हमें महात्मा गांधी, सरदार पटेल, पंडित नेहरू और ऐसे अनेकों महापुरूषों का योगदान और संघर्ष याद है जिसमें उन्होंने हमें स्वराज्य दिलाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया थाः पीएम मोदी
एक समय था जब पिछली सरकारें आरोपों से घिरी रहती थीं, उनके आस-पास कुछ और सुनने को नहीं मिलता था। आज की सरकार लोगों की अपेक्षाओं से घिरी हुई हैः पीएम मोदी
हमें ‘स्वराज्य’ को ‘सुराज्य’ में परिवर्तित करना चाहिएः पीएम मोदी
जिम्मेदारी और जवाबदेही ही सुशासन के दो स्तम्भ होते हैः पीएम नरेन्द्र मोदी
जन-धन योजना के माध्यम से हम 21 करोड़ गरीबों की सहायता कर चुके हैं और उन्हें मुख्य आर्थिक धारा में जोड़ चुके हैः पीएम मोदी
ग्रामीण इलाकों में अब सड़के 100 किमी. प्रतिदिन की रफ्तार से बनाई जा रही हैः पीएम मोदी
77 करोड़ एलईडी बल्बों को ₹50 की रियायती दर पर बिक्री करने के लिए अभियान शुरु किया गया हैः पीएम मोदी
जीएसटी हमारी अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाएगा और इसे पास करने के लिए मैं सभी राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त करता हूः पीएम मोदी
यह सरकार चीज़ों को बाद में करने पर विश्वास नहीं करती है। हमनें ओआरओपी के अपने वायदे को पूरा किया हैः पीएम मोदी
अनेकता में एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत हैः पीएम मोदी
हमारे देश में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। यह देश आतंकवाद और माओवाद को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगाः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्‍ली में लाल किले की प्राचीर से देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संबोधित किया। उनके भाषण के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं:

• आजादी के इस पावन पर्व पर सवा सौ करोड़ देशवासियों को, विश्‍व में फैले हुए सभी भारतीयों को लाल किले की प्राचीर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

• आजादी का यह पर्व, 70वां वर्ष एक नया संकल्‍प, नई उमंग, नई ऊर्जा, राष्‍ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्‍प पर्व है।

• आज हम जो आजादी की सांस ले रहे हैं, उसके पीछे लक्ष्याव्धि महापुरुषों का बलिदान है, त्‍याग और तपस्‍या की गाथा है।

• वेद से विवेकानंद तक, उपनिषद् से उपग्रह तक, सुदर्शन चक्रधारी मोहन से ले करके चरखाधारी मोहन तक, महाभारत के भीम से ले करके भीमराव तक, एक हमारी लम्‍बी इतिहास की यात्रा है, विरासत है।

• भारत की उम्र 70 साल नहीं है, यह यात्रा 70 साल की है।

• अब स्वराज्य (Self-Governance) को सुराज्य (Good-Governance) में बदलना, ये सवा सौ करोड़ देशवासियों का संकल्प है।

• पंचायत हो या Parliament हो, ग्राम प्रधान हो या प्रधानमंत्री हो, हर किसी को, हर Democratic Institution को सुराज्य (Good-Governance) की ओर आगे बढ़ने के लिए अपनी जिम्मेवारियों को निभाना होगा, अपनी जिम्मेवारियों को परिपूर्ण करना होगा।

• भारत के पास अगर लाखों समस्याएं हैं तो सवा सौ करोड़ मस्तिष्क भी हैं जो समस्याओं का समाधान करने का सामर्थ्य भी रखते हैं।

• शासन संवेदनशील होना चाहिए, शासन उत्‍तरदायी होना चाहिए।

• आज सरकार के बड़े अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होते हैं और पूरा मेडिकल रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होता है।

• आज एक मिनट में 15 हजार रेल टिकट मिलना संभव हो गया है।

• शासन में सुराज के लिए पारदर्शिता पर बल देना उतना ही महत्‍वपूर्ण है।

• पहले पासपोर्ट पाने के लिए अगर सिफारिश नहीं है तो चार-छह महीने यूं ही चले जाते थे। आज हफ्ते-दो हफ्ते में पासपोर्ट पहुंचा दिया जाता है।

• सिर्फ 2015-16 में पौने दो करोड़ पासपोर्ट, इतने कम समय में देने का, हमने काम किया है।

• Group ‘C’ और Group ‘D’ 9,000 पदों पर कोई इंटरव्‍यू प्रक्रिया नहीं होगी।

• हमें अपने काम की रफ्तार को तेज करना होगा। गति को और आगे बढ़ाना होगा।

• पहले एक दिन में 70-75 किलोमीटर का ग्रामीण सड़क का काम हुआ करता था, आज उस रफ्तार को तेज करके हम प्रतिदिन 100 किलोमीटर की और ले गए है।

