गुजरात ने एपीएमसी एग्रीमॉल का गौरव हासिल किया
सूरत का एग्रीमॉल कृषि बाजार देश के किसानों के सशक्तिकरण का मॉडल है - श्री मोदी
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सूरत में 100 करोड़ के खर्च से निर्मित भारत के सर्वप्रथम खेतीबाड़ी बाजार समिति संचालित आधुनिक कृषि बाजार का लोकार्पण करते हुए कृषि उत्पादों के कृषि बाजार का स्वरूप ज्यादा विकसित कर वर्च्युअल एग्रीमॉल का मॉडल सूरत खेतीबाड़ी बाजार समिति कार्यान्वित करे, यह आह्वान किया।ई- टेक्नॉलॉजी से कृषि बाजार की सभी वस्तुएं और उत्पाद स्थानीय स्तर पर ग्राहक जनता को उपलब्ध हो जाएं ऐसे वर्च्युअल मॉल की रूपरेखा श्री मोदी ने पेश की। गुजरात की किसानशक्ति के सामर्थ्य का साक्षात्कार करवाता सूरत एपीएमसी का यह कृषि बाजार भारतभर के अन्य एग्रीकल्चर मर्केट से बिल्कुल भिन्न मॉडल है। खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति ने गुजरात की वाइब्रेंट ग्लोबल गुजरात समिट 2009 में सूरत में एपीएमसी फूडपार्क के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए 800 करोड़ के समझौता करार राज्य सरकार के साथ किये थे। इसके प्रथम भाग के अंतर्गत आज कृषि बाजार के आधुनिक स्वरूप में यह एग्रोमॉल तैयार हुआ है। मुख्यमंत्री ने सूरत में 9 मंजिला इस आधुनिकतम कृषि बाजार में किसानों और उपभोगकर्ता जनता के लिए उपलब्ध अनेक प्रवृत्तियों का निरीक्षण किया।
सूरत सहित गुजरात में मेघराजा के जल्दी आगमन का स्वागत करते हुएश्री मोदी ने कहा कि किसानों और गांवों में नई आशा का संचार हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि समग्र देश में वर्षा काफी अच्छी होगी और देश के किसानों का परिश्रम रंग लाएगा, अन्न के भंडार भर जाएंगे।मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर डेम के पास भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टेचु ऑफ युनिटी के भव्य निर्माण की रूपरेखा किसानों को दी। देसी रजवाडों का एकीकरण कर भारत की एकता का भगीरथ काम करने वाले सरदार साहेब किसान थे और किसानों को आजादी की जंग में शामिल करने का कार्य भी उन्होंने ही किया था। इसलिए स्टेचु ऑफ युनिटी के भव्य सरदार स्मारक में भारत के सभी किसानों का योगदान लेने का अभियान पूरे देश में सरदार जयंति 31 अक्टूबर से शुरु किया जाएगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सभी गांवों के किसानों की जनभागीदारी से स्टेचु ऑफ युनिटी की प्रतिमा एक बेमिसाल घटना बनेगी। इसके लिए किसानों के अनुपयोगी लोहे के छोटे खेत औजार का दान लेने का अभियान चलाया जाएगा।
सूरत में 9 मंजिल का यह एग्रीमॉल हिन्दुस्तान के किसानों के हितों के लिए पथप्रदर्शक बनेगा। किसानों को उनके कृषि उत्पादों का उत्तम भाव और जनता को बेहतर गुणवत्ता की वस्तुएं उचित दर पर मिल सकेगी। किसान खुद कृषि उत्पादों का उत्पाद बेचता है पर उसकी जरूरतों की पूर्ति के लिए खरीददार ग्राहक भी है। एग्रोमॉल में सीधे कृषि उत्पादों को बेचने की सुविधा किसानों को मिलेगी।
केन्द्र की वर्तमान सरकार ने महंगाई से पिस रही जनता के प्रति संवेदना खो दी है। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी अध्यक्षता में प्रधानमंत्री द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति पर पूछा कि मार्च 2011 में 64 एक्शन पॉइंट की उनकीसिफारिशों का क्या हुआ? क्या यह जानने के लिए भी समिति बनाई जाएगी?
श्री मोदी ने उनकी सिफारिशों में से फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, एफसीआई के वर्तमान स्वरूप का पुन:गठन किए जाने का सुझाव देते हुए एफसीआई प्रोक्यॉरमेंट, स्टोरेज एंड डिस्ट्रीब्युशन के कारोबार को स्वतंतर कर गुजरात के बिजली बोर्ड की तरह सुविचारित विभाजन की मांग की। केन्द्र सरकार ने देश के गोदामों में किसानों के परिश्रम से तैयार करोडों टन अनाज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गरीबों को नहीं बांटकर सिर्फ 65 पैसे किलो की दर से शराब उत्पादक कम्पनियों को बेच दिया। इस पर आक्रोश जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि गरीबों के पेट की पीड़ा और किसानों की परवाह केन्द्र की वर्तमान सरकार को नहीं है।मुख्यमंत्री ने इस कृषि बाजार में आने वाले कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग करने की कलेक्शन सेंटर में खड़ी की गई व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि कमजोर गुणवत्ता के उत्पादों के सुधार के लिए किसानों को प्रेरित करने वाली यह व्यवस्था है। ऑर्गेनिक खेती और कृषि उत्पादों, बागायती खेती की फसलों की गुणवत्ता सुधरे तो किसान की आय भी जरूर बढ़ जाएगी। कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपतभाई वसावा, जलापूर्ति और सिंचाई राज्य मंत्री नानु भाई वानाणी ने भी जनता के समक्ष अपने विचार रखे। प्रारम्भ में खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति के चेयरमेन रमण भाई पटेल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कन्या केलवणी निधि में एपीएमसी और सिद्धि कंस्ट्रक्शन की ओर से 16 लाख का चेक मुख्यमंत्री को अर्पण किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुड़ास्मा, सांसद सीआर पाटिल, श्रीमती दर्शनाबेन जरदोश, भरत सिंह परमार, मेयर राजेन्द्र भाई देसाई, जिला पंचायत प्रमुख अश्विन भाई पटेल, विधायक नरोत्तम भाई पटेल, रनजीत भाई गिलिटवाला, मोहन भाई डोढिया, हर्ष संघवी, श्रीमती संगीता बेन पाटिल, अजयभाई चोकसी, राजा भाई पटेल, प्रफुल्ल भाई पानसरिया, मंगु भाई पटेल, पियुष भाई देसाई, आत्माराम परमार, नलिन भाई कोटडिया, ईश्वर भाई परमार और भारी संख्या में किसान और एपीएमसी सदस्य उपस्थित थे।