"Discussion held for expanding ties between Australia and Gujarat in various sectors"
"Australian High Commissioner: India has been on top in Australia’s foreign policy"
"Developing relations with Gujarat has been on the top priority for Australia since last ten years"

दस वर्ष से गुजरात के साथ जारी सहभागिता को दी प्राथमिकता

आस्ट्रेलिया और गुजरात के बीच अनेक क्षेत्रों में सहभागिता के संबंधों का दायरा विकसित करने पर परामर्श

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आज आस्ट्रेलिया के भारत में राजदूत पेट्रिक सकलिंग ने मुलाकात कर आस्ट्रेलिया और गुजरात के बीच संबंधों को व्यापक सत्र पर विकसित करने की तत्परता जताई। उन्होंने आस्ट्रेलिया और गुजरात के बीच विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर भागीदारी और सहयोग की संभावनाओं पर सिलसिलेवार परामर्श किया।

पेट्रिक सकलिंग ने कहा कि भारत और आस्ट्रेलिया के बीच के संबंध साम्यता और सहयोग के कारण मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया के विदेश मामलों की नीति में भारत अग्रिम कतार में है और पिछले एक दशक से गुजरात के साथ संबंधों के विकास को खास तरजीह दी गई है।

आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने गुजरात के साथ सहयोग के उभरते क्षेत्रों में शिक्षा, खेलकूद, कृषि विकास और डेयरी टेक्नॉलॉजी, वाटर मेनेजमेंट, भौतिक ढांचागत सुविधा विकास के सेक्टर के बारे में सहभागिता पर चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री मोदी ने स्कूल एजुकेशन में गुणात्मक सहयोग के लिए आस्ट्रेलियन एजुकेशन की बेस्ट प्रेक्टिस का लाभ गुजरात को मिले, आस्ट्रेलिया में से गुजरात में वोकेशनल स्कील के पाठ्यक्रम विस्तृत पैमाने पर शुरु हों, एनर्जी टेक्नॉलॉजी और वाटर मेनेजमेंट सेक्टर, एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोसेसिंग में सहयोग संबंधी आस्ट्रेलिया की तत्परता की रूपरेखा पेश की।

श्री मोदी ने आगामी सितम्बर में गुजरात में आयोजित होनेवाले वाईब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रोटेक समिट एंड एक्जीबीशन और वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2015 में भाग लेने का आस्ट्रेलिया को निमंत्रण दिया। आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने भी श्री मोदी को आस्ट्रेलिया का दौरा करने का निमंत्रण दिया।

प्रवर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था और आर्थिक, सामाजिक परिवर्तनों के संदर्भ में विदेशनीति का स्वरूप, गुड गवर्नेंस और डवलपमेंट विषय पर उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ एकेडमिक स्तर का परामर्श किया।

इस मौके पर मुख्य सचिव डॉ. वरेश सिंहा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) महेश्वर शाहु और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त अग्र सचिव एके. शर्मा मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।