प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्दरमैया के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आज मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र से जुड़े महादायी नदी जल मुद्दे पर न्यायाधिकरण से बाहर एक समाधान के लिए प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की। ये मामला वर्तमान में न्यायाधिकरण के समक्ष है। प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि न्यायाधिकरण से बाहर इस मामले के समाधान के प्रयास से पूर्व तीनों राज्यों के विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आपसी विचार-विमर्श के माध्यम से एक आम सहमति की आवश्यकता होगी।
प्रतिनिधिमंडल ने कर्नाटक राज्य में खासतौर पर राज्य के उत्तरी क्षेत्रों में भयंकर सूखे का मुद्दा भी उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में शीघ्र अतिशीघ्र स्थिति की समीक्षा के लिए एक केन्द्रीय दल राज्य में भेजा जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने चीनी के मूल्य में हो रही गिरावट के कारण गन्ना किसानों के द्वारा सामना की जा रहीं समस्याओं को भी प्रधानमंत्री के समक्ष रखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन समस्याओं का सामना गन्ना किसानों के द्वारा पूरे देश में किया जा रहा है और केन्द्र सरकार इनके समाधान के लिए अनेक कदम उठा रही है।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में मलबैरी उत्पादकों के हितों के संरक्षण के लिए रेशम के आयात शुल्क में 30 प्रतिशत तक वृद्धि की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा इस अपील की समीक्षा की जाएगी।
बैठक के दौरान केन्द्रीय मंत्री श्री वेंकैया नायडू, श्री अनंत कुमार और श्री सदानंद गौड़ा तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।