आयुष्मान भारत ने छत्तीसगढ़ के 21 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाई
छत्तीसगढ़ के 21 वर्षीय व्यक्ति संजय वर्गेम को 14 फरवरी, 2019 को सीने में दर्द, घबराहट, सिर में चक्कर, जुखाम और 1-2 वर्ष के दौरान तनाव के चलते सांस की कमी के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था।
पूरी जांच के बाद पता चला कि उसके हृदय में डबल वाल्व के प्रतिस्थापन की जरूरत है।
अत्यंत गरीब परिवार का एक सदस्य होने के कारण, चिकित्सक द्वारा बताये गए उपचार के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। परिणामस्वरूप वर्गेम और उसका परिवार निराश होकर अपने गांव लौट गया। किन्तु, गांव लौटने के बाद शीघ्र ही उसे प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के बारे में पता चला, जो संजय और उसके परिवार के लिए एक वरदान साबित हुआ। जिस शल्य चिकित्सा के लिए उसे 2 लाख रूपये खर्च करने पड़ते, प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत 18 फरवरी, 2019 को वह शल्य चिकित्सा निशुल्क कर दी गई।
अब वह पीड़ा से मुक्त है और खुशहाल तथा स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा है।
आज वह एक स्वस्थ व्यक्ति है और विश्व की इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की सफलता के बारे में बताने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले 31 लाभार्थियों में से एक है।
आयुष्मान भारत योजना 2018 में ठीक एक वर्ष पहले शुरू की गई थी। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। देश के 10.74 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करना इसका लक्ष्य है।
पिछले एक वर्ष में, संजय वर्गेम जैसे 50,000 से अधिक मरीजों को अपने राज्य से बाहर चिकित्सा सुविधाएं मिली, जहां आयुष्मान भारत कार्यक्रम के माध्यम से इस प्रकार की सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध थीं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत 16,085 अस्पतालों को पैनलबद्ध करने के साथ-साथ 41 लाख से अधिक लाभार्थियों का उपचार किया गया और 10 करोड़ से अधिक ई-कार्ड जारी किए गए हैं।
आयुष्मान भारत के तहत देशभर में 20,700 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को चालू किया गया है।
आयुष्मान भारत योजना के कारण असम के गरीब किसान की जान बची
असम के एक धान उत्पादक गरीब किसान 35 वर्षीय द्विजेन कलिता को सिर में गंभीर चोट लगी थी। जब उसे कामरूप मेट्रो अस्पताल में भर्ती किया गया था, तब वह अर्द्धचेतना की स्थिति में था और असहाय पीड़ा झेल रहा था। विस्तृत जांच के बाद पता चला कि उसे सबड्यूरल हिमेटोमा है। इसके लिए उसे न्यूरोसर्जरी, क्रेनियोप्लास्टी और एक्सोजेनस ग्राफ्ट की जरूरत थी।
कलिता की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और उपचार का खर्च वहन करना उसके परिवार के लिए असंभव था। जब उसे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के बारे में बताया गया तो उसके परिवार के लिए एक उम्मीद जगी। इसके तहत उसका उपचार निशुल्क हो सकता था।
कलिता का मानना है कि यह योजना उसके जैसे गरीब लोगों के लिए एक वरदान है। आज वह एक स्वस्थ व्यक्ति है और विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की सफलता के बारे में बताने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले 31 लाभार्थियों में से एक है।
आयुष्मान भारत योजना 2018 में ठीक एक वर्ष पहले शुरू की गई थी। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। देश के 10.74 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करना इसका लक्ष्य है।
पिछले एक वर्ष में, द्विजेन कलिता जैसे 50,000 से अधिक मरीजों को अपने राज्य से बाहर चिकित्सा सुविधाएं मिली, जहां आयुष्मान भारत कार्यक्रम के माध्यम से इस प्रकार की सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध थीं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत 16,085 अस्पतालों को पैनलबद्ध करने के साथ-साथ 41 लाख से अधिक लाभार्थियों का उपचार किया गया और 10 करोड़ से अधिक ई-कार्ड जारी किए गए हैं।
आयुष्मान भारत के तहत देशभर में 20,700 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चालू किए गए हैं।
आयुष्मान भारत को धन्यवाद – दूरस्थ प्रायद्वीप के इस निवासी का जीवन सामान्य हुआ
अंडमान एवं निकोबार के एक गरीब परिवार का सदस्य 52 वर्षीय रतन बरई मायोकार्डियल इन्फार्क्सन से पीड़ित था।
सीने के बाई ओर दर्द तथा पसीना आने की शिकायत को लेकर उसे पोर्ट ब्लेयर के जी.बी. पंत अस्पताल में भर्ती किया गया था। वह डायबिटीज मेलीटस से भी पीड़ित था। विस्तृत जांचों से पता चला कि यह एक्यूट एंटेरियर वाल मायोकार्डियल इन्फार्क्सन का मामला है। इसके लिए चिकित्सा प्रबंध निर्धारित किया गया और बाद में अतिरिक्त विशेषज्ञ उपचार के लिए देश की मुख्यभूमि के हृदय-रोग विशेषज्ञों के पास भेजा गया। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों में हृदय रोगों के उपचार के लिए कोई सुविधा नहीं है ऐसे में इन मरीजों को उपचार के लिए कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में भेजा जाता है।
रतन बरई के यह कठिन था, क्योंकि उसके पास पर्याप्त धन नहीं था। किन्तु जब उसे आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के माध्यम से नकदरहित बीमा सुरक्षा के बारे में पता चला, तो उसके जीवन में आशा की एक नई किरण जगी। इसकी मदद से निशुल्क उपचार संभव प्रतीत हो रहा था।
आज वह एक स्वस्थ व्यक्ति है और विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की सफलता के बारे में बताने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले 31 लाभार्थियों में से एक है।
आयुष्मान भारत योजना 2018 में ठीक एक वर्ष पहले शुरू की गई थी। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। देश के 10.74 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करना इसका लक्ष्य है।
पिछले एक वर्ष में, रतन बरई जैसे 50,000 से अधिक मरीजों को अपने राज्य से बाहर चिकित्सा सुविधाएं मिली, जहां आयुष्मान भारत कार्यक्रम के माध्यम से इस प्रकार की सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध थीं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत 16,085 अस्पतालों को पैनलबद्ध करने के साथ-साथ 41 लाख से अधिक लाभार्थियों का उपचार किया गया और 10 करोड़ से अधिक ई-कार्ड जारी किए गए हैं।
आयुष्मान भारत के तहत देशभर में 20,700 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चालू किए गए हैं