गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, श्री नरेन्द्र मोदी, जो अब भारत के प्रधानमंत्री हैं, ने अहमदाबाद मेट्रो के निर्माण के दौरान प्रतिष्ठित साबरमती आश्रम की पवित्रता की संरक्षा के लिए गहरे समर्पण का प्रदर्शन किया।
भारत के ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर पद्मश्री ई. श्रीधरन ने पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प को याद करते हुए इस बात पर जोर दिया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने साबरमती आश्रम के ऐतिहासिक महत्व को पहचाना और इस दिशा में पहलकदमी की। वह सक्रिय रूप से योजना प्रक्रिया में शामिल रहे और यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि मेट्रो स्टेशन के निर्माण से पवित्र आश्रम और उसके आगंतुकों की शांति में कोई बाधा न पड़े।
आश्रम के महत्व को स्वीकार करने के अलावा, उन्होंने सक्रिय रूप से मेट्रो की मूल योजना में बदलाव की मांग की। इस बदलाव का उद्देश्य मेट्रो स्टेशन के निर्माण से आश्रम के आसपास होने वाली किसी भी संभावित अव्यवस्था या व्यवधान को कम करना था। मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर और ऐतिहासिक स्थलों के बीच सामंजस्यपूर्ण तालमेल स्थापित करने में पीएम मोदी की दूरदर्शिता और फोकस ने उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
पीएम मोदी के विचारों का विश्लेषण, शहरी विकास के उनके विजन को दर्शाता है, जो प्रगति और विरासत संरक्षण के बीच संतुलन बनाने पर जोर देता है। यह नेतृत्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो दर्शाता है कि एक नेता की सक्रिय भागीदारी किसी क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करते हुए, विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
As Gujarat CM, Narendra Modi was steadfast in preserving the sanctity of Sabarmati Ashram during the construction of Ahmedabad Metro, recalls Metro Man E.Sreedharan.
— Modi Story (@themodistory) November 20, 2023
Modi went so far as to request alterations to the original plan, ensuring that the chaos of the Metro station… pic.twitter.com/polDnNsl4c