देश में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में नौ राज्यों में नौ परियोजनाओं के लिए 24,374.86 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी। इसके तहत देश के नौ राज्यों में रेलवे नेटवर्क और कनेक्टविटी का विस्तार होगा।
क्रम संख्या |
राज्य |
परियोजना |
लंबाई (किलोमीटर में) |
लागत (करोड़ रुपये में) |
1 |
असम |
कामाख्या और न्यू बोंगाईगांव के बीच दूसरे रेलवे लाइन का निर्माण |
176 |
2586.85 |
2 |
झारखंड |
खड़गपुर(नीमापुर) औऱ आदित्यपुर के बीच तीसरे लाइन का निर्माण |
132 |
1483.36 |
3 |
छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र |
राजनंदगांव-नागपुर(कलुमना) के बीच तीसरी लाइन का निर्माण। इसके दायरे में छत्तीसगढ़ का राजनंदगांव और महाराष्ट्र के नागपुर, गोंडिया, भंडारा जिले आएंगे। |
228.3 |
2,193.53 |
4 |
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश |
मथुरा-झांसी के बीच तीसरी लाइन का निर्माण
झांसी और बीना के बीच तीसरी लाइन का निर्माण |
273.80
152.57 |
4,377.13
2,273.84 |
5 |
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र |
इटारसी और नागपुर के बीच तीसरी लाइन का निर्माण |
280 km |
2,882.94 |
6 |
तेलंगाना और महाराष्ट्र |
बल्लारशाह-काजीपेट के बीच तीसरी लाइन का निर्माण |
201.04 |
2,403.22 |
7 |
आंध्र प्रदेश |
विजयवाड़ा-गुंडूर के बीच तीसरी लाइन का निर्माण |
287.67 |
3,875.68 |
8 |
ओडिशा और मध्य प्रदेश |
झारसुगुड़ा-बिलासपुर के बीच चौथी लाइन का निर्माण |
206 |
2,298.31 |
कुल – नौ परियोजनाएं |
1,937.38 |
24,374.86 |
इन लाइनों के निर्माण से यात्रा आसान तो होगी। साथ ही इन क्षेत्रों में उभर रहे औद्योगिक क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगा और इससे अतिरिक्त परिवहन क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
इन लाइनों का निर्माण पूरा होने के बाद एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में अनाज, कोयला, औद्योगिक समानों, खनन, कोयला क्षेत्रों और विद्युत संयंत्रों के लिए माल ढुलाई में सहूलियत मिलेगी। साथ ही इससे रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।