प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार को बिहार के मधुबनी, मधेपुरा और कटिहार में आयोजित विशाल चुनावी जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य की जनता से बिहार में भाजपा-नीत राजग की लोक-कल्याणकारी सरकार बनाने की अपील की। उन्होंने निष्पक्षता से बिहार में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैंने पूरे बिहार में परिवर्तन की लहर देखी है और मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूँ कि आने वाले 8 नवम्बर को बिहार ने दो-दो दिवाली मनाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि महास्वार्थबंधन की नैया डूबने वाली है और बिहार के नौजवान और बिहार की महिलायें फिर से राज्य में जंगलराज और आतंकराज को पनपने नहीं देंगीं।
आरक्षण के मुद्दे पर लालू-नीतीश पर पलटवार
प्रधानमंत्री ने लालू-नीतीश की बड़े भाई-छोटे भाई की जोड़ी पर आरक्षण को लेकर करारा प्रहार करते हुए कहा कि 23-24 जुलाई 2005 को, जब नीतीश और लालू एक-दूसरे के सामने आने को तैयार नहीं थे, तब उन दोनों ने एक मंच पर आकर भाषण दिया था और कहा था कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार होना चाहिए, इसकी समीक्षा होनी चाहिए और आरक्षण में बदलाव होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस सम्प्रदाय के आधार पर आरक्षण का विरोध बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, पंडित नेहरू आदि ने किया था, उसे लागू करने की मांग इन दोनों ने उस मंच से की थी। श्री मोदी ने कहा कि आज जब लालू-नीतीश पकड़े गए हैं तो तिलमिला रहे हैं और मुझ पर भड़क कर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रहे हैं? उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है, समझती है और इस चुनाव में वह इन दोनों से अपना हिसाब चुकता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ये लोग लगातार आरक्षण के मुद्दे पर झूठे आरोपों की राजनीति करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर द्वारा संविधान में प्रदत्त दलितों, महादलितों, पिछड़ों और अति-पिछड़ों के आरक्षण को छीनने की ताकत किसी भी पार्टी में नहीं है। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर जब मैंने लालू - नीतीश की सच्चाई उजागर की तब ये लोग बगलें झाँकने पर मजबूर हो गये। उन्होंने कहा कि अब 70 साल पुरानी किताब का हवाला दिया जा रहा है, मैंने तो बस संसद में नीतीश जी के 10 साल पुराने भाषण का जिक्र किया, उसी पर वह बौखला गए?
बिहार के विकास के लिए दो-दो इंजन की जरूरत
प्रधानमंत्री ने महास्वार्थबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार की बदहाली के लिए नीतीश, लालू व सोनिया जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की वर्तमान सरकार जनता के दुःख-दर्द को समझने के लिए तैयार ही नहीं है। मधुबनी की कुछ महिलाओं द्वारा प्रधानमंत्री को दिए गए एक मेमोरेंडम का हवाला देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जो धरती विश्व शिक्षा का केंद्र हुआ करता था, आज उस धरती पर हमारी माताएं-बहनें अंगूठा लगाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज है यहां की सरकारों की विफलता का, कांग्रेस, राजद और जद (यू) की राज्य सरकारों ने बिहार में शिक्षा को बरमाद करके रख दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार को जंगलराज और भ्रष्टाचार के दलदल से निकालने के लिए दो-दो इंजन चाहिए। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली में तो आपने इंजन लगा दिया है, अब बिहार में राजग की सरकार बनाकर दूसरा इंजन भी लगा दीजिये। उन्होंने कहा कि बिहार को इस जंगलराज और आतंकराज के दलदल से निकालकर विकास के पथ पर अग्रसर करने वाले सरकार की जरूरत है। श्री मोदी ने कहा, "मैं बिहार की जनता को इस बात का विश्वास दिलाता हूँ कि मैं उनकी तपस्या को बेकार नहीं जाने दूंगा।
बिहार की नई परिभाषा
बिहार की नई परिभाषा गढ़ते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं बिहार को बी से ब्रिलियंट, आई से इनोवेटिव, एच से हार्ड वर्किंग, ए से एक्शन ओरिएंटेड और आर से रिसॉर्सफुल समझता हूँ और यही बिहार की ताकत है। उन्होंने कहा कि इसी ताकत के बलबूते मैंने हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाने का सपना देखा है। उन्होंने कहा कि मैं जंतर-मंतर में नहीं, लोकतंत्र में यकीन रखता हूँ। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की लोकतंत्र में श्रद्धा नहीं है, जिनके ऊपर जनता-जनार्दन का प्यार और आशीर्वाद नहीं है, वही जंतर-मंतर का सहारा ले रहे हैं, क्या इससे बिहार में खुशहाली आ सकती है, क्या इससे रोजगारों का निर्माण हो सकता है, क्या इससे बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा सकती है?
गरीबी के खिलाफ जंग जरूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता का आह्वान करते हुए कहा, "देश की जनता तय करे, हिन्दुओं को मुसलामानों के खिलाफ लड़ना चाहिए या मुसलामानों को हिन्दुओं के खिलाफ या फिर देश के हिन्दू और मुसलामानों को मिलकर गरीबी और अशिक्षा के खिलाफ जंग लड़नी चाहिए।" उन्होंने कहा कि जब हम मिलकर गरीबी और अशिक्षा के खिलाफ लड़ेंगें तभी देश का सर्वांगीण विकास संभव है।”
बिहार की जनता समझदार
महास्वार्थबंधन को बिहार से धोखाधड़ी पर आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "कांग्रेस को बिहार की जनता ने 35 साल दिए, लेकिन जब विकास के वादे पूरे नहीं हुए तो बिहार की जनता ने आज से 25 वर्ष पूर्व इन्हें ऐसे भगाया कि अब तक कांग्रेस राज्य में पैर भी जमा नहीं पाई। लालू को राज्य की जनता ने 15 साल दिया लेकिन जंगलराज और भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर जनता ने 10 साल पहले उन्हें भी खदेड़ दिया। अब नीतीश कुमार की बारी है। नीतीश सरकार से जनता परेशान हो चुकी है, बिहार की जनता नीतीश को इस चुनाव में ऐसे भगाएगी कि जिंदगी भर उन्हें स्वीकार नहीं करेगी।"
सरकार गरीबों के लिए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार गरीबों के लिए होनी चाहिए, मेरी सरकार गरीबों के प्रति समर्पित है और मेरा एक ही मूल मंत्र है - बिहार का विकास। उन्होंने कहा कि केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद से सारी योजनाएँ चाहे वह प्रधानमंत्री जन-धन योजना हो या प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा हो या प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा हो या फिर प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना - सारी योजनाएँ गरीबों के विकास के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि बिहार का विकास किये बिना देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए हमने 1.65 लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित की। उन्होंने कहा कि बिहार का भाग्य बदलने के लिए मेरा छह सूत्री कार्यक्रम है - बिहार के परिवारों के लिए पढ़ाई, कमाई एवं दवाई और बिहार प्रदेश के लिए बिजली, पानी व सड़क। उन्होंने कहा कि यदि नौजवानों को यहाँ अच्छी पढ़ाई मिले तो उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा, रोजगार के लिए यहीं अवसर बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इन छह चीजों पर भी ध्यान दिया जाता है तो बिहार कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेगा। उन्होंने कहा कि गंगा रिवर फ्रंट के अंतर्गत हमने 20 घाटों के विकास का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि बिहार का पानी और बिहार की जवानी ही बिहार का भाग्य बदलेगी। उन्होंने कहा कि कोसी का पानी तबाही कर चला जाता है। दूसरी तरफ सूखा पड़ता है, पानी का सही इस्तेमाल होता, खेतों तक पहुंचा दिया गया होता तो बिहार के किसान इतने मेहनती हैं कि वह मिट्टी से सोना उपजाते। उन्होंने कहा कि यहां की जवानी दूसरे राज्यों में जा रही है और पानी समुद्र में, बिहार की वर्तमान सरकार इनका सदुपयोग ही नहीं कर पा रही है।
बिहार में पर्यटन की अपार सम्भावनाएँ
बिहार में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए, पर्यटन में बड़ी ताकत होती है, काफी मात्रा में रोजगारों का सृजन होता है। उन्होंने कहा कि पटना में पटना साहिब, चंपारण में महात्मा गाँधी सर्किट, सीतामढ़ी में रामायण सर्किट, बुद्ध और जैन धर्म सर्किट आदि कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिसका विकास किया जाना जरूरी है और इसलिए इन क्षेत्रों के विकास के लिए हमने 600 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
बिहार की बदहाली का काला सच
