"Shri Modi inaugurates Gujarat’s first agro mall in Surat"
"Farmers and consumers stand to gain immensely from this initiative: Shri Modi"
"Agro mall such as this gives the farmer a chance to directly interface with consumers without middlemen: Shri Modi"
"Price rise is a big problem but just like the Centre is not concerned about corruption, it is not concerned about rising prices: Shri Modi"
"Right now for votes they are talking of various laws but despite SC saying give rotten grains to the poor, they did not do that. And what did they do? Gave the rotting grain at a price of 65p to alcohol manufacturers: Shri Modi"
"CM seeks support of people during Shala Praveshotsav and Kanya Kelavani drive starting 13th June 2013"

गुजरात ने एपीएमसी एग्रीमॉल का गौरव हासिल किया

सूरत का एग्रीमॉल कृषि बाजार देश के किसानों के सशक्तिकरण का मॉडल है - श्री मोदी

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सूरत में 100 करोड़ के खर्च से निर्मित भारत के सर्वप्रथम खेतीबाड़ी बाजार समिति संचालित आधुनिक कृषि बाजार का लोकार्पण करते हुए कृषि उत्पादों के कृषि बाजार का स्वरूप ज्यादा विकसित कर वर्च्युअल एग्रीमॉल का मॉडल सूरत खेतीबाड़ी बाजार समिति कार्यान्वित करे, यह आह्वान किया।

ई- टेक्नॉलॉजी से कृषि बाजार की सभी वस्तुएं और उत्पाद स्थानीय स्तर पर ग्राहक जनता को उपलब्ध हो जाएं ऐसे वर्च्युअल मॉल की रूपरेखा श्री मोदी ने पेश की। गुजरात की किसानशक्ति के सामर्थ्य का साक्षात्कार करवाता सूरत एपीएमसी का यह कृषि बाजार भारतभर के अन्य एग्रीकल्चर मर्केट से बिल्कुल भिन्न मॉडल है। खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति ने गुजरात की वाइब्रेंट ग्लोबल गुजरात समिट 2009 में सूरत में एपीएमसी फूडपार्क के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए 800 करोड़ के समझौता करार राज्य सरकार के साथ किये थे। इसके प्रथम भाग के अंतर्गत आज कृषि बाजार के आधुनिक स्वरूप में यह एग्रोमॉल तैयार हुआ है। मुख्यमंत्री ने सूरत में 9 मंजिला इस आधुनिकतम कृषि बाजार में किसानों और उपभोगकर्ता जनता के लिए उपलब्ध अनेक प्रवृत्तियों का निरीक्षण किया।

सूरत सहित गुजरात में मेघराजा के जल्दी आगमन का स्वागत करते हुएश्री मोदी ने कहा कि किसानों और गांवों में नई आशा का संचार हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि समग्र देश में वर्षा काफी अच्छी होगी और देश के किसानों का परिश्रम रंग लाएगा, अन्न के भंडार भर जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर डेम के पास भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टेचु ऑफ युनिटी के भव्य निर्माण की रूपरेखा किसानों को दी। देसी रजवाडों का एकीकरण कर भारत की एकता का भगीरथ काम करने वाले सरदार साहेब किसान थे और किसानों को आजादी की जंग में शामिल करने का कार्य भी उन्होंने ही किया था। इसलिए स्टेचु ऑफ युनिटी के भव्य सरदार स्मारक में भारत के सभी किसानों का योगदान लेने का अभियान पूरे देश में सरदार जयंति 31 अक्टूबर से शुरु किया जाएगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सभी गांवों के किसानों की जनभागीदारी से स्टेचु ऑफ युनिटी की प्रतिमा एक बेमिसाल घटना बनेगी। इसके लिए किसानों के अनुपयोगी लोहे के छोटे खेत औजार का दान लेने का अभियान चलाया जाएगा।

