किसान रेल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है: प्रधानमंत्री

December 28th, 04:31 pm

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के बीच 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई। पीएम मोदी ने कहा कि किसान रेल सेवा देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है। इससे देश के छोटे और सीमांत किसानों को बहुत बड़ी शक्ति मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर खेती उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये उनकी सरकार की प्राथमिकता हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई

December 28th, 04:30 pm

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के बीच 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई। पीएम मोदी ने कहा कि किसान रेल सेवा देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है। इससे देश के छोटे और सीमांत किसानों को बहुत बड़ी शक्ति मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर खेती उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये उनकी सरकार की प्राथमिकता हैं।

हमें 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से कृषि को विकसित करने की जरूरत: प्रधानमंत्री मोदी

May 26th, 02:31 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गोगामुख में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्‍थान का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संस्थान से भविष्य में पूर्वोत्तर में कई सकारात्मक बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से कृषि को विकसित करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को बदलती तकनीकों का लाभ मिलना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने असम के गौमुख में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्‍थान का शिलान्यास किया, जनसभा को संबोधित किया

May 26th, 02:30 pm

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने असम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्‍थान का शिलान्यास किया। उन्‍होंने कहा कि 21वीं सदी की जरूरतों के साथ-साथ आज कृषि को विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को बदलती तकनीकों का लाभ मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ‘पंचतत्त्व’ के बारे में बात करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पांच तत्व है: रेलवे, राजमार्ग, हवाईमार्ग, जलमार्ग और आई-वे।