानी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 2015 तक हर घर बिजली पहुंचाने का वादा पूरा न करके बिहार की जनता से विश्वासघात किया है। बिहार में बिजली की खराब स्थिति पर बोलते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार के 4000 गाँवों में अभी भी बिजली नहीं पहुँची है। उन्होंने कहा कि मैंने आनेवाले एक हजार दिनों में देश के 18000 गाँवों में बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया है जिसमें बिहार के 4000 गाँव भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों व नौजवानों को बेहतर शिक्षा मिलनी चाहिए और इसके लिए बिहार में विकास करने वाले सरकार चाहिए जो केवल भाजपा की अगुआई में राजग सरकार ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार में नदियाँ और पानी प्रचुर मात्रा में है फिर भी बिहार को मछली का आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर वैज्ञानिक तरीके से राज्य में मत्स्य उद्योग पर ध्यान केंद्रित किया जाता तो राज्य को लगभग 400 करोड़ से अधिक की मछली नहीं मंगानी पड़ती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार का विकास हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है और इसलिए हमने 15 महीनों के भीतर ही राज्य के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया। उन्होंने कहा कि इससे बिहार में बुनियादी ढाँचागत विकास को बल मिलेगा, रोजगारों का सृजन होगा, स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी, गाँवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा, राज्य में राजमार्गों का जाल बिछाया जाएगा, बिजली के क्षेत्र में सुधार होगा, यहां उद्योग और कल-कारखाने लगेंगे, गंगा नदी पर नया सेतु बनेगा और राज्य उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता जागरूक है और उसने समय समय पर ऐसे लोगों को बिहार से खदेड़ कर अपना हिसाब चुकता भी किया है। उन्होंने कहा, "जब कांग्रस ने अपने 35 सालों का हिसाब नहीं दिया तो बिहार की जनता ने कांग्रेस को बिहार से बाहर कर दिया, यह बिहार की ताकत है। फिर बिहार में लालू जी आये और जाति-पाति के खेल खेलते हुए बिहार के लोगों की आँखों में 15 साल तक धूल झोंकते रहे और जब सच सामने आया तो बिहार की जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया। अब नीतीश कुमार की बारी है, वे भी अपने कारनामों का हिसाब देने में असमर्थ हैं और लोग नीतीश से भी छुटकारा चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि इस बार बिहार का भविष्य बिहार का नौजवान तय कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों, शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए होती है लेकिन महास्वार्थबंधन के नेताओं ने इन लोगों को ठगने का काम किया। प्रधानमंत्री जन-धन योजना का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हमने बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए खोलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि गरीबों को रोजगार के लिए पैसा चाहिए और इसलिए हम प्रधामंत्री मुद्रा योजना लेकर आये। उन्होंने कहा कि अकेले बिहार में लगभग सवा तीन लाख से अधिक लोग इस योजना से लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चाहे एक रुपये महीने की दर से गरीबों के लिए जीवन सुरक्षा देने की बात हो या 330 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से देश की गरीब जनता के लिए जीवन ज्योति बीमा योजना हो या फिर देश के गरीबों का भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई अटल पेंशन योजना हो, हमारी सारी योजनाएँ गरीबों, शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए ही समर्पित हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमारी सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान विकास है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि हमें विकास के लिए बदलाव चाहिए, हमें राज्य में विकास करने वाली सरकार लाने के लये बदलाव चाहिए। उन्होंने कहा कि एक आधुनिक और प्रगतिशील बिहार बनाने के लिए विकास के मुद्दे पर आपसे राजग के लिए वोट मांगने आया हूँ। उन्होंने कहा कि आने वाले दो चरणों में भी पहले के तीन चरणों की तरह ही जनता का विश्वास हमें मिलेगा, ऐसा हमें विश्वास है।