"In the name of food security, UPA Govt drastically reduces food supply to BPL families"
"CM objects anti-poor provisions under NFSO by insensitive UPA Govt"
"CM writes to PM and CMs of various States on reducing food grain entitlement to poor"

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र

केन्द्र के फूड सिक्युरिटी बिल पर उठाए सवाल

राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक तत्काल बुलवाने की मांग

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने युपीए सरकार के फूड सिक्युरिटी बिल (अन्न सुरक्षा ) के कारण गरीबों पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर इसा मामले में मुख्यमंत्रियों की बैठक तत्काल बुलवाने की मांग की है। श्री मोदी ने फूड सिक्युरिटी ऑर्डिनेंस की व्यवस्थाओं का आंकलन करते हुए कहा कि कांग्रेस की अगवानी वाली युपीए सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएसओ) जारी हुआ है उसके मुताबिक बीपीएल परिवारों को मिलनेपात्र अनाज में भारी कमी की गई है।

एनएफएसओ के मुताबिक औसतन पांच व्यक्तियों के एक बीपीएल परिवार को मिलनेपात्र अनाज का कोटा प्रति परिवार मासिक 35 किलो से घटकर सिर्फ 25 किलो कर दिया गया है। जहां तक अनाज की बात है तो बीपीएल परिवार परिवार ही सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और इनको सब्सिडी की दर पर अनाज देने की जरूरत है। हकीकत यह है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आदिजाति जनता बीपीएल के तहत आती है और उनके इलाकों में अनाज की उपलब्धता एक गम्भीर मुद्दा है। विभिन्न राज्यों में भाजपा सरकारों ने सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में अनुकरणीय कार्य किया है। बीपीएल परिवारों को 35 किलो अनाज मिले यह सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ और गुजरात में हुए कार्यों की सराहना सुप्रीम कोर्ट ने भी की है।

अत्यंत गरीब लोगों को मिलनेपात्र अनाज में कमी करना किसी भी खाद्य सुरक्षा विधेयक का उद्देश्य नहीं हो सकता। गरीबी रेखा के तहत आने वाले लोगों को मिलनेपात्र अनाज में कटौती करना अत्यंत आपत्तिजनक है। एनएसएफओ में अनाज की कीमतों के प्रस्तावित ढांचे से बीपीएल परिवारों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा क्योंकि अब उन्हें अतिरिक्त अनाज की खरीद मुक्त बाजार से करनी पड़ेगी। अब बीपीएल परिवार को मासिक 35 किलो अनाज प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त 85 रुपए खर्च करने होंगे।

वर्तमान प्रस्ताव की वजह से प्रतिव्यक्ति केलोरी की जरूरतों पर भी प्रभाव पड़ेगा। ऑर्डिनेंस के मुताबिक प्रतिव्यक्ति पांच किलो अनाज के वितरण के हिसाब से एक व्यक्ति को दैनिक 165 ग्राम अनाज मिल सकेगा।श्रम आधारित कार्यों में जुटे लोगों को दैनिक कम से कम 2500 केलोरी की जरूरत होती है। दैनिक मात्र 165 ग्राम अनाज से मात्र 500 केलोरी ही मिलेगी जो किसी भी व्यक्ति की केलोरी की जरूरत का मात्र 20 प्रतिशत ही है। मध्यान्ह भोजन योजना में भी शालाओं में जाने वाले बालकों को करीब 180 ग्राम अनाज मिलनेपात्र है। इसकी तुलना में खाद्य सुरक्षा ऑर्डिनेंस में व्यस्क व्यक्ति को रोजाना दो वक्त के भोजन के लिए मात्र 165 ग्राम अनाज देने का प्रस्ताव है।

इसमें केलोरीफीक सुरक्षा और न्युट्रिशन सुरक्षा के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है जो खाद्य सुरक्षा बिल का मूल मकसद है। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में श्री मोदी ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा ऑर्डिनेंस, एनएफएसओ पर गम्भीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस ऑर्डिनेंस की वजह से गरीब परिवारों की अनाज सुरक्षा पर गहरा असर पड़ेगा। इस ऑर्डिनेंस से खाद्य सुरक्षा का मूल उद्देश्य ही पूरा नहीं होता। ऐसा लग रहा है कि केन्द्र सरकार बीपीएल परिवार के पास से रहा-सहा भी छीन लेने का प्रयास कर रही है। दूसरी ओर योजना आयोग बीपीएल परिवारों के मापदंड में भी बदलाव करके परिवारों की संख्या में कमी होने का दावा कर रहा है। बीपीएल परिवारों पर भी एनएफएसओ से गम्भीर असर होगा। आश्चर्य की बात यह है कि पात्रता का मापदंड तय किए बगैर ही अधिसूचना में लाभार्थियों की संख्या और व्यक्तिगत आवंटन तय कर दिया गया है।

विभिन्न राज्यों के बीच बड़े पैमाने पर प्रादेशिक असमानता हो सकती है। एक और अचरज की बात है कि केन्द्र सरकार ने एनएफएसओ के मामले में किसी राज्य की सलाह नहीं ली है। संघीय ढांचे में में केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर काम करें, यह जरूरी है। श्री मोदी ने पत्र में लिखा है कि इस अधिसूचना में केन्द्र और राज्य सरकारों को अकार्यक्षमता की जिम्मेदारी सौपी गई है।

एनएफएसओ का केन्द्र और राज्य सरकारों पर गम्भीर असर होगा। इसे देखते हुए श्री मोदी ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलवाने का सुझाव दिया है। संवेदनहीन युपीए सरकार ने फैसला लेने के लिए राज्य सरकारों के लिए खास मौका नहीं रखा। कई राज्यो ने उनके नागरिकों को सफलतापूर्वक खाद्य सुरक्षा उपलब्ध करवाई है जबकि केन्द्र सरकार असरदार खाद्य सुरक्षा के लिए राज्यों की सलाह लेने में भी विफल रही है।

Effect of proposed National Food Security Ordinance (NFSO) on a BPL Family (monthly)

Before  NFSO (Quantity : 35 Kg)

As Per NFSO (Expenditure for 35 Kg for a family of 5 persons)

As Per NFSO  :    25 kg 

Open Market  :    10 kg 

Additional Expanses Rs. 85 per month

Click Here to see the presentation on how the National Food Security Ordinance will have a negative impact on the poor.

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...

Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.