हम, बांग्लादेश गणराज्य के प्रधानमंत्री, भूटान साम्राज्य के प्रधानमंत्री, भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री, म्यांमार संघ गणराज्य के स्टेट काउंसलर, नेपाल के प्रधानमंत्री, श्रीलंका लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य के राष्ट्रपति और थाईलैंड के प्रधानमंत्री के विशेष दूत 16 अक्टूबर 2016 को गोवा में ब्रिक्स-बिम्सटेक आउटरीच शिखर सम्मेलन की बैठक के लिए मिले।
हम थाईलैंड के महामहिम भूमिबोल अदुल्यादेज के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हैं। उनके वैश्विक विकास में अतुल्य योगदान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहले मानव विकास लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के जरिए मान्यता दी गई। हम शाही परिवार, थाईलैंड के लोगों और वहां की सरकार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।
हम सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र के 2030 एजेंडा सहित महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर आपसी हितों एवं विचारों के आदान-प्रदान के मामलों पर चर्चा करने के लिए ब्रिक्स और बिम्सटेक नेताओं के बीच शिखर सम्मेलन के अवसर पर अपनी प्रशंसा व्यक्त करना चाहते हैं। हमारा विश्वास है कि यह संयुक्त शिखर सम्मेलन दो समूहों के देशों के बीच अधिक विश्वास और समझ को बढ़ावा देगा और उनके पारस्परिक लाभ के लिए आगे भी सहयोगी साबित होगा।
1997 की बैंकाक घोषणा में निहित सिद्धांतों का स्मरण करते हुए हम फिर से इस बात पर जोर देते हैं कि बिम्सटेक के भीतर सहयोग संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों के प्रति सम्मान पर आधारित होगा।
हम 1997 की बैंकाक घोषणा में उल्लेखित बिम्सटेक के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को समझने के हमारे प्रयासों को तेज करने पर सहमत हैं और एक बार फिर यह पुष्टि करते हैं कि बिम्सटेक में पहचाने गए प्राथमिक क्षेत्रों में पारस्परिक लाभप्रद सहयोग के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए काफी क्षमता है। हमने बिम्सटेक को मजबूत और अधिक प्रभावी तथा परिणाम प्राप्त करने वाला समूह बनाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने की प्रतिज्ञा की है।
हमने चार मार्च 2014 को नाय पी ताव में जारी किए गए तीसरे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की घोषणा को याद किया और बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देने वाले संगठन के रूप में बिम्सटेक के लिए हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दोहराने की कामना की। हम मानते हैं कि हमारी भौगोलिक निकटता, प्रचुर प्राकृतिक संपदा और मानव संसाधन, समृद्ध ऐतिहासिक संबंध और साझी सांस्कृतिक विरासत, बिम्सटेक को हमारे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आदर्श मंच प्रदान करती है।
यह मानते हुए कि आतंकवाद हमारे क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है, हम सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने की हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराते हैं और इस बात पर जोर देते हैं कि यहां किसी भी आधार पर आतंकी कृत्यों के लिए कोई औचित्य नहीं हो सकता है। हम क्षेत्र में हाल ही में हुए बर्बर आतंकी हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम दृढ़ता से मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई केवल आतंकवादियों, आतंकी संगठनों एवं नेटवर्क को नाकाम और खत्म करने के लिए नहीं है, बल्कि हमें आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन एवं वित्त सहायता देने वाले, आतंकवादियों एवं आतंकी समूहों को संरक्षण देने वाले और अपने प्रभाव की झूठी प्रशंसा करने वाले देशों की पहचान करनी चाहिए, उनके विरूद्ध जवाबदेह और कड़े उपाय करने चाहिए। शहीदों के रूप में आतंकवादियों का महिमामडन नहीं होना चाहिए। हमने आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसक कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने की जरूरत को समझा है। हम अपने कानून बनाने वाली संस्थाओं, खुफिया और सुरक्षा संगठनों के बीच सहयोग एवं समन्वय को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने के हमारे संकल्प को व्यक्त करते हैं।