• Renewable Energy पर हमारा बल है।

• wind energy में पिछले एक साल के भीतर-भीतर करीब-करीब 40 प्रतिशत हमने वृद्धि की।

• एक साल में Transmission line करीब-करीब 50 हजार किलोमीटर. हमने पहुंचाया है।

• Rail line commissioning दो साल में 3500 किलोमीटर का काम करने में हम सफल हुए है।

• हमने 60 सप्ताह में चार करोड़ नए लोगों को रसोई गैस के connections दिए।

• सामान्य व्यक्ति देश की अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा का हिस्सा नहीं था। हमने 21 करोड़ लोगों को जनधन से जोड़कर असंभव को संभव किया।

• हिन्दुस्तान के गांवों में दो करोड़ से ज्यादा शौचालय बन चुके हैं। 70 हजार से अधिक गांव आज खुले में शौच जाने की परम्परा से मुक्त हो चुके हैं।

• उन 18 हजार गांवों में जहां बिजली नहीं पहुंची है 18 हजार गांवों में से दस हजार गांवों में आज बिजली पहुंच गई है।

• साढ़े तीन सौ रुपये में बिकने वाला बल्‍ब, सरकारी intervention का परिणाम यह हुआ कि आज हम 50 रुपये में वो बल्‍ब बांट रहे हैं।

• 13 करोड़ एलईडी बल्‍ब बंट चुके हैं। 77 करोड़ बल्‍ब बांटने का संकल्‍प है। इससे 20 हजार मेगावाट बिजली बचेगी, मतलब करीब-करीब सवा लाख करोड़ रुपया बच जाएगा।

• हमारे लगातार कदमों के कारण Inflation rate हमने 6 percent से ऊपर जाने नहीं दिया है।

• महंगाई रोकने में हमने भरपूर कोशिश की है। गरीब की थाली को महंगी नहीं होने दूंगा।

• हमने जमीन की सेहत पर ध्यान दिया। हमने स्वाइल हेल्थ कार्ड और जल प्रबंधन पर बल दिया है।

• मैंने लोकलुभावन फैसलों से दूर रहने का प्रयास किया है। हमने सरकार की पहचान से ज्यादा हिंदुस्तान की पहचान पर बल दिया।

• जब नीति साफ हो, नीयत स्पष्ट हो, तब निर्णय करने का जज्बा भी कुछ और होता है। हमारी सरकार लास्टमैन डिलीवरी पर बल दे रही है।

• दाल के लिए हमने MSP तय किया है। दाल के लिए बोनस निकाला है और दाल purchase करने की व्‍यवस्‍था का सुप्रबंधन किया है।

• हमने जल प्रबंधन, जल सींचन और जल संरक्षण पर बल दिया है। per drop-more crop, Micro-irrigation इसको हम बल दे रहे हैं। 90 से ज्‍यादा सिंचाई की योजनाएं आधी-अधूरी ठप्‍प पड़ी थीं, हमने बीड़ा उठाया है सबसे पहले उन योजनाओं को पूरा करेंगे।

• 77 हजार solar pump अब तक बांटे गए हैं।

• हमारे देश के वैज्ञानिकों ने 131 से ज्‍यादा नए कृषि के योग्‍य बीज तैयार किए हैं।

• हम खाद की कमी दूर करने और सबसे ज्‍यादा खाद उत्‍पादन करने में सफल हुए हैं।

• प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना- पहली बार कम से कम प्रीमियम से अधिक से अधिक वो भी गारंटी के साथ फसल बीमा योजना देने का काम।

• फसल के उत्‍पादन को 15 लाख टन अन्‍न के संरक्षण के लिए नए गोदामों का निर्माण। • Food processing में 100% Foreign Direct Investment को प्रोत्‍साहित किया गया है।

• हम isolated development की जगह पर integrated development की ओर बल दे रहे हैं। हम entitlement से छोड़कर के empowerment पर ध्‍यान दे रहे हैं।

• साढ़े सात लाख करोड़ रुपए के करीब-करीब 118 project, वो किसी न किसी सरकार ने प्रारंभ किए थे, लटके पड़े थे, पूरा करने की शुरुआत की।

• योजनाओं का अटकाना, योजनाओं का delayed होना, रुपयों की बर्बादी होना एक प्रकार से criminal negligence है और उससे हमने पार करने का प्रयास किया है।

• Railway project की मंजरियां ज्‍यादा से ज्‍यादा छ: महीने में।

• गन्‍ना किसान का हजारों करोड़ रुपयों का बकाया था, करीब-करीब 95% किसानों को गन्‍ने का दाम चुका दिया गया।

• 5 करोड़ गरीब परिवारों को गैस का चूल्‍हा तीन साल में पहुंचाने का बीड़ा। करीब-करीब 50 लाख परिवारों तक सिर्फ पिछले 100 दिन के अंदर।

• post offices को payment bank में convert करने की दिशा में कदम उठाया गया। एक साथ देश के गांवों तक बैंकों का जाल बिछेगा, जन-धन account का लाभ मिलेगा और सामान्‍य मानव के लिए MNREGA का पैसा भी अब आधार के द्वारा उसके खाते में जा रहा है।

