बिहार का विकास हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी #परिवर्तनरैली
इस बार बिहार का भविष्य बिहार का नौजवान तय कर रहा है: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली
हमारी सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान विकास है: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली
महास्वार्थबंधन के मंत्री, विधायक अभी से बिहार का सौदा करने के लिए एडवांस ले रहे हैं, इन लोगों को ऐसी घटनाओं पर शर्म भी नहीं आती: मोदी
नीतीश जी कहते थे कि कोई भी नेता भ्रष्टाचार करते पकड़ा जाएगा तो उनकी मिलकियत जब्त कर के उनके घरों में स्कूल खोला जाएगा, क्या हुआ अब: मोदी
लालू जी, नीतीश कुमार और सोनिया जी ने मिलकर 25 वर्षों में 33 घोटाले किये, महागठबंधन लोगों को सिर्फ भ्रष्टाचार दे सकता है: प्रधानमंत्री
महास्वार्थबंधन के नेता बिहार के लोगों को बिकाऊ कहने का पाप कर रहे हैं, बिहार की जनता ऐसे लोगों को कभी माफ़ नहीं करेगी: नरेन्द्र मोदी
नीतीश कुमार को जंगलराज, महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न एवं अत्याचार और अपहरण उद्योग के काले धंधे वाला पुराना दिन चाहिए क्या: प्रधानमंत्री
नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी के लिए बिहार में पुराने दिन मंजूर हैं लेकिन बिहार को जंगलराज वाला पुराना दिन नहीं चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
महास्वार्थबंधन के नेताओं को यह जवाब देना होगा कि आखिर बिहारी को बाहरी किसने बनाया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी #परिवर्तनरैली
जनता के वोटों से जीतने वाला प्रधानमंत्री बाहरी कैसे हो सकता है: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली
बिहार का विकास ही बिहार को बर्बादी से बचा सकता है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी #परिवर्तनरैली
तमाम अपशब्दों के कहने के बावजूद महास्वार्थबंधन के नेता हम पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा पाते: प्रधानमंत्री मोदी
देश को ईमानदारी भी चाहिए, विकास भी चाहिए, तभी देश प्रगति की नई उंचाईयों को प्राप्त कर सकेगा: प्रधानमंत्री मोदी
लोकसभा चुनाव की ही तरह अगर बिहार विधानसभा में भी जनता का समर्थन मिला तो मैं यहाँ भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को ख़त्म करके दिखाऊंगा: मोदी
हमारा मुख्य मकसद बिहार का विकास करना है और बिहार को देश के पश्चिमी राज्यों के समकक्ष करना है: प्रधानमंत्री मोदी
बिहार के विकास के लिए हमारा छह सूत्रीय कार्यक्रम - परिवारों के लिए पढ़ाई, कमाई व दवाई और प्रदेश के विकास के लिए बिजली, सड़क और पानी: मोदी
नीतीश तांत्रिक पर भरोसा करें, हमारा भरोसा जनता पर है, देश लोकतंत्र से चलता है, तंत्र-मंत्र से नहीं: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज शुक्रवार को बिहार के गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में आयोजित विशाल चुनावी जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य की जनता से भाजपा की अगुआई में राजग की लोक-कल्याणकारी सरकार बनाने की अपील की। 

आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 24 अगस्त 2005 को ही भारत के संसद के अंदर नीतीश ने अपने इरादे साफ कर दिए थे और कहा था कि दलितों, महादलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के आरक्षण का हिस्सा काटकर दूसरे लोगों को देना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि नीतीश, लालू और सोनिया जी बिहार के दलितों, महादलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों का आरक्षण छीनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमान नीतीश कुमार को मैं चुनौती देता हूँ, अगर उनमें हिम्मत है तो वह इस बात का जवाब दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माताओं ने सम्प्रदाय के आधार पर आरक्षण देने को गलत बताया था लेकिन आज ये लोग दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को छीनकर दूसरे लोगों को देने का षड़यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों का यह खेल लंबा नहीं चलने वाला है। उन्होंने कहा कि मैंने गरीबी को देखा है और जिया है, क्या देश के पिछड़े को, देश के गरीबों को, देश के दलितों को, देश के शोषितों और वंचितों को विकास का हक़ नहीं है, बिहार के विकास की बात करने का ठेका क्या केवल नीतीश, लालू और कांग्रेस को है? उन्होंने कहा कि इन लोगों के ऊपर अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार को जनता के पास जाने की हिम्मत नहीं तो तांत्रिक के पास जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश तांत्रिक पर भरोसा करें, हमारा भरोसा जनता पर है, देश लोकतंत्र से चलता है, तंत्र-मंत्र से नहीं। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र ने कहा, "नीतीश कुमार कहा करते थे कि कोई भी मंत्री या नेता भ्रष्टाचार करते पकड़ा जाएगा तो उसकी मिलकियत जब्त कर के उसके घरों में गरीबों के सकूल खोला जाएगा। लालू जी को भ्रष्टाचार में जेल हुई। उनके घर को जब्त कर उसमे स्कूल क्यों नहीं खोला गया? सरेआम नीतीश के मंत्री घूस लेते पकडे गए, उनके घरों को क्यों जब्त नहीं किया गया? क्यों नहीं वहाँ स्कूल खोले गए? महास्वार्थबंधन के मंत्री, विधायक, नेता अभी से बिहार का सौदा करने के लिए एडवांस ले रहे हैं, इन लोगों को ऐसी अपराध की घटनाओं पर शर्म भी नहीं आती।" प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बनी नहीं कि बिहार को बेचने की योजनाएँ  बनने लगी। उन्होंने पिछले 25 वर्षों में बिहार में कुल 33 घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि ये घोटालों की सूची से भरे लोग हैं, इन्हें और घोटाले करने की इजाजत देनी चाहिए क्या? उन्होंने कहा कि महागठबंधन लोगों को सिर्फ भ्रष्टाचार दे सकता है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव सरकार बनाने के लिए नहीं, बिहार को लूटने वालों को सजा देने के लिए चुनाव है।

नीतीश कुमार को उनके पुराने दिन लौटा देने वाले बयान पर आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें जंगलराज वाला पुराना दिन चाहिए क्या, महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न और अत्याचार वाले पुराने दिन चाहिए क्या, अपहरण उद्योग के काले धंधे वाला पुराना दिन चाहिए क्या? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी के लिए बिहार में पुराने दिन मंजूर हैं लेकिन बिहार को जंगलराज, महिलाओं का अपमान, अराजक कानून व्यवस्था और अपहरण उद्योग वाला पुराना दिन नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधीकरण के सिवाय और कोई काम नहीं हुआ। 

प्रधानमंत्री ने लोगों को लालू यादव के जंगलराज की याद दिलाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में खुलेआम गोलियाँ चलती थी, महिलाओं का उत्पीड़न होता था, अपहरण उद्योग अपने चरम पर था, हत्याओं का तांडव होता था और नौजवान रोजी-रोटी के लिए अपने घर से बाहर जाने को मजबूर थे। उन्होंने कहा कि स्वार्थ के गठबंधन के नेताओं को यह जवाब देना होगा कि आखिर बिहारी को बाहरी किसने बनाया? उन्होंने राज्य की जनता को आगाह करते हुए कहा कि लालू-नीतीश की बड़े भाई-छोटे भाई की जोड़ी के रहते यहाँ विकास संभव ही नहीं है। लालू यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनको तो अपनी पार्टी के भी किसी नेता पर भरोसा नहीं है, वह अपने परिवार को छोड़कर किसी का भी भला नहीं कर सकते। उन्होंने बिहार की जनता से पूछा कि क्या बिहार की जनता राज्य को ऐसे परिवारों के हवाले कर सकती है? उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार का विकास ही बिहार को बर्बादी से बचा सकता है, यही एकमात्र विकल्प हमारे सामने है।  