सूरत में 9 मंजिल का यह एग्रीमॉल हिन्दुस्तान के किसानों के हितों के लिए पथप्रदर्शक बनेगा। किसानों को उनके कृषि उत्पादों का उत्तम भाव और जनता को बेहतर गुणवत्ता की वस्तुएं उचित दर पर मिल सकेगी। किसान खुद कृषि उत्पादों का उत्पाद बेचता है पर उसकी जरूरतों की पूर्ति के लिए खरीददार ग्राहक भी है। एग्रोमॉल में सीधे कृषि उत्पादों को बेचने की सुविधा किसानों को मिलेगी।

केन्द्र की वर्तमान सरकार ने महंगाई से पिस रही जनता के प्रति संवेदना खो दी है। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी अध्यक्षता में प्रधानमंत्री द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति पर पूछा कि मार्च 2011 में 64 एक्शन पॉइंट की उनकीसिफारिशों का क्या हुआ? क्या यह जानने के लिए भी समिति बनाई जाएगी?

श्री मोदी ने उनकी सिफारिशों में से फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, एफसीआई के वर्तमान स्वरूप का पुन:गठन किए जाने का सुझाव देते हुए एफसीआई प्रोक्यॉरमेंट, स्टोरेज एंड डिस्ट्रीब्युशन के कारोबार को स्वतंतर कर गुजरात के बिजली बोर्ड की तरह सुविचारित विभाजन की मांग की। केन्द्र सरकार ने देश के गोदामों में किसानों के परिश्रम से तैयार करोडों टन अनाज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गरीबों को नहीं बांटकर सिर्फ 65 पैसे किलो की दर से शराब उत्पादक कम्पनियों को बेच दिया। इस पर आक्रोश जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि गरीबों के पेट की पीड़ा और किसानों की परवाह केन्द्र की वर्तमान सरकार को नहीं है।

मुख्यमंत्री ने इस कृषि बाजार में आने वाले कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग करने की कलेक्शन सेंटर में खड़ी की गई व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि कमजोर गुणवत्ता के उत्पादों के सुधार के लिए किसानों को प्रेरित करने वाली यह व्यवस्था है। ऑर्गेनिक खेती और कृषि उत्पादों, बागायती खेती की फसलों की गुणवत्ता सुधरे तो किसान की आय भी जरूर बढ़ जाएगी। कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपतभाई वसावा, जलापूर्ति और सिंचाई राज्य मंत्री नानु भाई वानाणी ने भी जनता के समक्ष अपने विचार रखे। प्रारम्भ में खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति के चेयरमेन रमण भाई पटेल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कन्या केलवणी निधि में एपीएमसी और सिद्धि कंस्ट्रक्शन की ओर से 16 लाख का चेक मुख्यमंत्री को अर्पण किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुड़ास्मा, सांसद सीआर पाटिल, श्रीमती दर्शनाबेन जरदोश, भरत सिंह परमार, मेयर राजेन्द्र भाई देसाई, जिला पंचायत प्रमुख अश्विन भाई पटेल, विधायक नरोत्तम भाई पटेल, रनजीत भाई गिलिटवाला, मोहन भाई डोढिया, हर्ष संघवी, श्रीमती संगीता बेन पाटिल, अजयभाई चोकसी, राजा भाई पटेल, प्रफुल्ल भाई पानसरिया, मंगु भाई पटेल, पियुष भाई देसाई, आत्माराम परमार, नलिन भाई कोटडिया, ईश्वर भाई परमार और भारी संख्या में किसान और एपीएमसी सदस्य उपस्थित थे।

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December 26, 2024
PM launches ‘Suposhit Gram Panchayat Abhiyan’
On Veer Baal Diwas, we recall the valour and sacrifices of the Sahibzades, We also pay tribute to Mata Gujri Ji and Sri Guru Gobind Singh Ji: PM
Sahibzada Zorawar Singh and Sahibzada Fateh Singh were young in age, but their courage was indomitable: PM
No matter how difficult the times are, nothing is bigger than the country and its interests: PM
The magnitude of our democracy is based on the teachings of the Gurus, the sacrifices of the Sahibzadas and the basic mantra of the unity of the country: PM
From history to present times, youth energy has always played a big role in India's progress: PM
Now, only the best should be our standard: PM

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों,

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।

साथियों,

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साथियों,

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।

मेरे युवा दोस्तों,

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।

साथियों,

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।

साथियों,

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !