मित्रों ,

मकर संक्रांति की शुभकामनाओँ के साथ लंबे समय के बाद में आपको लिख रहा हूँ |

Vibrant Gujarat Global Investor’s Summit (VGGIS) के कारण पिछले दिनों बहुत व्यस्त रहा | आप सब को यह जानकर आनंद होगा की इस VGGIS ने हिन्दुस्तान के इतिहास में Biggest Business Summit के रूप में अपना नाम दर्ज करा दिया और वह भी स्वर्णिम जयंती के वर्ष में !

भारत के इस कोने, गुजरात में हुई इस सफल Summit से देश का हर नागरिक गर्व महसूस कर रहा हैं |

 

    • इस summit में दुनिया के सभी भू-भाग से 101 देशों ने भाग लिया |

    • कुल 35,000 delegates |

    • अनेक देशों के राजनायिक सहित लगभग 1400 Foreign Delegates |

    • देश के 19 राज्यों ने हिस्सा लेकर अपने राज्यों में निवेश के लिए MoUs किये और Business के नये अवसर खोजे |

    • 20.83 लाख करोड़ रुपये का निवेश (450 Billion USD)

    • 7936 MOUs

    • 52 लाख लोगो को सीधे या परोक्ष रूप से रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे |

    • Small and Medium Enterprise (SME) sector के क्षेत्र में सर्वाधिक 54 % MOUs |

    • 35 Top Corporate companies द्वारा 20,000 करोड़ का निवेश 15 लाख महिलाओँ के आर्थिक उन्नयन के लिये

    • 40 दिन में विभिन्न क्षेत्रो के 40 Seminars

    • 182 दिन के अल्प समय में देश के सबसे बड़े Convention Center महात्मा मंदिर का निर्माण |

 

एक प्रकार से पुरे भारत के विकास के लिये यह Summit उपयोगी साबित हुई, इस बात का गर्व है | यह Summit विशेष रूप से युवाओं और मातृशक्ति को समर्पित रहा | यह summit युवा पीढ़ी के लिये, युवा नये-नये क्षेत्रो में आगे बढ़ सके इसके लिये Knowledge Sharing का एक platform बनी | यहाँ से Women Empowerment , Corporate Social Responsibility का नया स्वर्णिम पृष्ठ प्रारम्भ हुआ हैं | (CSR).

Summit की वास्तविक उपलब्धि तो ‘धन का समाज और राष्ट्र के लिये उपयोग’ यह भाव जगाने में सफल होने की हैं | 1883 में स्वामी विवेकानन्द ने जापान से शिकागों जाते समय जमशेदजी टाटा को स्टील प्लांट के साथ देश के युवाओ के लिए “Research Institute of Science” स्थापित करने की प्रेरणा दी, जो बाद में IISc Bangalore के रूप में साकार हुई | आज गुजरात को सौभाग्य मिला है की वो टाटा के Rural Transportation के क्षेत्र में और अदानी के गरीबों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के स्वप्न को साकार करने की प्रेरणा बन गया है | आज गुजरात में एक ऐसे वातावरण और विश्वास की निर्मिति हुई है की उद्योगपति rural housing, urban slum clearance, गाँवो में शुद्ध पीने का पानी पहुँचाना, जैसे प्रकल्पो का बीड़ा उठाने के लिए तत्पर हैं | .

गुजरात की धरती पर सरकार, अधिकारी और जनता एक साथ आकर, एक ध्येय को संजोये, एक team के रूप में राज्य को विकास की नई ऊँचाईयो पर ले जाने के लिए काम करते है | यही कारण है की यहाँ इतने बड़े कार्यक्रम अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल होते है | सुराज्य का यही आदर्श महात्मा मंदिर से निकल कर पुरे देश के लिए प्रेरणा बनेगा | स्वराज्य के आन्दोलन की तरह सुराज्य के जन-आन्दोलन का नेतृत्व भी गुजरात करेगा |

मित्रों, दुनिया के समृद्ध देशों के साथ मेरा गुजरात खड़ा हो, भारतमाता को विश्वगुरु के आसन पर आरुढ़ करने की शक्ति के रूप में गुजरात खड़ा हो – यही एक सपना लिए हमें निरंतर काम करना हैं | .

न रुकना है , न थकना है और न ही झुकना है |

जय जय गरवी गुजरात |

'Gujarat can and Gujarat will' - Hon'ble CM's Inaugural Speech

 

Hon'ble CM addressing the Valedictory Function of Vibrant Gujarat 2011

 

 

Hon'ble CM announces the final investment figures in Vibrant Gujarat 2011

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रण उत्सव – प्रकृति, परंपरा और प्रचीनता का उत्सव
December 21, 2024

कच्छ का सफेद रण आपको आमंत्रित कर रहा है।

कच्छ के इस उत्सव पर्व से जुड़कर एक नए अनुभव के साक्षी बनिए।

और रण के इस उत्सव में प्रकृति, परंपरा और प्रचीनता के रंगों को जीवन का हिस्सा बनाइए।

भारत के सबसे पश्चिमी छोर पर स्थित कच्छ, विरासत और बहुसंस्कृति की भूमि है। कच्छ का सफेद रण और इसकी जीवंतता किसी का भी मन मोह लेती है। चांदनी रात में कच्छ के इस रण का अनुभव और अलौकिक हो जाता है, दिव्य हो जाता है। कच्छ की ये धरती जितनी सुंदर है, इसकी कला और शिल्प भी उतना ही विशेष है।

कच्छ के लोगों का आतिथ्य भाव तो सारी दुनिया जानती है। हर वर्ष लाखों पर्यटक इस धरती पर आते हैं और कच्छ के लोग उतने ही उत्साह से उनका स्वागत करते हैं। अतिथियों के सम्मान और उनके अनुभवों को संवारने के लिए कच्छ का हर परिवार पूरे आदर भाव से काम करता है। रण उत्सव, कच्छ की इसी आतिथ्य परंपरा और स्थानीय कला का उत्सव है। इस जीवंत उत्सव में, हमें इस क्षेत्र की अनोखी संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, स्थानीय जनभावनाओं और कलाओं से जुड़ने का अवसर मिलता है।

इस पोस्ट के माध्यम से मैं विश्व भर के अतिथियों को रण उत्सव 2024-25 के लिए व्यक्तिगत आमंत्रण दे रहा हूं। आप सब अपने परिवार के साथ यहां आएं, यहां की संस्कृति और अनुभवों से जुड़ें, तो मुझे बहुत प्रसन्नता होगी। इस बार रण उत्सव 1 दिसंबर 2024 से लेकर 28 फरवरी 2025 तक आयोजित हो रहा है। इसके अलावा रण की टेंट सिटी मार्च 2025 तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।

ये टेंट सिटी आपको कच्छ के अनुभवों से, यहां के विराट आतिथ्य से, भारत की संस्कृति से और प्रकृति के नए अनुभवों से जोड़ेगी। मैं पूरे विश्वास से कहता हूं, कच्छ के रण उत्सव का अनुभव आपके जीवन का सबसे अलौकिक और अविस्मरणीय अनुभव बनेगा।

कच्छ की इस टेंट सिटी में पर्यटकों के अनुरूप अनेक सुविधाओं को शामिल किया गया है। जो लोग रिलैक्स करने के लिए यहां आ रहे हैं, उन्हें यहां एक अलग अनुभव मिलेगा। संस्कृति और इतिहास के नए रंगों को खोज रहे लोगों के लिए, रण उत्सव एक इंद्रधनुष जैसा होगा।

देखिए, रण उत्सव की गतिविधियों का आनंद लेने के अलावा आप यहां और क्या-क्या कर सकते हैं:

सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा भारत का गौरव स्थल धोलावीरा यहीं पास में स्थित है। ये यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है, जहां आपको भारत की प्राचीन सभ्यता से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

जिन लोगों को प्रकृति और स्थापत्य कला से प्रेम हो, उनके लिए काला डूंगर का विजय विलास पैलेस एक अद्भुत अनुभव का स्थान होगा।

सफेद नमक के मैदानों से घिरी रोड टू हैवन, अपने मनोरम दृश्यों से हर पर्यटक का मन मोह लेती है। 30 किलोमीटर लंबी ये सड़क खावड़ा और धोलावीरा को आपस में जोड़ती है और इसपर यात्रा करना बहुत ही खास अनुभव होता है।

18वीं शताब्दी का लखपत फोर्ट हमें प्राचीन भारत के गौरव से जोड़ता है।

माता नो मढ़ आशापुरा मंदिर कच्छ की धरती पर हमारी आध्यात्मिक चेतना का शक्ति तीर्थ बन जाता है।

श्यामजी कृष्ण वर्मा स्मारक और क्रांति तीर्थ पर श्रद्धांजलि अर्पित करके अपने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ सकते हैं।

और इन सब के साथ, रण उत्सव कच्छ की इस यात्रा में आप हस्तशिल्प के एक अद्भुत संसार से जुड़ सकते हैं। इस हस्तशिल्प मेले में हर उत्पाद की एक अलग पहचान है। ये उत्पाद कच्छ के लोगों की कलाओं से पूरी दुनिया को जोड़ते हैं।