हम आपराधिक मामलों में आपसी सहायता पर बिम्सटेक सम्मेलन में हस्ताक्षर करने में तेजी लाने और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, वैश्विक संगठित अपराध और अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने में सहयोग देने पर बिम्सटेक सम्मेलन का प्रारंभिक अनुसमर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जलवायु परिवर्तन से हमारे ग्रह और विशेष रूप से बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के लोगों के जीवन एवं आजीविका के लिए बढ़ते खतरे की तीव्रता से अवगत होने के नाते, हमने पर्यावरण की रक्षा और सुरक्षा के लिए सहयोग को मजबूत करने का संकल्प किया है। हमने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के कार्यान्वयन के संचालन की आवश्यकता पर बल दिया है।
हमने संयुक्त अभ्यासों, पूर्व चेतावनी प्रणाली सहित जानकारी को साझा करके, निवारक उपायों को अपनाकर, राहत एवं पुनर्वास पर संयुक्त कार्रवाई और क्षमता निर्माण के माध्यम से आपदा प्रबंधन में घनिष्ठ सहयोग को प्रोत्साहित किया है। हम इस क्षेत्र में मौजूदा क्षमता पर निर्माण करने और इस क्षेत्र में अन्य क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ भागीदारी स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए सहमत हैं।
हम आश्वस्त हैं कि विभिन्न रूपों और अभिव्यक्तियों में कनेक्टिविटी का विकास क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने में प्रमुख है, हमने बिम्सटेक क्षेत्र में उन्नत मल्टी मॉडल फिजिकल कनेक्टिविटी (वायु, रेल, सड़क और जल मार्ग) के लिए सतत प्रयास करने और आवश्यक कदम उठाने पर संतोष व्यक्त किया है। हमने बिम्सटेक परिवहन अवसंरचना और रसद अध्ययन की अनुशंसाओं के कार्यान्वयन में हासिल की गई प्रगति पर संतुष्टि व्यक्त की है। हम बिम्सटेक मोटर वाहन समझौते की संभावना का पता लगाने के लिए सहमत हुए हैं।
हम सतत कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और फसलों, मवेशियों एवं बागवानी सहित कृषि क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने के साथ-साथ, इस क्षेत्र में कृषि उत्पादकता एवं उपज में वृद्धि की दिशा में तीव्र सहकारी प्रयासों पर सहमत हैं।
हम इस बात से भी अवगत हैं कि बंगाल का खाड़ी क्षेत्र दुनियाभर के तीस प्रतिशत से ज्यादा मछुआरों का घर है, हम मानते हैं कि इस क्षेत्र में मत्स्य पालन के सतत विकास में सहयोग देकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और हमारे क्षेत्र में लोगों की आजीविका सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता है। हम इस क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने के लिए सहमत हैं।
हम उस विशाल क्षमता को मानते हैं जिसने हमारे क्षेत्र के लिए ब्लू इकोनामी के विकास को बनाए रखा है और हमारे क्षेत्र के समग्र एवं सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल कृषि (दोनों अंतर्देशीय और तटीय), हाइड्रोग्राफी, समुद्र तल खनिज अन्वेषण, तटीय शिपिंग, पारिस्थितिकी पर्यटन और अक्षय सागर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हमारे सहयोग को गहरा करने के तरीकों का पता लगाने के लिए सहमत हैं।
हम मानते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों से व्युत्पन्न लाभ सतत विकास के लिए आवश्यक है। हम जैव विविधता सहित पहाड़ी पारिस्थितिकी प्रणाली के संरक्षण की दिशा में अधिक से अधिक प्रयास करने के लिए तत्पर हैं।
हम बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते सहयोग का स्वागत करते हैं। हमने ग्रिड इंटरकनेक्शन पर बिम्सटेक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने पर तेजी लाने का निर्णय किया है। हमने बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र के शीघ्र प्रचालन के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस क्षेत्र में ऊर्जा स्रोतों विशेष रूप से अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की उच्च क्षमता को देखते हुए हम इंटरकनेक्टिविटी और क्षेत्रीय ऊर्जा व्यापार को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के साथ ऊर्जा सहयोग की व्यापक योजना को विकसित करने के हमारे प्रयासों में तेजी लाने के लिए सहमत हैं।
