गुजरात के नवसारी के अभिभावक सीमा चिंतन देसाई ने पीएम मोदी से पूछा कि ग्रामीण लड़कियों के उत्थान में समाज कैसे योगदान दे सकता है। इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया कि लड़कियों की स्थिति में पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि लड़कियों की उचित शिक्षा सुनिश्चित किए बिना कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता है।
पीएम मोदी ने कहा, "बेटा-बेटी एक समान यानी कोई भेदभाव नहीं। आज के युग और हर युग की यह अनिवार्यता भी है।" उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी भारत की बेटियों का उदाहरण दिया।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत की बेटियों की आकांक्षाओं पर हर भारतीय को गर्व होगा। बेटियों के अवसरों और सशक्तिकरण को संस्थागत बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की बेटियां खेल, विज्ञान और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में चमक रही हैं। आज लड़कियां, परिवारों के लिए एक एसेट्स बन गई हैं और यह बदलाव काफी अच्छा है।
समाज में महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा, "पंचायती राज व्यवस्था में महिला प्रतिनिधियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष में स्वतंत्र भारत के इतिहास में संसद में महिला सदस्यों की संख्या सबसे अधिक है।"