• Air India को Operational Profit में लाने सफल हुए हैं। पहली बार BSNL को Operational Profit में लाने में हमें सफलता मिली है। आज Shipping Corporation of India फायदे में आया है।

• आधार व्यवस्था के तहत हमनें सारे बिचौलियों को बाहर किया।

• Spectrum की नीलामी online हुई, देश का खजाना भी भरा, स्वस्थ Competition भी हुई और देश का लाभ हुआ।

• Foreign Direct Iinvestment के मामले में हमारा देश आज पंसदीदा देश बना।

• विकास दर में देश की बड़ी-बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था को भी हमने Growth rate की दुनिया में GDP में हमने पीछे छोड़ दिया है।

• GST का जो कानून पास हुआ, वो भी उसमें एक ताकत देने वाला काम हुआ है।

• ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ में हमने जो initiative लिए हैं, उसमें समाज के सहयोग की आवश्‍कया है।

• मुद्रा योजना का लाभ साढ़े तीन करोड़ से ज्‍यादा परिवारों ने लिया। उसमें अधिकतम नये लोग थे जो बैंक के दरवाजें पर पहुंचे। उसमें भी 80% करीब-करीब SC, ST, OBC के थे और उसमें भी बैंक में, मुद्रा बैंक में लोन लेने वाली 80% महिलाएं हैं।

• माताएं-बहनें प्रसूति के बाद छुट्टी 26 हफ्ते की कर दी है, ताकि मां अपने बच्‍चे का लालन- पालन कर सके।

• हमने एक किसानों के लिए मंडी e-NAM की योजना की है। आज किसान अपना माल online हिंदुस्तान की किसी भी मंडी में बेच सकता है।

• भारतमाला हो, चाहे सेतू भारतम हो, चाहे Bharat Net हो ऐसे अनेक प्रकल्पों को हमने बल दिया है।

• भारत को जोड़ने की दिशा में रामानुजाचार्य जी कहते थे भगवान के सभी भक्‍तों को, भेदभाव और ऊंच-नीच का ख्‍याल किए बिना सेवा करो। उम्र-जाति के कारणों की वजह से किसी का भी अनादर मत करो, हर किसी का सम्‍मान करो।

• युवाओं की आशा-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए हमने अनेक initiatives लिए हैं।

• देश में सबसे ज्‍यादा Software निर्यात हो रहा है, देश में 50 से ज्‍यादा नई मोबाइल की फैक्ट्रियां लगी हैं, ये सारी बातें नौजवानों के लिए अवसर देती हैं।

• ‘One Rank-One Pension’. हर हिन्‍दुस्‍तान के फौजी के घर में खुशहाली पहुंचा दी।

• नेताजी सुभाष बाबू की फाइलों को खोलने का निर्णय कर दिया।

• Real estate bill लाकर के नकेल डाल दी है, ताकि मध्‍यम वर्ग का परिवार जो भी व्‍यक्‍ति अपना घर बनाना चाहता होगा, आज उसको कोई रुकावट नहीं आएगी।

• विविधता में एकता, ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है, एकता का मंत्र हमारी जड़ों से जुड़ा हुआ है।

• हम सम्मान देना जानते हैं, हम सत्कार करना जानते हैं, हम समावेश करना जानते हैं इस महान परंपरा को लेकर के हम चले हैं और इसलिए हिंसा और अत्याचार का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है।

• ये देश हिंसा को कभी सहन नहीं करेगा, ये देश आतंकवाद को कभी सहन नहीं करेगा, ये देश आतंकवाद के सामने कभी झुकेगा नहीं, माओवाद के सामने कभी झुका नहीं।

• गरीबी से लड़ेंगे तो हम तबाही से निकलकर के समृद्धि की ओर चल पड़ेंगे और इसलिए मैं सभी पड़ोसियों को गरीबी से लड़ने के लिए निमंत्रण देता हूं।

• पिछले कुछ दिनों से बलूचिस्तान के लोगों ने, Gilgit के लोगों ने, पाक Occupied कश्मीर के लोगों ने, वहां के नागरिकों ने जिस प्रकार से मेरा आभार व्यक्त किया है, वो मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है।

• श्रद्धेय स्वतंत्रता सैनिक परिवारजनों को, जो उनको सम्मान राशि मिलती है, जो पेंशन मिलती है।

• पेंशन में बीस प्रतिशत की वृद्धि करने का सरकार निर्णय कर रही है।

• वीर आदिवासियों को याद करते हुए एक स्थायी रूप से Museum बनाने की दिशा में सरकार काम करेगी।

• किसी गरीब परिवार को आरोग्‍य की सेवाओं का लाभ लेना है, तो वर्ष में एक लाख रुपये तक का खर्च भारत सरकार उठाएगी।

• एक समाज, एक सपना, एक संकल्‍प, एक दिशा, एक मंजिल इस बात को ले करके हम आगे बढ़े।

• भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय हिंद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।