हमारे देश का सौभाग्य है कि हमें एक से बढ़कर एक महापुरुष मिले हैं। बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर ऐसे ही महान और प्रभावशाली महापुरुषों में हैं।

बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर गरीबों, वंचितों और दलितों के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए सतत संघर्ष करते रहे और अपना जीवन इस काम में समर्पित कर दिया।

डॉ. अम्बेडकर के संविधान ने जितनी बड़ी संख्या में गरीबों और खासकर वंचित तबके को समाज में ऊपर उठाने का काम किया है, इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता कि किसी एक काम ने इतना असर दिखाया हो। ये है डॉ. अम्बेडकर का देश के लिए योगदान और देश पर उनके योगदान का असर।

बाबा साहेब का कमजोर लोगों को सशक्त बनाना अनुकरणीय था। गरीबों और वंचितों को साथ ले चलने पर उनका जोर हमारे लिए प्रेरणादायी है।

उदाहरण के लिए जन धन योजना बैंकिंग से दूर रहे लोगों को बैंकों से जोड़ती है। सरकार ने वित्तीय संस्थाओं और उपकरणों को गरीबों तक पहुंचाकर गरीबी से लड़ने का रोडमैप सामने रखा है। एक बार वित्तीय समावेशन का लक्ष्य पूरा हो गया, तो सरकार गरीबी से लड़ने के लिए कई उपाय कर सकती है।

जनधन के बाद हमने अपना फोकस जन सुरक्षा पर किया है। सरकार सुरक्षा बीमा योजना और जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत गरीबों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा के लिए उन्हें बहुत सस्ती दुर्घटना और जीवन बीमा योजना उपलब्ध करा रही है। इन योजनाओं का लाभ कुल मिलाकर 13 करोड़ लोगों को मिला है।

बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर ऐसे नेता थे, जिन्होंने हमेशा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए काम किया।

हमने कई ऐसे फैसले लिए हैं जो करोड़ों श्रमिकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे और उनके हितों की रक्षा करेंगे। श्रमिकों को भी बोनस मिले, इसके लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने से लेकर ईपीएफ के लिए यूनिवर्सल एकाउन्ट नम्बर से एम्पलॉयर को जोड़ने का काम किया गया है ताकि बैंकों के माध्यम से कर्मचारियों को पैसे दिए जा सकें। श्रमेय जयते की पहल के तहत कई सुधार हुए हैं जैसे श्रमिकों के लिए श्रमिक पहचान नंबर, उद्योगों में काम आसान बनाने के लिए श्रम सुविधा पोर्टल, पारदर्शी श्रम निरीक्षण और अप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना।

डॉ अम्बेडकर के आदर्श हमें बताते हैं कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अभी मीलों सफर तय करना है।

पूंजी और उधार की व्यवस्था तक पहुंच नहीं हो पाना गरीबों के लिए परेशानी का कारण रही है। स्टैंड अप इंडिया स्कीम का लक्ष्य महिलाओं, एससी और एसटी समुदाय के लोगों को उद्यमी बनाना है। इस योजना से इन्हें आसानी से लोन उपलब्ध हो रहा है और इसका उद्देश्य है उनकी रचनात्मक ऊर्जा को सशक्त बनाना, जिससे वे अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।

उद्यमिता को आगे बढ़ाने में MUDRA योजना की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर कुछ करने की इच्छा है तो उसे पूरा करने में किसी बात की कमी अब कोई बाधा नहीं रह गयी है। साहूकारों के चंगुल से गरीबों को बचाने के लिए MUDRA योजना छोटे कारोबार के लिए बैंक से बिना किसी मुश्किल के धन उपलब्ध कराता है जो हमारी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। करोड़ों छोटे उद्यमी, खासकर एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाएं, इसका लाभ उठा चुके हैं।

बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर का महिलाओं के सशक्तिकरण में मजबूत विश्वास था।

इस मोर्चे पर हमारी सरकार ने उनके शब्दों से प्रेरणा ली और उसे वास्तविकता में बदला। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का जागरूकता अभियान अब खुद जनता का आंदोलन बन चुका है और इसका लिंग समानता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। MUDRA और Stand Up India जैसी योजनाओं से लाभ उठाने वालों में महिलाओं की संख्या अच्छी है। उज्जवला योजना ने करोड़ों महिलाओं को किचन के धुएं से मुक्ति दिलायी है और उनके बीच बहुत तेजी से नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन बांटे गये हैं ताकि उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।

विद्वान अर्थशास्त्री के तौर पर बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर हमेशा आर्थिक रूप से मजबूत भारत के लिए खड़े रहे। वे औद्योगीकरण को गरीबी से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका मानते थे।

मेक इन इंडिया कार्यक्रम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए है। इसके लिए भारत में और अधिक निवेश लाने पर अथक कोशिशें की जा रही हैं ताकि उत्पादन क्षमता बढाकर आर्थिक विकास में तेजी लायी जा सके। ऐसे समय में, जबकि विश्व स्तर पर विकास दर सुस्त है, भारत के लिए शानदार मौका है क्योंकि भारत की राजकोषीय स्थिति ठीक है और नीतियां भी विकास उन्मुख है। 

इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में दीर्घदृष्टि वाली सागरमाला जैसी पहल हुई है, जिससे करोड़ों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही कई आर्थिक गतिविधियां पैदा होंगी, जो गरीबों का जीवन बेहतर करने की दिशा में हमें बहुत आगे ले जाएंगी।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर ने अलग-अलग विषयों पर अपनी बौद्धिकता और दूरदर्शिता की छाप छोड़ी। सभी क्षेत्रों में उनके विचार हमें सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रेरित करती रहेंगी और हमारे देश को महानता की ऊंचाई पर ले जाएगी।

मजबूत, समावेशी और विकसित भारत के निर्माण पर जितना खुश बाबा साहेब होते, उतना शायद ही कोई दूसरा होता। ऐसे ही भारत का निर्माण करना हमारा लक्ष्य है, जिससे वे गौरवान्वित हों।

 

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.