बिहार की बदहाली का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार 29वें स्थान पर है, शिक्षा की दृष्टि से बिहार 29वें पायदान पर है, प्रति व्यक्ति विद्युत खपत के मामले में भी बिहार 29वें स्थान पर है, शुद्ध पीने का पानी मुहैय्या कराने के हिसाब से राज्य 26वें नंबर पर है, रोजगार निर्माण की दृष्टि से भी राज्य 20वें स्थान पर हैं, ये सभी आंकड़े लालू-नीतीश और कांग्रेस द्वारा बिहार की बर्बादी के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसलिए विकास की बात करता हूं, क्योंकि मुझे गरीबों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों के जीवन को बदलना है।
प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड बैंक के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनने के एक साल के भीतर ही झारखण्ड उद्योग व्यवसाय करने की दृष्टि से देश में चौथे स्थान पर पहुँच गया जबकि बिहार अभी भी 22वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि झारखंड बिहार से ही अलग हुआ था लेकिन जैसे ही झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, एक वर्ष के भीतर ही भीतर झारखण्ड विकास के मामले में देश के 10 राज्यों में खड़ा हो गया और बिहार विकास की दौर से बाहर हो गया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नीतीश कुमार और लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता यहाँ कुंडली मार कर बैठ गए है और वह बिहार को उठने ही नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि महास्वार्थबंधन के नेता बिहार पर ही बोझ बन गए हैं, इनको बिहार के विकास की जिम्मेदारी नहीं जा सकती। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा भरोसा बिहार के नौजवानों, माताओं, किसानों, गरीबों और मजदूरों के ऊपर है, इनके बदौलत ही बिहार आगे बढ़ सकता है।
राज्य में बिजली की बदहाल स्थिति
बिहार में बिजली की समस्या को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में भी बिहार के चार हजार गाँव ऐसे हैं जहाँ बिजली का खंभा तक नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने इन गाँवों में बिजली पहुंचाने की ठान ली है। नीतीश कुमार को निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने बिजली दिए बगैर वोट मांगने न आने का वादा किया था, लेकिन अब वह अपने वादे से मुकर गए हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को तो झूठे वादों पर शर्म भी नहीं आती। उन्होंने जनता को आगाह करते हुए कहा कि जो बिजली का वादा करके मुकर गए, वे आगे भी ऐसा ही करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा यह सपना है कि 2022 तक जब देश अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मना रहा होगा तब देश के हर घर में बिजली हो और देश के हर गरीब के पास अपना छत हो।
जंगलराज और जंतर-मंतर राज
प्रधानमंत्री ने लालू यादव के जंगलराज को याद करते हुए कहा कि बिहार की जनता अभी तक जंगलराज के काले कारनामों को भूली नहीं है। उन्होंने कहा कि आये दिन अपहरण, ह्त्या और लूट की वारदातें होती थी, महिलाओं का उत्पीड़न किया जाता था, भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर था, बिहार की जनता कैसे जंगलराज के प्रवर्तकों को माफ़ कर सकती है? उन्होंने कहा कि अब तो जंगलराज का जुड़वाँ भाई जंतर-मंतर राज भी आ गया है। उन्होंने जनता को आगाह करते हुए कहा कि आप जंगलराज और जंतर-मंतर राज को कभी इकट्ठा मत होने दीजिए, दोनों मिलकर बिहार को बर्बाद कर देंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि हमें बिहार के विकास के लिए, बिहार के नौजवानों के सपनों को साकार करने के लिए, महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए और राज्य के गरीबों, दलितों, पिछड़ों और शोषितों के कल्याण के लिए मैं आपसे वोट मांगने आया हूँ। उन्होंने कहा कि आप भारी मात्रा में मतदान करके राज्य में भाजपा की अगुआई में राजग की एक लोक-कल्याणकारी सरकार बनाइए और बिहार को देश का सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में अपना योगदान दीजिये।
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