हमने बिम्सटेक मुक्त व्यापार क्षेत्र वार्ता के शीघ्र निष्कर्ष के लिए हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया है और व्यापार वार्ता समिति (टीएनसी) एवं कार्य समूहों को अपने घटक समझौतों को अंतिम रूप देने में तेजी लाने के लिए निर्देशित किया है। हमने टीएनसी को भी सेवाओं और निवेश समझौतों पर वार्ता में तेजी लाने का निर्देश दिया है। हम व्यापार सुविधा बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए सहमत हैं। हम क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में उनके एकीकरण के लिए अल्प विकसित देशों के लिए विशेष एवं अंतर उपचार की पेशकश करने पर सहमत हैं।
क्षेत्रों में स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए एसएमई सहित विकास, उपयोग और प्रौद्योगिकी की उपलब्धता की जरूरत को स्वीकार करते हुए, हमने श्रीलंका में बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुविधा की स्थापना पर एसोसिएशन ज्ञापन को शीघ्र अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है।
हम सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के हमारे सामूहिक प्रयासों को जारी रखने पर सहमत हैं। हमने इस क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने एवं उसे गहरा बनाने के लिए पारंपरिक चिकित्सा और उसके टास्क फोर्स में समन्वय की खातिर राष्ट्रीय समन्वय नेटवर्क केंद्रों को निर्देश दिया है।
हम पूरे क्षेत्र में एक गहरी समझ एवं विश्वास का निर्माण करने और सदस्य देशों के बीच विभिन्न स्तरों पर लोगों में संपर्क को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का संकल्प करते हैं। हमें संतोष हैं कि बिम्सटेक नेटवर्क नीति थिंक टैंक (बीएनपीटीटी) का गठन हुआ है बीएनपीटीटी को लोगों से लोगों के बीच संपर्क को तेज करने के दृष्टिकोण से सदस्य देशों से हितधारकों के साथ नियमित विचार-विमर्श और प्रोग्राम का आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। हम अपने शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों के बीच संबंधों का विस्तार करने पर सहमत हैं।
हमारे क्षेत्र में सभ्यता, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को स्वीकार करते हुए हमने पर्यटन के विकास के लिए समृद्ध क्षमता को पहचाना है और विशेष पर्यटन सर्किट तथा पारिस्थितिकी पर्यटन सहित बिम्सटेक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने में हमारी गहरी रुचि को दोहराया है। विशेष रूप से, हमने इस क्षेत्र के भीतर बौद्ध पर्यटन सर्किट और मंदिर पर्यटन सर्किट के विकास को प्रोत्साहित किया है।
हमने भूटान में बिम्सटेक सांस्कृतिक उद्योग आयोग और बिम्सटेक सांस्कृतिक उद्योग वेधशाला की स्थापना में तेजी लाने का फैसला किया है। यह सांस्कृतिक उद्योगों के बारे में जानकारी के एक भंडार के रूप में काम करेगा।
हम जनवरी 2012 में नेपाल में आयोजित गरीबी उन्मूलन पर दूसरी बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक में अंगीकृत और मार्च 2014 में म्यांमार में आयोजित तीसरे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हमारे द्वारा समर्थित कार्रवाई की बिम्सटेक गरीबी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करते हैं।
हम यह संतोष व्यक्त करते हैं कि ढाका में बिम्सटेक के स्थायी सचिवालय ने सितंबर 2014 से काम करना शुरू कर दिया है और हम सचिवालय के परिचालन में बांग्लादेशी सरकार द्वारा किए गए योगदान की भी सराहना करते हैं।
वर्ष 2017 को बिम्सटेक की स्थापना की बीसवीं वर्षगांठ के रूप में मानकर, हमने बिम्सटेक सचिवालय को बीसवीं सालगिरह का जश्न मनाने के लिए गतिविधियों की एक श्रृंखला की योजना बनाने का निर्देश दिया है और हमारे अधिकारियों को इस तरह की गतिविधियों को शुरू करने का भी निर्देश दिया है।
बिम्सटेक प्रभाव के तहत क्षेत्रीय सहयोग करने की अनिवार्यता की पुनः पुष्टि करके, हम नामित स्तर पर समय पर और नियमित रूप से सारे बिम्सटेक तंत्र की बैठकें आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हम बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के नेता ब्रिक्स-बिम्सटेक आउटरीच शिखर सम्मेलन के लिए बिम्सटेक नेताओं को आमंत्रित करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और शिखर सम्मेलन के दौरान उनके आतिथ्य एवं उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए अत्यंत प्रशंसा व्यक्त करना चाहते हैं।
हम 2017 में चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के लिए नेपाल में बैठक करने के लिए तत्पर हैं।