उन्होंने कहा कि पिछले लोक सभा चुनाव की ही तरह अगर बिहार विधान सभा में भी जनता का समर्थन और विश्वास मिला तो मैं राज्य से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को ख़त्म करके दिखायेंगें। उन्होंने लोगों को याद दिलाते हुए कहा कि केंद्र सरकार संप्रग के शासनकाल में भ्रष्टाचार के मामले में बदनाम थी, लोगों ने कोयले का पैसा खाया, टूजी का पैसा खाया, भ्रष्टाचार के नित नए मामले उजागर हुआ करते थे, पिछले 16-17 महीनों में राजग के शासनकाल में एक पैसे के भ्रष्टाचार की भी शिकायत नहीं आई। उन्होंने कहा कि तमाम अपशब्दों के कहने के बावजूद महास्वार्थबंधन के नेता हम पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा पाते। उन्होंने कहा कि बिहार से भ्रष्टाचार और सरकारी खजाने को लूटने का खेल बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देश को भ्रष्टाचार के मुक्त करने का जंग छेड़ा है। उन्होंने कहा कि मैंने देश की जनता से ईमानदारी से देश चलाने का वादा किया था और मुझे खुशी है कि मैं इसे अच्छी तरह निभा रहा हूँ। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को ईमानदारी भी चाहिए, विकास भी चाहिए, तभी देश प्रगति की नई उंचाईयों को प्राप्त कर सकेगा। 

प्रधानमंत्री ने बिहारी बनाम बाहरी मुद्दे पर नीतीश-लालू की जोड़ी को घेरते हुए कहा कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री को बाहरी कहा जा रहा है। उन्होंने जनता से पूछा कि आपके वोटों से जीतने वाला प्रधानमंत्री  बाहरी कैसे हो गया? उन्होंने नीतीश और लालू पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या सोनिया जी भी बाहरी हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि इन लोगों के पास जनता को जवाब देने की ताकत नहीं है, इसलिए ऐसे -ऐसे खेल खेले जा रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 60 साल तक लगातार बिहार की सत्ता पर काबिज रहने वाले महास्वार्थबंधन के नेता अब अपशब्दों की रोज नई-नई बयानबाजी पर उतर आये हैं। उन्होंने कहा कि आखिर इतने दिनों तक सत्ता में रहने के बावजूद सारी मर्यादाएँ तोड़कर वह किस मजबूरी में ऐसी निम्न भाषा पर उतर आये हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव, नीतीश कुमार और कांग्रेस की हताशा का एकमात्र कारण नरेन्द्र मोदी के लिए बिहार की जनता में अपार प्रेम जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है और वे लोग जनता के इस प्यार को पचा नहीं पा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि अब महास्वार्थबंधन के नेता बिहारियों के अपमान पर उतर आये हैं, वे आरोप लगा रहे हैं कि मोदी की सभाओं में पैसे देकर लोग बुलाये जाते है। उन्होंने कहा कि यह बिहार वासियों के स्वाभिमान पर चोट है, ये लोग बिहार के लोगों को बिकाऊ कहने का पाप करने से भी बाज नहीं आ रहे, यह अपमान इन लोगों को काफी महँगा पडेगा, बिहार की जनता ऐसे लोगों को कभी माफ़ नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा बिहार गुस्से में है क्योंकि बिहार की जनता महास्वार्थबंधन के नेताओं से उनके 25 सालों के कारनामों का हिसाब माँग रही है और ये लोग हिसाब देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव के चरण समाप्त होते जा रहे हैं, महास्वार्थबंधन के नंताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है। उन्होंने नीतीश कुमार और लालू यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलनेवाला है। 

बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए अपने छह सूत्रीय कार्यक्रम पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मुख्य मकसद बिहार का विकास करना है और बिहार को देश के पश्चिमी राज्यों के समकक्ष करना है। उन्होंने कहा कि बिहार के नौजावनों, बुजुर्गों व परिवारों के लिए मेरा तीन सूत्री कार्यक्रम है - पढ़ाई, कमाई व दवाई और बिहार प्रदेश के विकास के लिए मेरा तीन सूत्री कार्यक्रम है - बिजली, सड़क और पानी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 2015 तक हर घर बिजली पहुंचाने का वादा पूरा न करके बिहार की जनता से विश्वासघात किया है। बिहार में बिजली की खराब स्थिति पर बोलते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार के 4000 गाँवों में अभी भी बिजली नहीं पहुँची है। उन्होंने कहा कि मैंने आनेवाले एक हजार दिनों में देश के 18000 गाँवों में बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया  है जिसमें बिहार के 4000 गाँव भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों व नौजवानों को बेहतर शिक्षा मिलनी चाहिए और इसके लिए बिहार में विकास करने वाले सरकार चाहिए जो केवल भाजपा की अगुआई में राजग सरकार ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार में नदियाँ और पानी प्रचुर मात्रा में है फिर भी बिहार को मछली का आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर वैज्ञानिक तरीके से राज्य में मत्स्य उद्योग पर ध्यान केंद्रित किया जाता तो राज्य को लगभग 400 करोड़ से अधिक की मछली नहीं मंगानी पड़ती।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार का विकास हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है और इसलिए हमने 15 महीनों के भीतर ही राज्य के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया। उन्होंने कहा कि इससे बिहार में बुनियादी ढाँचागत विकास को बल मिलेगा, रोजगारों का सृजन होगा, स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी, गाँवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा, राज्य में राजमार्गों का जाल बिछाया जाएगा, बिजली के क्षेत्र में सुधार होगा, यहां उद्योग और कल-कारखाने लगेंगे, गंगा नदी पर नया सेतु बनेगा और राज्य उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता जागरूक है और उसने समय समय पर ऐसे लोगों को बिहार से खदेड़ कर अपना हिसाब चुकता भी किया है। उन्होंने कहा, "जब कांग्रस ने अपने 35 सालों का हिसाब नहीं दिया तो बिहार की जनता ने कांग्रेस को बिहार से बाहर कर दिया, यह बिहार की ताकत है। फिर बिहार में लालू जी आये और जाति-पाति के खेल खेलते हुए बिहार के लोगों की आँखों में 15 साल तक धूल झोंकते रहे और जब सच सामने आया तो बिहार की जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया। अब नीतीश कुमार की बारी है, वे भी अपने कारनामों का हिसाब देने में असमर्थ हैं और लोग नीतीश से भी छुटकारा चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि इस बार बिहार का भविष्य बिहार का नौजवान तय कर रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों, शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए होती है लेकिन महास्वार्थबंधन के नेताओं ने इन लोगों को ठगने का काम किया। प्रधानमंत्री जन-धन योजना का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हमने बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए खोलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि गरीबों को रोजगार के लिए पैसा चाहिए और इसलिए हम प्रधामंत्री मुद्रा योजना लेकर आये। उन्होंने कहा कि अकेले बिहार में लगभग सवा तीन लाख से अधिक लोग इस योजना से लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चाहे एक रुपये महीने की दर से गरीबों के लिए जीवन सुरक्षा देने की बात हो या 330 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से देश की गरीब जनता के लिए जीवन ज्योति बीमा योजना हो या फिर देश के गरीबों का भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई अटल पेंशन योजना हो, हमारी सारी योजनाएँ गरीबों, शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए ही समर्पित हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमारी सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान विकास है।   

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि हमें विकास के लिए बदलाव चाहिए,  हमें राज्य में विकास करने वाली सरकार लाने के लये बदलाव चाहिए। उन्होंने कहा कि एक आधुनिक और प्रगतिशील बिहार बनाने के लिए विकास के मुद्दे पर आपसे राजग के लिए वोट मांगने आया हूँ। उन्होंने कहा कि आने वाले दो चरणों में भी पहले के तीन चरणों की तरह ही जनता का विश्वास हमें मिलेगा, ऐसा हमें विश्वास है।

गोपालगंज, बिहार में परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री के संबोधन का पूरा पाठ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।