कुछ समय पहले ही मुझे स्मृति वन के लोकार्पण का उत्सव मिला था। जिन लोगों ने 26 जनवरी 2001 के विनाशकारी भूकंप में अपना जीवन बनाया, ये उनकी स्मृतियों का स्मारक है। यहां दुनिया का सबसे खूबसूरत संग्रहालय है, जिसे 2024 का UNESCO Prix Versailles Interiors World Title मिला है! यह भारत का एकमात्र ऐसा संग्रहालय है, जिसे यह विशेष उपलब्धि हासिल हुई है। यह स्मारक हमें हमेशा याद दिलाता है कि कैसे बहुत विपरीत और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हमारा मन, हमारी भावनाएं हमें फिर से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।

तब और अब को बताने वाली तस्वीर:

करीब दो दशक पहले स्थितियां ऐसी थीं कि अगर आपको कच्छ आने का निमंत्रण मिलता, तो आप सोचते कि कोई मजाक कर रहा है। कारण ये था कि तब तक भारत के सबसे बड़े जिलों में से एक होने के बावजूद भी, कच्छ बहुत बेहाल स्तिथि में था। ये स्थितियां तब थीं, जब कच्छ में एक तरफ रेगिस्तान था, दूसरी तरफ पाकिस्तान था। लेकिन सुरक्षा और पर्यटन दोनों ही क्षेत्र में ये स्थान पिछड़ा हुआ था।

कच्छ ने 1999 में चक्रवात और 2001 में भीषण भूकंप का सामना किया था। यहां सूखे की समस्या रहती थी। खेती के पर्याप्त साधन नहीं थे। यही कारण था कि अन्य लोग इसके अच्छे भविष्य की सोच तक नहीं पाते थे।। लेकिन वो नहीं जानते थे कि कच्छ के लोगों की ऊर्जा, उनकी इच्छा शक्ति क्या है। दो दशकों में अपनी मेहनत से, कच्छ के लोगों ने अपना भाग्य बदला। 21वीं शताब्दी के शुरुआत से कच्छ में एक परिवर्तन की भी शुरुआत हुई।

हम सबने मिलकर कच्छ के समावेशी विकास पर काम किया। हमने Disaster Resilient Infrastructure बनाने पर फोकस किया। इसके साथ ही यहां ऐसी आजीविका पर जोर दिया, जिससे यहां के युवाओं को काम की तलाश में अपना घर ना छोड़ना पड़े।

यही कारण है कि 21वीं सदी के पहले दशक के अंत तक जो धरती सूखे के लिए जानी जाती थी, वह आज कृषि के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियों के पड़ाव पर है। यहां के आम सहित कई फल विदेशी बाजार में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। कच्छ के हमारे किसान भाई-बहनों ने ड्रिप सिंचाई और अन्य तकनीकों से खेती को बहुत समृद्ध किया है। इससे पानी की हर बूंद के संरक्षण के साथ अधिकतम उत्पादकता सुनिश्चित हुई है।

गुजरात सरकार के औद्योगिक विकास पर जोर देने से इस जिले में निवेश को भी काफी बढ़ावा मिला है। हमने कच्छ के तटीय क्षेत्र का उपयोग करके इसे एक महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार केंद्र के रूप में फिर से स्थापित करने का काम किया।

कच्छ में पर्यटन की संभावनाओं को और विस्तार देने के लिए 2005 में कच्छ रण उत्सव की शुरुआत की गई थी। आज यह स्थान एक Vibrant Tourism Centre बन चुका है। रण उत्सव को देश-विदेश के कई अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।

हर साल धोरडो गांव में रण उत्सव का आयोजन होता है। ये प्रसन्नता और गर्व की बात है कि इस गांव को United Nations World Tourism Organization ने 2023 का बेस्ट टूरिज्म विलेज घोषित किया। इस गांव की संस्कृति, पर्यटन और यहां हुआ विकास हर देशवासी को गौरव से भर देता है।

मुझे विश्वास है कि आप सब भी, कच्छ की विरासत भूमि को देखने यहां आएंगे और अपनी इस यात्रा के अनुभवों से दूसरों को भी यहां आने की प्रेरणा देंगे। जब आप इन अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करेंगे, तो पूरा विश्व भी इनसे जुड़ेगा। इस संस्कृति और आतिथ्य के भाव को जी सकेगा।

इसी आमंत्रण के साथ, मैं आप सभी को नववर्ष 2025 के लिए भी शुभकामनाएं देता हूं। आने वाला साल आपके और आपके परिवार के लिए सफलता, समृद्धि और आरोग्यपूर्ण जीवन लेकर आए, यही प्रार्थना है।